छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में शुरू होगा देश का पहला गार्बेज कैफे

घुमन्तु लोगों को प्लास्टिक का कचरा लाने पर मिलेगा मुफ्त भोजन। इस गार्बेज कैफे में एक किलो प्लास्टिक के केरी बैग का कचरा लाने पर मुफ्त में भरपेट खाना दिया जाएगा , वहीं आधा किलो प्लास्टिक वेस्ट लाने पर मुफ्त नाश्ता दिया जाएगा।

स्वच्छता के क्षेत्र में देशभर में अपना झंडा बुलंद करने के बाद छत्तीसगढ़ का अम्बिकापुर शहर एक बार फिर से नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है। यहां देश की पहली “गार्बेज कैफे” की शुरूआत होने जा रही है। यह गार्बेज कैफे उन घुमन्तु लोगों के लिये मददगार साबित होगा जो जगह-जगह कचरा बीन कर अपना जीवन-यापन करते हैं।

दरअसल , नगर निगम अम्बिकापुर नें इस बार के बजट में यह घोषणा की है कि अम्बिकापुर और शहर के आसपास के गरीब घुमन्तु लोगों को मुफ्त में भोजन कराया जाएगा साथ हीं उनके रहने की भी व्यवस्था की जाएगी।इसके लिए “गार्बेज कैफे” जैसी योजना का तानाबाना बुनने की कवायद शुरू की जा रही है। इस योजना को स्वच्छता अभियान के साथ जोड़ा जा रहा है। योजना है कि इस गार्बेज कैफे में एक किलो प्लास्टिक के केरी बैग का कचरा लाने पर मुफ्त में भरपेट खाना दिया जाएगा , वहीं आधा किलो प्लास्टिक वेस्ट लाने पर मुफ्त नाश्ता दिया जाएगा।

नगर निगम की बजट में इस योजना के लिए साढ़े पाँच लाख रुपयों का प्रावधान किया गया है।जरूरत पड़ने पर जनप्रतिनिधियों से और ज्यादा मदद ली जाएगी।शहर और शहर के आसपास रहने वाले सैंकड़ों घुमन्तु लोगों को इस योजना से जोड़कर शहर को प्लास्टिक मुक्त करने की इस योजना की अभी से तारीफ की की जा रही है।

गौरतलब है कि स्वच्छता अभियान में अम्बिकापुर नगर निगम अभी पूरे देश में दूसरे स्थान पर है।निगम ने पहले ही प्लास्टिक को प्रतिबंधित कर दिया है लेकिन अब भी कई स्थानों पर प्लास्टिक वेस्ट की ढेर लगी हुई है।इसे पूरी तरह से खत्म करने में यह योजना कारगर साबित हो सकती है।

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अम्बिकापुर नें स्वच्छता के क्षेत्र में अनेक कीर्तिमान स्थापित किये हैं।यहां की एस एल आर एम योजना छत्तीसगढ़ समेत अनेक राज्यों के लिए मॉडल योजना रही है।अम्बिकापुर शहर की  डंप-यार्ड फ्री शहर के रूप में देश भर में प्रशंसा भी हो चुकी है।शहर की स्वच्छता दीदियां अब शहर की नई पहचान बनकर उभरी हैं।ऐसे में देश की पहली “गार्बेज कैफे” खुलने से स्वच्छता अभियान की दिशा में अम्बिकापुर शहर एक कदम और आगे बढ़ता दिखाई पड़ता है।