डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों की अब खैर नहीं- आ गया नया कानून

डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों की अब खैर नहीं। मेडिकल सर्विसेज से जुड़े लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने का फैसला किया था।

मोदी सरकार के अध्यादेश पर लग गई राष्ट्रपति की मुहर

 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को ही देर रात कोविड -19 महामारी से लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा देने वाले अध्यादेश – महामारी रोग ( संशोधन) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी। महामारी रोग अधिनियम- 1897 में संशोधन वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अब यह कानून बन गया है। आपको बता दें कि देशभर से डॉक्टरों,नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा लगातार की जा रही मांग के मद्देनजर ही मोदी कैबिनेट ने बुधवार को स्वास्थ्यकर्मियों और संपत्ति की रक्षा के लिए महामारी रोग ( संशोधन) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दी थी।

डॉक्टरों-नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों की अब खैर नही

केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश के जरिए लागू किये गए कानून के मुताबिक अब डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों की खैर नहीं। ऐसा हिंसक कार्य करने या उसमें सहयोग करने वाले लोगों को 3 महीने से लेकर 5 साल तक के लिए जेल जाना पड़ सकता है। इसके साथ ही 50 हजार से लेकर 2 लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।

गंभीर चोट या जख्म पहुंचाने पर दोषी को 7 साल तक कि सजा हो सकती है । ऐसे अपराधी को 5 लाख रुपये तक का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। इसके साथ ही अपराधी को पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा भी देना पड़ेगा। पीड़ित की संपत्ति को पहुंचे नुकसान के बाजार मूल्य की दोगुनी राशि मुआवजे के तौर पर अपराधी को पीड़ित को देनी होगी।

इसे भी पढ़ें :  हज यात्रा को ऑनलाइन करने से बिचौलियों का हुआ सफाया-मुख्तार अब्बास नकवी

सबसे खास बात यह है कि अब स्वास्थ्यकर्मियों (डॉक्टरों, नर्सों आदि) पर हमले को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध बना दिया गया है।