कुमार विश्वास से इस पत्रकार ने सोशल मीडिया पर ये क्या पूछ डाला ?

आम आदमी पार्टी से नाराज चल रहे कुमार विश्वास से एक पत्रकार शशि शेखर ने उनके भाई को लेकर कुछ ऐसे सवाल पूछ डाले हैं जिसे लेकर काफी चर्चा हो रही है....हम फेसबुक पर लिखे उनके कथन को यहां प्रकाशित कर रहे हैं. अगर कुमार विश्वास या उनके भाई की तरफ से इसे लेकर कोई जवाब आता है तो हम उसे भी अपनी साइट पर छापने का वादा करते हैं. हमारा मेल आईडी है- onlypositivekhabar@gmail.com

डियर “राष्ट्रकवि” उर्फ कुमार विश्वास जी,

आपके वाईस-चांसलर भैया के खिलाफ तो आरोपों की फेहरिश्त ख़त्म ही नहीं हो रही है…

महात्मा गांधी सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी, मोतीहारी. जब से बना तब से विवादों के समंदर में डूबता-तैरता, किसी तरह अपना वजूद बचाए रखने की जद्दोजहद कर रहा है. इस यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए चंपारण की जनता ने अथक मेहनत की थी. लेकिन, आज भी यह सेंट्रल यूनिवर्सिटी राजनीति का ऐसा अखाड़ा बना हुआ है, जहां चाहे कोई भी जीते, हारती हर बार चंपारण की जनता है.

 

अब यहाँ एक नए वीसी आए है. संजीव शर्मा. कुमार विश्वास के भाई है. मेरठ के चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से आए है. अब जो जानकारी मिल रही है, इनके खिलाफ भी कई आरोप है. यहाँ तक कि इनकी नियुक्ति की वैधता भी चुनौती दी जा रही है. वित्तीय-प्रशासनिक अनियमितता के आरोप लगाए जा रहे है.

 

मैं ये बातें  तो अपनी तरफ से लिख रहा हूँ और न ही मेरा कोई परसेप्शन है, सिवाए एक परसेप्शन के कि चूंकि वे कुमार विश्वास के भाई है और कुमार जी उर्फ राष्ट्रकवि की निष्ठा फिलहाल जगजाहिर है. तो मैं इसमे पोलिटिकल कनेक्शन भी देख पा रहा हूं.

 

फिलहाल, नीच आरोपों का विवरण दे रहा हूं, जो कुछ प्रोफेसरों ने ही लिख कर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मानवा संसाधन मंत्री को भेजा है.ये अलग बात है कि अब तक उस पर कोई एक्शन नहीं लिया जा सका है. क्यों नहीं लिया जा सका है, इसमे भी मैं पोलिटिकल कनेक्शन ही देखता हूँ.

 

फिर से ध्यान दीजिए कि महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर, हमारे प्रिय राष्ट्रकवि उर्फ कुमार विश्वास के भैया जी है. फिलहाल, आरोप पत्र पर नजर डालिए…

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  1. प्रोफेसर संजीव शर्मा ने अपने मूल विश्विद्यालय यानि की चौधरी चरण सिंह विश्विद्यालय के भ्र्ष्ट अधिकारियों जैसे रजिस्ट्रार की मदद से उनके ऊपर गलत तरीके से रीडर से प्रोफेसर बनने और अन्य कई  मामलों  में विजिलेंस जांच (Annexure 2) जो अभी भी  लंबित है उस तथ्य को छुपा दिया (Annexure 3 कॉलम 6 और 7 ) और गलत तरीके से महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्विद्यालय मोतिहारी में कुलपति का पद हासिल किया है।

 

  1. चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के पूर्व कुलपति प्रोफेसर रमेश चंद्रा ने राज्यपाल के सचिव को 2002 में एक पत्र लिखा है (Annexure 6) जिसमे प्रोफेसर संजीव शर्मा के ऊपर अनुशासनत्मक करवाई से लेकर प्रोफेसर शर्मा द्वारा अनेकों प्रकार के घोटाले और अनियमितता का उल्लेख कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था ।

 

  1. नियमतः विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद , विषय विशेषज्ञों के नाम की अनुशंसा और अनुमोदन करती है। यही “विषय विशेषज्ञ” शिक्षकों के साक्षात्कार पैनल के सदस्य होते हैं। कुलपति संजीव कुमार शर्मा ने बिना महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्विद्यालय के कार्यकारी परिषद के अनुमति के अपने पूर्व परिचित और नजदीकी व्यक्तियों को साक्षात्कार पैनल का सदस्य बनाया जो कि गैरकानूनी है। कुलपति संजीव शर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग कर शिक्षकों की नियुक्ति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों की भी अवहेलना की है।

 

  1. महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्विद्यालय ने दिनांक 17 अक्टूबर, 2019 को एक ऑफिस आर्डर निकाला और विश्विद्यालय के असिस्टेंट/एसोसिएट /प्रोफेसर के वरीयता कर्म को बनाने के लिए DoPT के नियम लागू करने की बात रखी (Annexure 10) और इसपे आपत्ति जताने की अंतिम तिथि 18 नवम्बर 2019  रखी जबकि विश्विद्यालय द्वारा प्रकशित आर्डिनेंस में वरीयता क्रम को UGC के नियमानुसार बनाने का उल्लेख किया गया है (Annexure 11) । कई शिक्षकों के आपत्ति जताने के बाद भी बिना अंतिम तिथि बीतने का इंतजार किये हुए दिनांक 18 नवम्बर 2019 को कार्यकारी परिषद और अकादमिक परिषद की सूची अनियमित वरीयता क्रम के आधार पर निकाल दी गई जो की UGC और विश्विद्यालय के ऑर्डिनेस के विरुद्ध है (Annexure 9)। और इस तरह अवैध कार्यकारी परिषद का गठन किया ।इस प्रकार से कुलपति महोदय भारत सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध नियुक्तियों के सरगना बने हुवे हैं और ईमानदार शिक्षकों के लिए यातना गृह बनाये हुए हैं।
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  1. महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्विद्यालय, मोतिहारी में कक्षाओं और स्टाफ कक्ष की अत्यंत कमी होने के बावजूद इन्होने कई नए विभाग खोलकर अव्यवस्था पैदा कर दी है। और इसी अव्यवस्था और संसाधनों की कमी का लाभ उठाकर  कुलपति संजीव शर्मा ने मोतिहारी में एक मकान को पांच विभागों को चलाने के लिए किराए पर लिया है जिसका मासिक किराया रु 3,50,000 से भी अधिक है, अन्य कई खर्च अलग से । मोतिहारी जैसे छोटे शहर में पांच विभागों को चलाने के लिए केवल किराया के मद इतने खर्च को जायज नहीं ठहराया जा सकता है क्यूंकि मोतिहारी  सबसे छोटे शहर के श्रेणी में आने के कारण यहाँ मकान किराया भत्ता केवल 8 % के दर से ही विश्वविद्यालय कर्मियों को मिलता है।

Note – आम आदमी पार्टी से नाराज चल रहे कुमार विश्वास से एक पत्रकार शशि शेखर ने उनके भाई को लेकर कुछ ऐसे सवाल पूछ डाले हैं जिसे लेकर काफी चर्चा हो रही है….हम फेसबुक पर लिखे उनके कथन को यहां प्रकाशित कर रहे हैं. अगर कुमार विश्वास या उनके भाई की तरफ से इसे लेकर कोई जवाब आता है तो हम उसे भी अपनी साइट पर छापने का वादा करते हैं. हमारा मेल आईडी है- onlypositivekhabar@gmail.com