12वीं पंचवर्षीय योजना के बाद भी जारी रहेगी वर्तमान यूरिया सब्सिडी , मोदी सरकार की मुहर

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने उर्वरक विभाग के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है जिसके मुताबिक कुल 1,64,935 करोड़ रुपये के अनुमानित व्‍यय से यूरिया सब्सिडी योजना को 2017 से 2020 तक जारी रखने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है और साथ ही उर्वरक सब्सिडी की अदायगी के‍ लिए प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) का कार्यान्‍वयन के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दिखा दी गई है ।

यूरिया सब्सिडी योजना जारी रहने से ये सुनिश्चित हो सकेगा कि किसानों को वैधानिक नियंत्रित मूल्‍य पर पर्याप्‍त मात्रा में यूरिया उपलब्‍ध हो। उर्वरक क्षेत्र में प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण  के कार्यान्‍वयन से हेराफेरी के मामले कम हो जाएंगे और उर्वरक की चोरी बंद हो जाएगी।

उर्वरक विभाग देशभर में उर्वरक क्षेत्र में प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण को लाने की प्रक्रिया में है। प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण से किसानों को आर्थिक सहायता के साथ उर्वरक की बिक्री से उर्वरक कम्‍पनियों को शत-प्रतिशत भुगतान सु‍निश्चित हो सकेगा। अत: यूरिया सब्सिडी योजना जारी रखने से उर्वरक क्षेत्र में प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण योजना का आसानी से कार्यान्‍वयन हो सकेगा।

यूरिया सब्सिडी 1 अप्रैल, 2017 से उर्वरक विभाग की केन्‍द्रीय क्षेत्र की योजना का हिस्‍सा है और बजटीय सहायता से सरकार पूरी तरह से इसका वित्‍तीय प्रबन्‍ध करती है। यूरिया सब्सिडी योजना जारी रहने से यूरिया निर्माताओं को समय पर सब्सिडी का भुगतान सुनिश्चित हो सकेगा। इसके परिणामस्‍वरूप किसानों को समय पर यूरिया उपलब्‍ध होगा। यूरिया सब्सिडी में आयातित यूरिया सब्सिडी शामिल है, जो देश में यूरिया की निर्धारित मांग और उत्‍पादन के बीच की खाई को पाटने के लिए आयात को सुधारने की तरफ संचालित है। इसमें देश में यूरिया को लाने-ले जाने के लिए माल भाड़ा सब्सिडी भी शामिल है।

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