सिविल सर्विसेज़ एग्जाम की तैयारी कर रहे सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर

सिविल सर्विसेज़ की अधिकतम आयुसीमा को घटाने को लेकर आ रही खबरों के बीच सफाई देते हुए केन्द्र सरकार ने साफ किया है कि वह इस तरह के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है ।

केन्द्र की मोदी सरकार ने कहा है कि सिविल सर्विसेज़ एग्जाम के लिए अधिकतम आयुसीमा नहीं घटाई गई है । केन्द्रीय मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि फिलहाल सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है ।

पिछले कुछ समय से ये अटकलें लगाई जा रही थी कि सरकार सिविल सर्विसेज़ एग्जाम के लिए अधिकतम आयु की सीमा को घटाने पर विचार कर रही है , लेकिन केन्द्रीय मंत्री के इस बयान के बाद अब इन अटकलों पर विचार लग गया है ।

आपको बता दे कि पिछले दिनों नीति आयोग ने सिविल सर्विसेज़ के उम्मीदवारों की अधिकतम आयुसीमा घटाने की सिफारिश की थी। नीति आयोग के इस सुझाव से सिविल सर्विसेज़ को लेकर तैयारी करने वाले देशभर के स्टूडेंटस गुस्सें में आ गए थे और इस सुझाव के विरोध में कई जगहों पर लगातार प्रदर्शन भी हो रहे थे।

दरअसल, नीति आयोग ने सुझाव दिया है कि सिविल सर्विसेज के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों की अधिकतम आयुसीमा को 30 साल से घटाकर 27 साल कर दिया जाए। आयोग ने इसे सत्र 2022-23 से लागू करने के लिए कहा है। आयोग ने अपनी ‘स्ट्रेटजी फॉर न्यू इंडिया @75’ नाम की रिपोर्ट में ये बातें शामिल की हैं ।

इस रिपोर्ट में ये भी सिफारिश की गई है कि सभी सिविल सर्विसेज के लिए एक ही परीक्षा हो। अभी केंद्र और राज्यों के स्तर पर 60 से भी ज्यादा सिविल सर्विसेज हैं। नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सभी भर्तियां केंद्रीय टैलेंट पूल के आधार पर हों। नीति आयोग का कहना है कि नौकरशाही के उच्च स्तर पर विशेषज्ञों की लेटरल एंट्री को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए जिससे हर क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा विशेषज्ञों की सेवाएं मिल सकें।

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