सहवाग को किसने बनाया विस्फोटक बल्लेबाज ?

मास्टर ब्लॉस्टर का खिताब भले ही क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को मिला हो लेकिन जब भी विस्फोटक बल्लेबाज का जिक्र आता है तो एक ही नाम सामने आता है वीरेंदर सहवाग । यह सवाल सबके जेहन में आता रहता है कि आखिर किसकी वजह से सहवाग एक विस्फोटक बल्लेबाज बने।  आखिर कौन था वह खिलाड़ी जिसने सहवाग को ओपनिंग करने की सलाह दी थी , जो सहवाग को चौथे नंबर से पहले नंबर पर लेकर आया था ?

इसे लेकर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने एक बड़ा खुलासा किया है। गांगुली के मुताबिक अगर सहवाग ओपनर के तौर पर बल्लेबाजी न करते तो वह इतने विस्फोटक बल्लेबाज नहीं बन पाते। आपको बता दें कि सहवाग ने जब अपने करियर की शुरुआत की थी, तब वह ओपनिंग नहीं किया करते थे। वीरू उस वक्त चौथे नंबर पर खेलते थे।

2002 में श्रीलंका के खिलाफ एक मैच में कप्तान गांगुली ने ही उनसे पहली बार ओपनिंग करवाई थी। गांगुली के इस फैसले को सहवाग ने गलत साबित नहीं होने दिया था। उस मैच के बाद ओपनर के तौर पर सहवाग का खेल हर मैच में निखरता रहा।

गांगुली ने हाल ही में ‘एक शतक काफी नहीं’ नाम की किताब लिखी है। एक कार्यक्रम में उसी से जुड़े सवालों के जवाब देते हुए गांगुली ने सहवाग का जिक्र किया। गांगुली बताना चाह रहे थे कि कई बार अनचाहे या अधूरे मन से लिए गए फैसले आगे जाकर सही साबित हो जाते हैं, ऐसे में चांस लेने से पीछे नही हटना चाहिए।

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गांगुली ने आगे कहा, ‘हेडन और लैंगर अपनी टीम के लिए ओपन करके अच्छा कर रहे थे, इस बात को सोचते-सोचते मेरे मन ने कहा क्यों न सहवाग ने ओपन करवाया जाए? मैंने सोचा, करके देखते हैं, जो होगा देखा जाएगा। अगर ऐसा न किया गया होता तो सहवाग उसके आधे भी न पाते जैसे वे बन पाए। सहवाग के सफल होने से मुझे यकीन हो गया कि आपको पता नहीं होता कि कौन सा कदम सही साबित हो जाए।’