1. Tentative schedule of the meetings of Union Cabinet at 11AM and Council of Ministers (CoM) at 4PM today
2. External Affairs Minister Dr. S. Jaishankar to participate in a meeting of SCO Contact Group on Afghanistan in Dushanbe today
3. Odisha Unit of the BJP will launch a week-long protest demanding the rollback of a hike in electricity tariff
4. RSS chief Dr Mohan Bhagwat is scheduled to visit Nashik to inaugurate the central office of Ayurveda platform, Charak Sadan
5. Calcutta High Court’s Justice Shampa Sarkar bench to hear West Bengal CM Mamata Banerjee’s election petition
6. Kerala Governor Arif Mohammed to join statewide fast against dowry at Gandhi Bhavan, to create awareness against the social evil
7. Congress parliamentary strategy group will meet to discuss key issues to be raised in upcoming monsoon session
8. Japanese PM Yoshihide Suga to meet with International Olympic Committee President Thomas Bach in Tokyo
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री , मनमोहन सरकार में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके और वर्तमान में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने ट्वीट करके भारत सरकार से मांग की है कि इस वर्ष का भारत रत्न पुरस्कार सोनिया गांधी और मायावती को दिया जाना चाहिए।
हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा,
“सोनिया जी ने भारतीय महिला की गरिमा और सामाजिक समर्पण व जनसेवा के मापदंडों को एक नई ऊंचाई प्रदान की है। सुश्री मायावती जी ने वर्षों से पीड़ित-शोषित लोगों के मन में एक अद्भुत विश्वास का संचार किया है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए हरदा ने ट्वीट किया कि सोनिया गांधी व बहन मायावती , दोनों प्रखर राजनैतिक व्यक्तित्व हैं। आप उनकी राजनीति से सहमत और असहमत हो सकते हैं, मगर इस तथ्य से आप इनकार नहीं कर सकते हैं कि आज उन्हें भारत की नारीत्व का गौरवशाली स्वरूप माना जाता है। उन्होने मांग की कि भारत सरकार को चाहिये कि इन दोनों व्यक्तित्वों को इस वर्ष का भारत रत्न देकर अलंकृत करें।
किस तरह के व्यक्तित्व को मिलता है भारत रत्न ?
आपको बता दें कि भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान असाधारण राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। सामान्य तौर पर यह सम्मान कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल के क्षेत्र में असाधारण कार्य करने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है। हालांकि पहले इसमें खेल को जोड़ा नहीं गया था। खेल के क्षेत्र को बाद में इस सूची में शामिल किया गया था।
दरअसल , इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी।
]]>अहमद पटेल 1 अक्टूबर को कोरोना संक्रमित हुए थे। उन्हें 15 अक्टूबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को उनके बेटे फैज़ल ने ट्वीट करके अपने पिता के निधन की दुःखद जानकारी को सार्वजनिक किया।
अहमद पटेल के निधन की जानकारी देते हुए उनके बेटे ने ट्वीट किया,
” बड़े दुख के साथ मैं यह बताना चाहता हूं कि मेरे पिता अहमद पटेल का बुधवार देर रात 3.30 बजे निधन हो गया है। करीब एक महीने पहले उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी और उनके शरीर के कई अंग काम करना बंद कर चुके थे, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। अल्लाह उन्हें जन्नत फरमाए। ”
फैजल ने अपने सभी शुभचिंतकों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील की और साथ ही सबसे सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने को भी कहा ।
सोनिया-राहुल गांधी ने जताया शोक
अपने सबसे भरोसेमंद सहयोगी के निधन पर शोक संदेश जारी करते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा,” मैंने ऐसा सहयोगी खो दिया, जिसने अपनी पूरी जिंदगी कांग्रेस को समर्पित कर दी थी। उनकी विश्वसनीयता, काम के प्रति समर्पण, दूसरों की मदद करने जैसे गुण उन्हें दूसरों से अलग बनाते थे। उनकी क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती। उनके परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। ”
राहुल गांधी ने पटेल के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, “आज दुखद दिन है। अहमद पटेल कांग्रेस पार्टी के स्तंभ थे। वे हमेशा पार्टी के लिए जिए और कठिन वक्त में हमेशा पार्टी के साथ खड़े रहे। हमेशा उनकी कमी खलेगी।”
पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया दुख
अहमद पटेल के निधन पर दुःख जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ” अहमद पटेल जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने कई साल सार्वजनिक जीवन में समाज के लिए काम किया। उन्हें अपने तेज दिमाग के लिए जाना जाता था। कांग्रेस को मजबूत करने के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। मैंने उनके बेटे फैजल से बात की है। उनकी आत्मा को शांति मिले। ”
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत भारत सरकार के कई मंत्रियों, भाजपा के कई दिग्गज नेताओं और मुख्यमंत्रियों ने भी पटेल के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया।
अहमद पटेल के राजनीतिक कद का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वो देश की संसद में 8 बार गुजरात के प्रतिनिधि के तौर पर जा चुके हैं। 71 वर्षीय पटेल 1977 से लेकर 1989 के बीच गुजरात से 3 बार लोकसभा चुनाव जीते थे वहीं वह 5 बार राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं।
71 वर्षीय अहमद पटेल ने अपने लंबे राजनीतिक करियर में गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया है। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी , सोनिया गांधी के बाद राहुल गांधी भी राजनीतिक सलाहों के लिए अहमद पटेल पर भरोसा करते थे और इनकी बात को गौर से सुना करते थे।
वरिष्ठ पत्रकार और लंबे समय तक दिल्ली की राजनीतिक घटनाओं पर सक्रिय रिपोर्टिंग करने वाले संतोष पाठक ने बताया कि, ” अहमद पटेल की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वो सबके भाई थे। मनमोहन सरकार के कार्यकाल के दौरान जहां तमाम दिग्गज मंत्रियों के लिए वो AP- अहमद भाई थे वहीं पार्टी के तमाम छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं के लिए भी वो AP – अहमद भाई ही थे। भाजपा में उनके धुर विरोधी भी उन्हें अहमद भाई ही कहा करते थे और पत्रकारों के लिए तो वो हमेशा अहमद भाई ही रहे। अहमद पटेल हमेशा दूसरों की मदद करने और संवाद के लिए तैयार रहते थे। राजनीतिक शत्रुता और कटुता को उन्होंने कभी भी अपने व्यक्तिगत जीवन में कोई स्थान नहीं दिया।”
अहमद पटेल को विनम्र श्रद्धांजलि।
]]>माना अर्णब की भाषा संयत नही थी, उसके लिए कोर्ट कचहरी है न! कीजिये केस, हमला क्यो?
दूसरा, जो लोग आज अर्णब गोस्वामी को आदर्श पत्रकारिता सीखा रहे है, किसी बच्चे को भी समझ आता है! अब बस पत्रकारिता में पत्रकारों के गुट बचे है!
विडम्बना ये है कि जो लोग आज पत्रकारिता में आदर्शवाद, नैतिकता ढूंढ रहे है, जिसमे पत्रकार भी शामिल है! अर्णब को तो छोड़ दीजिए, इन्ही लोगों ने ही वर्तमान प्रधानमंत्री को जबसे वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे क्या क्या कहा है, लिखना मुनासिब नही है मेरे लिए!
इसके अलावा जो ज्ञानी पुरुष अर्णब पर प्रश्न खड़े कर रहे है, अब अर्णब की अभिव्यक्ति का क्या?
अरुंधति, सागरिका, सरदेसाई, बरखा दत्त और रवीश जो दिन रात अभिव्यक्ति के नाम पर कुछ भी बोलते है, उनपर चुप्पी क्यो?
कठघरे में खड़ा करिये न सबको एक तरफ से! वो होना नही है क्योंकि आप का नेक्सस इतना बड़ा है कि सब लपेटे में आ जाएंगे!
माफ कीजियेगा, ये सेलेक्टिविज्म आपकी देन है, आप कैसे चाहते है सब आपके हिसाब से चलेगा!
जो लोग आज नैतिकता की दुहाई दे रहे है वही सबसे बड़े अराजकतावादी है! आपकी अराजकता आपकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और दूसरे की?
एक का नाम जाति के साथ छापेंगे, वही दूसरे को “सिंगल सोर्स” मैं कहता हूं किसी का भी नाम क्यो, और अगर एक का तो दूसरे का क्यो नही!
आप दूसरे देश मे जाकर भी अपनी हरकतों से बाज नही आये थे, इसीलिए थप्पड़ खाकर आये थे, सुधर जाइये नही तो ये सिटीजन जर्नलिस्ट अगर जवाब मांगने लगे तो स्टूडियो जाना भूल जाओगे मेरे बुद्धिजीवी दोस्तों!
सुनिए अपने ऊपर हमले के बाद अर्नब गोस्वामी ने क्या कहा
]]>#BREAKING | Arnab's message after being physically attacked by Congress goons #SoniaGoonsAttackArnab https://t.co/RZHKU3fdmK pic.twitter.com/SdAvoerhIH
— Republic (@republic) April 22, 2020
पीएम मोदी को 7 अप्रैल को लिखे अपने पत्र में सोनिया गांधी ने लिखा,
” कल आपसे हुई टेलीफोन पर वार्ता में आपने कांग्रेस पार्टी के कोविड-19 से लड़ने के सुझाव देने के बारे में आग्रह किया था। मैं इसी भावना से यह पत्र लिख रही हूं।”
सोनिया गांधी ने सांसदों का वेतन 30 प्रतिशत कम करने के मोदी सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए सरकार को 5 अहम सुझाव भी दिए। कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस पत्र को शेयर भी किया।
मोदी सरकार को सोनिया गांधी के 5 सुझाव
पहला सुझाव , सरकार के खर्चों में कटौती को लेकर है। सरकार को अपने खर्च को कम करने की सलाह दी गई है। सरकार से यह आग्रह किया गया है कि कोरोना से संबंधित विज्ञापनों को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के विज्ञापनों पर रोक लगा देनी चाहिए।
दूसरा सुझाव संसद भवन की नई इमारत को लेकर है। सोनिया गांधी ने 20,000 करोड़ रु. की लागत से बनाए जा रहे ‘सेंट्रल विस्टा’ ब्यूटीफिकेशन एवं कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट को स्थगित करने का सुझाव देते हुए लिखा है कि मौजूदा स्थिति में विलासिता पर किया जाने वाला यह खर्च व्यर्थ है। उन्होंने विश्वास जताया कि संसद मौजूदा भवन से ही अपना संपूर्ण कार्य कर सकती है। सोनिया गांधी ने लिखा कि , “ऐसे संकट के समय में इस खर्च को टाला जा सकता है। इससे बचाई गई राशि का उपयोग नए अस्पतालों व डायग्नोस्टिक सुविधाओं के निर्माण तथा अग्रिम कतार में रहकर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को PPE एवं बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया जाए”।
तीसरा सुझाव भी सरकार के खर्चें को लेकर ही है। सोनिया गांधी ने भारत सरकार के खर्चे के बजट (वेतन, पेंशन एवं सेंट्रल सेक्टर की योजनाओं को छोड़कर) में भी इसी अनुपात में 30% की कटौती करने की सलाह दी है। कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक यह राशि लगभग ₹2.5 लाख करोड़ रुपये सालाना होगी , जिसे प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों, किसानों, MSME एवं असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को आवंटित किया जाए।
चौथा सुझाव विदेश यात्राओं को लेकर है। सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति, PM, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राज्य के मंत्रियों तथा नौकरशाहों द्वारा की जाने वाली सभी विदेश यात्राओं को स्थगित करने की सलाह दी है। उन्होंने केवल देशहित के लिए की जाने वाली आपातकालीन एवं अत्यधिक आवश्यक विदेश यात्राओं को ही प्रधानमंत्री द्वारा अनुमति दिए जाने का सुझाव दिया है। उनके मुताबिक विदेश यात्राओं पर खर्च की जाने वाली यह राशि (जो पिछले पाँच सालों में केवल प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय मंत्रियों की विदेश यात्रा के लिए ₹393 करोड़ है) कोरोना वायरस से लड़ाई में सार्थक तौर से उपयोग की जा सकती है।
पाँचवां सुझाव पीएम केयर्स फंड को लेकर है। सोनिया गांधी ने ‘पीएम केयर्स’ फंड की संपूर्ण राशि को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत फंड’ (‘पीएम-एनआरएफ’) में स्थानांतरित करने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक इससे इस राशि के आवंटन एवं खर्चे में एफिशियंसी, पारदर्शिता, जिम्मेदारी तथा ऑडिट सुनिश्चित हो पाएगा। उनके मुताबिक सेवा के फंड के वितरण के लिए दो अलग-अलग मद बनाना मेहनत व संसाधनों की बर्बादी है। PMNRF में लगभग ₹3800 करोड़ की राशि बिना उपयोग के पड़ी है। यह फंड तथा ‘पीएम-केयर्स’ की राशि को मिलाकर समाज में हाशिए पर रहने वाले लोगों को तत्काल खाद्य सुरक्षा चक्र प्रदान किया जाए।
सोनिया गांधी ने देश के समक्ष उत्पन्न हुई कोविड-19 की चुनौतियों से निपटने में सरकार को संपूर्ण सहयोग देने का वायदा करते हुए आगे लिखा,
“कोरोना के हमले से लड़ने में हर भारतीय ने व्यक्तिगत रूप से त्याग किया है। उन्होंने आपके कार्यालय तथा केंद्र सरकार द्वारा दिए गए हर सुझाव, निर्देश एवं निर्णय का पालन किया है। अब विधायिका एवं सरकार द्वारा लोगों के विश्वास व भरोसे पर खरा उतरने का समय आ गया है।”
आपको बता दें कि महामारी संकट से निपटने के लिए भारत की सभी राज्य सरकारें, केंद्र सरकार के साथ मिलकर 24 घंटे काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी से सुझाव मांग रहे हैं। इसी कड़ी के तहत पीएम मोदी ने 5 अप्रैल, रविवार को देश के 2 पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रतिभा पाटिल, देश के 2 पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एच डी देवगौड़ा के अलावा सोनिया गांधी, मुलायम सिंह यादव, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक, केसीआर, स्टालिन और प्रकाश सिंह बादल को फोन करके सुझाव मांगा था।
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नागरिकता संशोधन कानून पर मचे बवाल के बीच देश के 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी को ऐमज़ॉन – Amazon के जरिये भारतीय संविधान की एक कॉपी गिफ्ट के तौर पर भेजी है. कांग्रेस ने बाकायदा इसकी सार्वजनिक घोषणा करते हुए ट्वीट किया , ” प्रिय प्रधानमंत्री , आप तक संविधान जल्द पहुंच रहा है। आपको देश को बांटने से समय मिल जाये तो कृपया इसे पढ़े। ”
कांग्रेस प्रधानमंत्री पर तंज कसे , आज के माहौल में यह खबर नहीं है. कांग्रेस प्रधानमंत्री को गिफ्ट भेजे , यह खबर तो है लेकिन इस पर भी ज्यादा चर्चा नहीं हो रही है. चर्चा उस बात की ज्यादा हो रही है जो कांग्रेस से गिफ्ट भेजते समय शायद हो गया या फिर कांग्रेस ने जानबूझकर कर ऐसा कर दिया.
दरअसल , कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को ऐमज़ॉन के जरिए यह गिफ्ट भेजा है. कांग्रेस के इस गिफ्ट यानि भारतीय संविधान की प्रति की कीमत 170 रुपये है। लेकिन प्रधानमंत्री के इस गिफ्ट के लिए आर्डर करते समय भुगतान करने वाले कॉलम में Pay On Delivery – पे ऑन डिलीवरी का पेमेंट मोड चुना गया है. इसका मतलब है कि गिफ्ट का पैसा कांग्रेस ने नहीं दिया है बल्कि इसे प्राप्त करने वाले व्यक्ति यानि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या फिर उनके प्रतिनिधि को यह 170 रुपये देना होगा. इसे केंद्रीय सचिवालय के पत्ते पर भेजा गया है.
इसलिए तो चारों तरफ चर्चा हो रही है कि ऐसे भी कोई गिफ्ट देता है क्या ?
]]>क्या अरविंद केजरीवाल को चुनाव हराया जा सकता है ? – By Santosh Pathak ?
दिल्ली की सबस चर्चित विधानसभा सीट नई दिल्ली के बारे में , जहां से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वयं चुनाव लड़ रहे है। यहां सबके मन में एक ही सवाल चल रहा है कि क्या अरविंद केजरीवाल को चुनाव हराया जा सकता है? सुनिए वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक संतोष पाठक का विश्लेषण….
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]]>लेकिन इस देश की राजनीति की हालत देखिए कि जिम्मेदारी लेने और कार्रवाई की बजाय सत्ता में बैठा हर नेता आंकड़ों का खेल खेलना लगता है. राज्य कोई भी हो , सरकार किसी की भी हो , इस तरह की घटनाओं पर तुम्हारे समय-मेरे समय का खेल शुरू हो जाता है . यही खेल पिछले कुछ दिनों से राजस्थान में भी खेला जा रहा था.
इस बीच कोटा अस्पताल में लगातार बच्चों की मौत से चिंतित सोनिया गांधी ने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को अस्पताल जाकर हालात का जायजा लेने और रिपोर्ट देने को कहा. कोटा पहुंचे सचिन पायलट ने वही सब किया जो आमतौर पर ऐसे समय में नेता करते ही हैं. लेकिन जैसे ही उन्होने बोलना शुरू किया , लोग चौंक गए.
सचिन पायलट ने बच्चों की मौत के मामले में जिम्मेदारी तय करने की बात कहते हुए ब्लेम गेम से साफ तौर पर किनारा कर लिया. राजस्थान के डिप्टी सीएम पायलट ने कहा कि 13 महीनों से हम राज्य में सरकार चला रहे हैं तो फिर हम पिछली वसुंधरा सरकार को दोष कैसे दे सकते हैं ?
सचिन ने साफ और स्पष्ट तौर पर कहा कि सत्ता में हम है , राज्य में सरकार हमारी है तो जिम्मेदारी भी हमारी है.
साफ-साफ बात कहने के लिए सचिन पायलट को हमारा सलाम. सत्ता में बैठे हर नेता को इसी तरह से सोच कर काम करना चाहिए क्योंकि मौत-मौत होती है और इसे आंकड़ों में नहीं मापा जाना चाहिए . इसे लेकर मेरी सरकार-तुम्हारी सरकार जैसा राजनीतिक खेल बिल्कुल नहीं खेला जाना चाहिए.
]]>दरअसल , दिल्ली हाई कोर्ट ने 15 नवंबर को आईएनएक्स-मीडिया से जुड़े ED के मामले में पी. चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. उस समय हाई कोर्ट की एकल पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और यह मामला उन्हें जमानत देने के लिए सही नहीं है. हाई कोर्ट के इसी आदेश को पी. चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई की और पिछले सप्ताह अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कई शर्तों के साथ चिदंबरम की जमानत याचिका को मंजूर कर लिया..
इन शर्तों के साथ देश की सुप्रीम अदालत ने चिदंबरम को दी जमानत —
कोर्ट की इजाजत के बिना देश छोड़ कर नहीं जाएंगे. ED जब भी पूछताछ के लिए बुलाएगी उनके सामने पेश होना होगा. केस की जांच में जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करना होगा. चिदंबरम किसी भी हालत में गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेंगे और न ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेंगे. उन पर इस मामले से संबंधित बयानबाजी करने पर भी रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही उन्हे दो-दो लाख का निजी मुचलका और बेल बांड भी निचली अदालत में देना होगा.
OOBC – Out On Bail Club ( बेल पर निकले नेताओं का क्लब )
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने सत्यमेव जयते लिखकर ट्वीट किया ,यानी कांग्रेस के मुताबिक चिदंबरम की जमानत सच्चाई की जीत है. इस पर तुरंत प्रतिक्रिया भी सामने आई. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा की. इस जमानत पर चुटकी लेते हुए प्रवक्ता संबित पात्रा ने लिखा कि ,
“ आखिरकार पी. चिदंबरम भी कांग्रेस के ( OOBC – Out On Bail Club ) जमानत पर बाहर लोगों की लंबी लिस्ट वाले क्लब का हिस्सा बन गए हैं. इस क्लब में पहले से ही सोनिया गांधी , राहुल गांधी , रॉबर्ट वाड्रा , मोतीलाल वोरा , भूपेन्द्र हुड्डा , शशि थरूर आदि नेता शामिल है. “
दरअसल , ये सभी वो व्यक्ति है जिन्हे किसी न किसी मामले में किसी न किसी अदालत से जमानत मिली हुई है. जाहिर है कि इस लिस्ट का जिक्र करके संबित गांधी परिवार और कांग्रेस दोनो पर तीखा हमला बोल रहे हैं.
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