EXCLUSIVE –कौन हराएगा अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली विधानसभा सीट पर ?

राहुल गांधी को अमेठी में चुनाव हरा चुकी बीजेपी अब दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को उनकी ही विधानसभा में हराने की रणनीति बना चुकी है ।

हाल के चुनावों में हमने देखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी किस तरह से विरोधी दलों के दिग्गज नेताओं को उनके ही क्षेत्र में मात देने के लिए खास रणनीति बनाती है । इस तरह की रणनीति का मकसद दिग्गज विरोधी नेताओं को हराने के साथ-साथ उनके पार्टी कैडर के मनोबल को भी तोड़ना होता है । 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इसी रणनीति को अपनाते हुए देश के कई राज्यों में विरोधी दलों के दिग्गज नेताओं की घेरेबंदी की । ऐसा कर बीजेपी ने एक तरफ जहां कई दिग्गज नेताओं को उनके इलाकों तक ही सीमित कर दिया वहीं कई को चुनावी मैदान में शिकस्त देकर रिकॉर्ड भी कायम कर लिया ।

अमेठी में राहुल गांधी की हार , मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार , मल्लिकार्जुन खड़गे ,  राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे समेत कई विरोधी दिग्गज नेताओं की चुनावी हार बीजेपी की इसी मैन टू मैन मार्किंग रणनीति का ही परिणाम था और अब बीजेपी अरविंद केजरीवाल को विधानसभा में ही पहुंचने से रोकना चाहती है ।

बीजेपी ने अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है । बीजेपी खासतौर से नई दिल्ली विधानसभा सीट जीतने के लिए खास रणनीति पर अमल करने जा रही है । जी हां , नई दिल्ली विधानसभा सीट , जहां से वर्तमान में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विधायक है । मतलब साफ है कि बीजेपी आम आदमी पार्टी के मुखिया को उसके घर में ही हराना चाहती है । आप सरकार को सत्ता से बाहर करने के साथ-साथ बीजेपी केजरीवाल को विधायकी चुनाव में भी शिकस्त देना चाहती है ।

इसे भी पढ़ें :  दिल्ली हिंसा पर सुब्रमण्यम स्वामी ने किया बड़ा खुलासा

बताया जा रहा है कि हरियाणा के हिसार के अरविंद केजरीवाल को हराने के लिए बीजेपी हरियाणा के ही रोहतक में जन्मे मशहूर हरियाणवी डांसर सपना चौधरी को नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतार सकती है। युवा वर्ग में सपना चौधरी की लोकप्रियता के सहारे बीजेपी केजरीवाल को उन्ही की विधानसभा सीट पर शिकस्त देना चाहती है । बीजेपी को लगता है कि नई दिल्ली विधानसभा सीट के गणित और इतिहास को देखते हुए केजरीवाल को हरा पाना असंभव नहीं होगा क्योंकि खुद केजरीवाल इसी सीट से पहली बार तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हरा कर विधायक चुने गए थे।