विकास और विश्वास की डोर को मजबूत करने के मकसद को लेकर अल्पसंख्यक मंत्रालय की टीम जम्मू कश्मीर के दौरे पर 

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खत्म किये जाने के बाद अब मोदी सरकार इस इलाके की विकास की रणनीति बनाने में जुट गई है. 

By आनंद प्रकाश पांडेय , वरिष्ठ पत्रकार (anandprakashpandey@gmail.com)

जम्मू कश्मीर के लंबित मुद्दें पर इतना बड़ा कदम उठाने के बाद आंतरिक स्तर पर शांति बनाने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन हासिल करके केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार मजबूत स्थिति में आ गई है . अब सरकार का एजेंडा जम्मू कश्मीर और लद्दाख का विकास करना है ताकि भविष्य मोदी सरकार के फैसले को सही करार दे सके.

सरकार की इसी मंशा के तहत केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय की एक उच्चस्तरीय टीम जम्मू कश्मीर जा रही है जहां जाकर वो कश्मीर की जरूरतों का अध्ययन करेगी . अधिकारियों और वहां की पब्लिक से बात कर उनकी इच्छा जानने की कोशिश करेगी.

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के मुताबिक विकास और विश्वास की डोर को मजबूत करने के मकसद से यह टीम कश्मीर जा रही है.

नकवी के मुताबिक जम्मू ,कश्मीर, लेह और कारगिल में बहुत वक्फ संपत्तियां है , पहले हम उन संपत्तियों का डिजिटाईजेशन करेंगे . साथ ही वक्फ प्रोपर्टीयों का सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए इस्तेमाल हो के एजेंडे के साथ नीति बनाई जाएगी ताकि इसका सदुपयोग स्कूल, कॉलेज हास्पिटल आदि बनाने में किया जा सके.

नकवी ने दावा किया कि जम्मू- कश्मीर-लेह-कारगिल तक अब बेरोकटोक विकास की रोशनी पहुंचेगी जो पहले 370 के कारण वहां नहीं पहुंच पाती थी. पहले 100 से ज्यादा केंद्रीय कानून और योजनाएं जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं हो पा रही थी. लेकिन अब सामाजिक , आर्थिक और शैक्षणिक प्रगति की योजनाए लागू होगी . शिक्षा ,कौशल , विकास , रोजगार, स्कूल कॉलेज, हॉस्टल ,  इंफ्रास्ट्रकचर … सब तरह का विकास होगा।

इसे भी पढ़ें :  आईआईटी दिल्ली का 51वां दीक्षांत समारोह- पीएम नरेंद्र मोदी होंगे मुख्य अतिथि