IAS की परीक्षा में अभी भी कायम है बिहारी छात्रों का दबदबा

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा IAS देता है बिहार

संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सर्विस परीक्षा को पास करने के बाद ही छात्र अथवा छात्रा सिविल सर्विसेज के लिए चुने जाते हैं . परीक्षा में मिले रैंक के आधार पर ही यह तय होता है कि वो IAS बनेंगे या IFS या IPS या किसी और सेवा में जाएंगे.  सबसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले यानि टॉप रैंकर्स ही बनते हैं आईएएस .

टॉप रैंकर्स की लिस्ट में आज भी बिहारी छात्रों का दबदबा बरकरार है.बिहार की धरती इन टॉपर्स को पैदा करने में आज भी दूसरे नंबर पर है . देश भर के कुल 4925 आईएएस अधिकारियों में 462 अकेले बिहार से हैं . यानि 10 फीसदी के लगभग टॉप ब्यूरोक्रेट्स बिहारी हैं .

रिकॉर्ड पर डालिए नजर

पिछले 20 सालों का रिकॉर्ड देखें तो बिहार से आईएएस अधिकारियों की संख्या में इजाफा हुआ है . वर्ष 1997 से 2006 के बीच 10 सालों में देश भर से चुने गए 1588 आईएएस अधिकारियों में से बिहार से 108 ( लगभग 7 फीसदी ) शामिल रहे। यह आंकड़ा अगले 10 सालों में बढ़ा। वर्ष 2007 से 2016 के बीच देश भर से चुने गए कुल 1664 आईएएस अधिकारियों में से बिहार से 125 ( लगभग 8 फीसदी ) शामिल हुए।

आईएएस और बिहार का सफर

वर्ष 2006 में बिहार से 7 आईएएस चुने गए थे . 2010 में इनकी संख्या बढ़कर 28 पर पहुंच गई , 2013 में 40 , और 2016 में यह आंकड़ा 45 पर पहुंच गया .

आईएएस की संख्या – टॉप 5 राज्य

देश में सबसे ज्यादा आईएएस देने वाला राज्य उत्तर प्रदेश ( 731 ) है . दूसरे मंबर पर 462 की संख्या के साथ बिहार है. तीसरे स्थान पर राजस्थान ( 376 ) है . 334 आईएएस की संख्या के साथ चौथे नंबर पर तमिलनाडु है. आन्ध्र प्रदेश ( 267 ) आईएएस देने वाले राज्यों के मामले में पांचवे स्थान पर आता है .

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