बुजुर्ग नेताओं के अच्छे दिन आने वाले हैं…

सरकार के सूत्रों के मुताबिक नए राज्यपालों की रेस में सुषमा स्वराज, सुमित्रा महाजन, उमा भारती, कलराज मिश्र, करिया मुंडा, भगत सिंह कोश्‍यारी और बंडारू दत्तात्रेय जैसे पार्टी के दिग्गज बुजुर्ग नेता सबसे आगे चल रहे हैं।

जुलाई 2019 से देश के कई बुजुर्ग नेताओं के लिए अच्छी खबर आने की शुरूआत होने जा रही है । यह अच्छे दिन बीजेपी के बुजुर्ग नेताओं के आने वाले हैं। दरअसल , जुलाई से दिसंबर के बीच देश के 10 राज्यपालों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। गुजरात के राज्यपाल ओमप्रकाश कोहली का कार्यकाल 15 जुलाई को समाप्त हो रहा है। नगालैंड के राज्यपाल पद्मनाभ आचार्य भी 19 जुलाई को ही रिटायर हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक का कार्यकाल 21 जुलाई को , पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी का 23 जुलाई , महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव का 30 अगस्त, गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा का 31 अगस्त, कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला का 1 सितंबर को और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह का कार्यकाल 4 सितंबर को समाप्त हो रहा है ।

वहीं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस पी सदाशिवम 5 सितंबर को केरल के राज्यपाल के पद से मुक्त हो रहे हैं। आंध्रप्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन भी इसी साल दिसंबर में 10 साल का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। आपको बता दे कि नरसिम्हन यूपीए सरकार द्वारा नियुक्त अकेले राज्यपाल हैं जो अभी तक अपनी सेवा दे रहे हैं और वो देश में सबसे लंबे समय तक सेवारत राज्यपाल भी बन गए हैं।

आपको बता दें कि मई 2014 में पहली बार सत्ता में आने के कुछ ही महीने बाद मोदी सरकार ने पांच राज्यपालों की नियुक्ति की थी। बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम नाइक को उत्तर प्रदेश , ओपी कोहली को गुजरात, केसरीनाथ त्रिपाठी को पश्चिम बंगाल, बलराम दास टंडन को छत्तीसगढ़ और पद्मनाभ आचार्य को नगालैंड का राज्यपाल बनाया था।

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ऐसे में अभी से ही कयास लगने शुरू हो गए हैं कि आखिर इन पदों पर भाजपा के किस नेता का दावा कितना मजबूत है ? ऐसा भी कहा जा रहा है कि एक-दो पुराने चेहरे को बरकरार रखा जाएगा। वहीं एक से दो पुराने चेहरे को उनके वर्तमान राज्य से हटा कर दूसरे राज्य की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

सरकार के सूत्रों के मुताबिक नए राज्यपालों की रेस में सुषमा स्वराज, सुमित्रा महाजन, उमा भारती, कलराज मिश्र, करिया मुंडा, भगत सिंह कोश्‍यारी और बंडारू दत्तात्रेय के अलावा पार्टी के कई अन्य दिग्गज बुजुर्ग नेता शामिल हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा के कई नेता जो स्वास्थ्य कारणों से या अन्य वजहों से इस बार चुनाव नहीं लड़े हैं, उनमें से कुछ नेताओं को राज्यपाल बनाया जा सकता है।