छोड़ आए हम वो गलियां – सुषमा स्वराज

सरकारी बंगले पर कब्जा जमाए नेताओं को अरूण जेटली और सुषमा स्वराज जैसे नेताओं से सीख लेनी चाहिए । नई सरकार के गठन के साथ ही मंत्रीपद स्वीकार न करने वाले जेटली ने तो पहले ही अपना सरकारी आवास खाली करना शुरू कर दिया था और अब पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी सफदरजंग लेन के अपने सरकारी आवास को अपने आप से ही खाली कर एक मिसाल तो पेश कर ही दिया है ।

भाजपा की दिग्गज नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नई दिल्ली के सफदरजंग लेन स्थित अपने सरकारी आवास को खाली करने की जानकारी ट्वीट पर देते हुए लिखा कि अब पुराने पत्ते और नंबरों पर संपर्क नहीं हो पाएगा। उन्होने लिखा , ‘मैंने अपने सरकारी आवास 8, सफदरजंग लेन, नई दिल्ली को खाली कर दिया है. कृपया ध्यान दें कि मुझसे पहले के पते और फोन नंबरों पर संपर्क नहीं किया जा सकता. ‘

गौरतलब है कि सुषमा स्वराज ने इस बार स्वास्थ्य कारणों से लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। शायद स्वास्थ्य कारणों की वजह से ही उन्हे मोदी सरकार 2.0 में भी मंत्री नहीं बनाया गया । इसके बाद नैतिक आधार पर बड़ा दिल दिखाते हुए सुषमा स्वराज ने उस सरकारी आवास को खाली करने का फैसला ले लिया जहां वो दशकों से रहा करती थी।

हालांकि लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा करते समय ही एक ट्वीट के जवाब में सुषमा स्वराज ने लिखा था कि मैं राजनीति से रिटायर नहीं हो रही हूं। सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से 2019 का चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया हैं । लेकिन अब बदले राजनीतिक माहौल में उनकी राजनीतिक सक्रियता को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है। वाकई , सरकारी आवासों पर कब्जा जमाए नेताओं को सुषमा स्वराज और अरूण जेटली जैसे नेताओं से सीख लेनी चाहिए।

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