कैबिनेट का फैसला , सांसदों की बल्ले-बल्ले

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल (i) ने आवास और टेलीफोन सुविधाएं (संसद सदस्‍य) नियम, 1956 (ii) संसद सदस्‍य (निर्वाचन क्षेत्र भत्‍ता) नियम, 1986और (iii) संसद सदस्‍य (कार्यालय व्‍यय भत्‍ता) नियम, 1988 में संशोधन को स्‍वीकृति दे दी है। जिसके बाद कई मदों में सांसदों के भत्ते में बड़ा इजाफा हुआ है। यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल , 2018 से लागू होगी।

(i)   संसद सदस्‍यों के आवास पर फर्नीचर की आर्थिक सीमा को 75,000 हजार रुपए (60,000 रुपए टिकाऊ फर्नीचर के लिए और 15,000 रुपए गैर-टिकाऊ फर्नीचर के लिए) से बढ़ाकर दिनांक 01.04.2018 से 1,00,000 रुपए (80,000 रुपए टिकाऊ फर्नीचर के लिए और 20,000 रुपए गैर-टिकाऊ फर्नीचर के लिए) करना है, जिसमें आयकर अधिनियम1961 की धारा 48 के स्‍पष्‍टीकरण के खण्‍ड (v) के अंतर्गत उपबंधित लागत मुद्रास्‍फीति सूचकांक के आधार पर दिनांक 01.04.2023 से प्रत्‍येक पांच वर्ष में वृद्धि की जायेगी।

(ii)  संसद सदस्‍यों को लैंडलाइन कनेक्‍शन पर प्रतिवर्ष छोड़ी गई 10,000 कॉल यूनिटों के बदले अगस्‍त, 2006 से ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा उपलब्‍ध कराना, संसद सदस्‍यों को ब्रॉडबैंड इंटरनेट की सुविधा पहले ही अगस्‍त, 2006 से प्रदान की जा रही है और इसके नियमन के लिए आवास और टेलीफोन सुविधाएं (संसद सदस्‍य नियम, 1956 में एक नये नियम को अंत:-स्‍थापित करके पूर्वव्‍यापी प्रभाव से संशोधन के माध्‍यम से उसे शामिल किया जाएगा।

(iii) हाइस्‍पीड इंटरनेट कनेक्‍शन (एफटीटीएच कनेक्‍शन) उपलब्‍ध कराने के लिए सदस्‍यों के आवासीय क्षेत्र में दिनांक 01.09.2015 से 31.12.2016 तक 1700 रुपए तथा दिनांक01.01.2017 के बाद से 2200 रुपए की मासिक किराया योजना वाला वाईफाई जोन स्‍थापित करना। यह सुविधा वर्तमान ब्रॉडबैंड सुविधा के अतिरिक्‍त होगी। इस प्रयोजन के लिए आवास और टेलीफोन सुविधाएं (संसद सदस्‍य) नियम, 1956 में तीन नए उप-नियम शामिल किए जाएंगे।

(iv) ऊंची मुद्रास्‍फीति दर और वर्तमान आर्थिक स्‍थिति पर विचार करते हुए संसद सदस्‍यों के निर्वाचन क्षेत्र भत्‍ते को 45,000 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 75,000 रुपए प्रतिमाह करना है जिसमें आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 48 के स्‍पष्‍टीकरण के खंड V के अंतर्गत उपबंधित लागत मुद्रास्‍फीति सूचकांक के आधार पर दिनांक 01.04.2023 से प्रत्‍येक पांच वर्ष में वृद्धि की जाएगी।

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(v)  संसद सदस्‍यों के कार्यालय व्‍यय भत्‍ते को 45,000 रुपए मासिक (15,000 रुपए लेखन सामग्री और डाक व्‍यय के लिए तथा 30,000 रुपए सचिवालय सहायता प्राप्‍त करने के लिए संसद सदस्‍य द्वारा नियोजित एक कम्‍प्‍यूटर प्रशिक्षित व्‍यक्‍ति के लिए) से बढ़ाकर दिनांक 01.04.2018 से 60,000 रुपए मासिक (20,000 रुपए लेखन सामग्री और डाक व्‍यय के लिए तथा 40,000 रुपए सचिवालय सहायता प्राप्‍त करने के लिए संसद सदस्‍य द्वारा नियोजित एक कम्‍प्‍यूटर प्रशिक्षित व्‍यक्‍ति के लिए) करना और इसमें आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 48 के स्‍पष्‍टीकरण के खण्‍ड V के अंतर्गत उपबंधित लागत मुद्रास्‍फीति सूचकांक के आधार पर दिनांक 01.04.2023 से प्रत्‍येक पांच वर्ष में वृद्धि की जाएगी।

मंत्रिमंडल के निर्णय की सूचना संसद सदस्‍यों के वेतन और भत्‍तों संबंधी संयुक्‍त समिति को संबंधित नियमों में संशोधन करने के लिए दी जाएगी जिसे राज्‍य सभा के सभापति और लोक सभा के अध्‍यक्ष से अनुमोदित कराया जाएगा और सरकारी राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा।

मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णय के अतिरिक्‍त, वित्‍तीय निहितार्थ में लगभग 39,22,72,800 रुपए (उन्‍तालीस करेाड़ बाइस लाख बहत्‍तर हजार आठ सौ रुपए) आवर्ती व्‍यय और लगभग6,64,05,400 रुपए (छह करोड़ चौसठ लाख पांच हजार चार सौ रुपए) अनावर्ती व्‍यय का होगा।

दरअसल , संविधान के अनुच्‍छेद 106 में प्रावधान है कि संसद के प्रत्‍येक सदन के सदस्‍य ऐसे वेतन और भत्‍ते प्राप्‍त करने के हकदार होंगे जिन्‍हें संसद समय-समय पर विधि द्वारा निर्धारित करेगी। परिणामस्‍वरूप, वर्ष 1954 में संसद सदस्‍य वेतन, भत्‍ता और पेंशन अधिनियम (एमएसए अधिनियम) (1954 का अधिनियम 30) अधिनियमित किया गया था। इनमें से अधिनियम की धारा 9 इस अधिनियम के अंतर्गत नियम बनाने के उद्देश्‍य से संसद के दोनों सदनों की एक संयुक्‍त समिति के गठन का प्रावधान करती है। संयुक्‍त समिति को केन्‍द्र सरकार के परामर्श से उस धारा में दिए गए विषयों में से सभी अथवा किसी विषय पर नियम बनाने की शक्‍तियां प्राप्‍त हैं।

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