शाह गुजरात में चुनाव नहीं लड़ेंगे, टिकट बंटवारे से कैम्पेन स्ट्रैटेजी तक सारी कमान संभालेंगे

अहमदाबाद. बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह इस बार गुजरात असेंबली का चुनाव नहीं लड़ेंगे। फिलहाल वे नारणपुरा सीट से विधायक हैं। उन्होंने 2012 में इस सीट से चुनाव जीता था। ऐसा कहा जा रहा है कि वे 30 मार्च को आखिरी बार गुजरात विधानसभा में मौजूद रहेंगे। वे दिसंबर में होने वाले इलेक्शन में टिकटों के बंटवारे से लेकर से कैम्पेन स्ट्रेटजी तक में अहम रोल निभाएंगे।3 साल से अपने क्षेत्र के लोगों को वक्त नहीं दे पा रहे थे…
– बीजेपी सूत्रों ने DivyaBhaskar.com को बताया कि पार्टी प्रेसिडेंट के तौर पर शाह की जिम्मेदारी काफी बढ़ गई है। वे अपनी असेंबली सीट के लिए पिछले 3 साल से वक्त ही नहीं दे पा रहे थे। इस बार वे राज्य में कैम्पेन स्ट्रेटजी पर फोकस करेंगे।
– शाह 29-30 मार्च को गुजरात के दौरे पर होंगे। वे यहां प्रदेश के नेताओं और मंत्रियों को लेकर एक खास बैठक करेंगे, जिसमें इलेक्शन को लेकर अहम फैसले लिए जा सकते हैं। 30 मार्च को असेंबली की कार्यवाही में भी मौजूद रहेंगे।
– शाम को सभी मंत्रियों और बड़े नेताओं के साथ डिनर करेंगे।
1997 में पहली बार विधायक बने थे अमित शाह
अमित शाह पहली बार 1997 में सरखेज विधानसभा सीट से उप चुनाव जीतकर एमएलए बने थे। इसके बाद 1998, 2002, और 2007 में विधायक चुने गए थे।
– 2012 में उन्होंने नारणपुरा सीट पर चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी।
गुजरात में BJP का मिशन 150, 22 साल में पहली बार नहीं होगा कोई CM कैंडिडेट
– यूपी में बीजेपी की बड़ी जीत के बाद गुजरात में पार्टी ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी नेताओं के बीच दो फॉर्मूले पर सहमति बनती दिख रही है।
– पहला- पार्टी इस बार सीएम कैंडिडेट का एलान नहीं करेगी। बीजेपी गुजरात में पहली बार 1995 में सत्ता में आई थी। तब पार्टी ने बिना सीएम कैंडिडेट का एलान किए चुनाव लड़ा था। जीत के बाद केशुभाई पटेल को सीएम बनाया गया था।
– दूसरा- अगर पार्टी चुनाव में जीत दर्ज करती है तो डिप्टी सीएम की पोस्ट को बनाया जाएगा। दरअसल, पार्टी पूरा इलेक्शन यूपी की तर्ज पर लड़ना चाहती है। यही वजह है कि बीजेपी ने ‘यूपी में 300, गुजरात में 150’ का स्लोगन दिया है।
जुलाई या सितंबर में हो सकते हैं इलेक्शन
– एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ऐसी अटकलें हैं कि जुलाई या सितंबर में चुनाव कराया जा सकता है।
– दूसरी तरफ, सीएम विजय रूपानी ने कहा कि पार्टी को पांच साल के लिए जनादेश मिला है और सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि दिसंबर में ही चुनाव कराए जाएंगे।
बीजेपी के सामने 4 चैलेंज
– इस बार मोदी के गढ़ में बीजेपी को कई चैलेंज का सामना करना पड़ सकता है।
1. पटेल आरक्षण अहम है। पटेल राज्य में ओबीसी का दर्जा चाहते हैं। कम्युनिटी लंबे वक्त से आंदोलन कर रही है।
2. दलित कम्युनिटी पर हमले का मुद्दा भी बड़ा है। पिछले दिनों गौरक्षा के नाम पर दलितों पर हुए हमले भी पार्टी के लिए मुश्किल पैदा कर रहे हैं।
3. बीजेपी के खिलाफ एंटी-इन्कम्बेंसी फैक्टर भी है। गुजरात में 19 साल से लगातार बीजेपी की सरकार है।
4. मोदी के दिल्ली जाने के बाद पार्टी राज्य स्तर पर एक ताकतवर नेता की कमी से भी जूझ रही है।
असेंबली में अभी क्या स्थिति है?
– कुल 182 सीटें हैं
– BJP: 123
– INC: 56
– NCP: 2
– JD(U): 1
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