जनजातीय मामलों के मंत्री जुआल ओराम मंगलवार को नई दिल्ली में “ई ट्राइब्स इंडिया” करेंगे लांच

भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय के दृष्टि पत्र के अनुसार जनजातीय मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राइफेड) अब डिजिटल होने जा रहा है। जनजातीय मामलों के मंत्री जुआल ओराम मंगलवार को “ई ट्राइब्स इंडिया” लांच करने जा रहे हैं। इस अवसर पर जनजातीय मामलों के राज्यमंत्री जसवंतसिंह सुमनभाई भाभोर तथा जनजातीय मामलों के राज्यमंत्री सुदर्शन भगत भी उपस्थित रहेंगे।

ट्राइफेड की वेबसाइट ई-ट्राइब्स में www.tribesindia.comwww.trifed.in तथा रिटेल इंवेंट्री सॉफ्टवेयर और एम-कॉमर्स ऐप शामिल है। इसके अतिरिक्त इस अवसर पर अमेज़न, स्नैपडील, पेटीएम तथा जीईएम पर“ट्राइब्स इंडिया” के बैनर भी लांच किए जाएंगे। खुदरा व्यापार के लिए ट्राइफेड की पुस्तिका और ट्राइफेड की तिमाही पत्रिका “ट्राइब्स हाट” का भी विमोचन किया जाएगा।

ट्राइफेड ने अपने सभी उत्पादों को बेचने तथा एम-कॉमर्स (मोबाइल कॉमर्स) क्षेत्र पर पकड़ के लिए अपनी ई-कॉमर्स (इलेक्ट्रोनिक कॉमर्स) वेबसाइट tribesindia.com विकसित किया है। एक एनड्रॉयड ऐप के साथ-साथ गूगल स्टोर (ट्राइब्स इंडिया) भी है, जिसे किसी भी एनड्रॉयड फोन पर डाउनलोड किया जा सकता है और एनड्रॉयड स्मार्टफोन का उपयोग कर इस मोबाइल ऐप से बिक्री की जा सकती है।

ट्राइफेड के डिजिटल होने से जनजातीय वाणिज्य का विस्तार होगा और बड़े इलाके तक जनजातीय उत्पाद उपलब्ध होंगे, जिसका लाभ जनजातीय दस्तकार उठाएंगे। जनजातीय उत्पादों का खुदरा व्यापार देश और विदेश तक फैलेगा।

ट्राइफेड ने स्नैपडील और अमेज़न जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों से समझौता किया है, जो जनजातीय उत्पादों को अपने ग्राहकों को पेश करेंगे। उत्पाद उनके पोर्टल www.snapdeal.com और www.amazon.com पर ऑनलाइन बेचे जाएंगे। जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अनुरोध पर ट्राइफेड के माध्यम सेwww.gem.gov.in पर जनजातीय उत्पाद बेचने के लिए वाणिज्य मंत्रालय ने भी प्रावधान किया है। इसके अतिरिक्त फ्लिपकार्ट और पेटीएम पर भी जनजातीय भारतीय उत्पाद उपलब्ध हैं।

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ट्राइफेड जनजातीय उत्पादों के विपणन के अनेक पहलुओं पर काम कर रहा है। इनमें मोबाइल एनड्रॉयड एप्लीकेशन से जनजातीय उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री, प्रदर्शनियों में भागीदारी, कौशल उन्नयन प्रशिक्षण, ट्राइफेड की गतिविधियों पर प्रचार सामग्री की तैयारी शामिल हैं।

भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राइफेड) जनजातीय मंत्रालय के अंतर्गत बहु-राज्य सहकारी सोसायटी है। संघ अपने 31 खुदरा दुकानों “ट्राइब्स इंडिया”, विभिन्न राज्यों के 37 इंपोरिया और 16 फ्रेंचाइज दुकानों में जनजातीय उत्पादों को विपणन समर्थन देकर जनजातीय उत्पादों, कला और दस्तकारी के विपणन को प्रोत्साहित कर रहा है। ट्राइफेड राष्ट्रीय जनजातीय क्रॉफ्ट एक्सपो “आदि महोत्सव” जैसे प्रदर्शनियां भी आयोजित करता है और जनजातीय उत्पादों का विपणन प्रोत्साहन करता है। यह जनजातीय दस्तकारों को सुविधा उपलब्ध कराता है, ताकि वे बाजार आवश्यकताओं का जायजा लेने के लिए कला प्रेमियों के साथ सीधी बातचीत कर सकें। पिछले तीन वर्षों में उत्पादों की बिक्री के लिए यह जनजातीय दस्तकारों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उपलब्ध करा रहा है।