भविष्य में पेपर लीक की संभावना को खत्म करने के लिए सक्रिय हुए जावड़ेकर

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पेपर लीक के मामलों की रोकथाम करने के लिए सीबीएसई द्वारा दसवीं और बारहवीं कक्षाओं की परीक्षा कराने की समूची प्रणाली पर गौर करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अवकाश प्राप्‍त सचिव (उच्‍च शिक्षा) विनय शील ओबेरॉय इस सात सदस्‍यीय उच्‍चाधिकार प्राप्‍त समिति के अध्‍यक्ष होंगे।

समिति इन मुद्दों पर करेगी विचार

  • इस प्रणाली में अंतर्निहित सुरक्षा जांच से संबंधित समस्‍त पहलुओं पर नये सिरे से गौर करना, ताकि बिना किसी गड़बड़ी के प्रश्‍न पत्रों को परीक्षार्थियों तक पहुंचाना सुनिश्चित हो सके।
  • प्रिंटिंग प्रेस से परीक्षार्थियों तक प्रश्‍न पत्रों को पहुंचाने की वर्तमान प्रणाली में अंतर्निहित संभावित खामियों के समस्‍त पहलुओं पर नये सिरे से गौर तथा आकलन करना।
  • ऐसे उपाय सुझाना जिससे कि प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल कर तथा किसी भी व्‍यक्ति को प्रश्‍न पत्र सौंपने की आवश्‍यकता को न्‍यूनतम कर इस प्रणाली को और ज्‍यादा सुरक्षित बनाया जा सके।

जानिए समिति के अन्य सदस्यों के बारे में –

  1. पवनेश कुमार, अवकाश प्राप्‍त परीक्षा नियंत्रक, सीबीएसई और पूर्व सचिव, उत्‍तर प्रदेश परीक्षा बोर्ड।
  2.  प्रो. जे.एस राजपूत, यूनेस्‍को के कार्यकारी बोर्ड में भारत के प्रतिनिधि, एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक एवं एनसीटीई के पूर्व अध्‍यक्ष।
  3. प्रो. वसुधा कामत, स्‍वतंत्र निदेशक, इरकॉन एवं पूर्व कुलपति, एसएनडीटी महिला विश्‍वविद्यालय।
  4. प्रो. कृष्‍ण मोहन त्रिपाठी, पूर्व शिक्षा निदेशक, उत्‍तर प्रदेश और हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड, उत्‍तर प्रदेश के अध्‍यक्ष।
  5. एनआईसी के डीजी के वरिष्‍ठ प्रतिनिधि।
  6. संयुक्‍त सचिव (माध्‍यमिक शिक्षा–II)
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