Deprecated: Optional parameter $output declared before required parameter $atts is implicitly treated as a required parameter in /home3/positkgj/public_html/wp-content/plugins/td-composer/legacy/common/wp_booster/td_wp_booster_functions.php on line 1594

Deprecated: Optional parameter $depth declared before required parameter $output is implicitly treated as a required parameter in /home3/positkgj/public_html/wp-content/plugins/td-cloud-library/includes/tdb_menu.php on line 251

Warning: Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home3/positkgj/public_html/wp-content/plugins/td-composer/legacy/common/wp_booster/td_wp_booster_functions.php:1594) in /home3/positkgj/public_html/wp-includes/feed-rss2.php on line 8
Social Media – Positive Khabar https://www.positivekhabar.com ताज़ा ख़बर Thu, 05 Aug 2021 03:17:52 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 https://www.positivekhabar.com/wp-content/uploads/2019/06/khabar5-150x120.jpg Social Media – Positive Khabar https://www.positivekhabar.com 32 32 32 वर्ष पत्रकारिता करने के बाद गांव क्यों लौट गए वरिष्ठ पत्रकार ओमकार चौधरी ? https://www.positivekhabar.com/senior-journalist-omkar-chaudhary-ganv-vapsi/ Thu, 05 Aug 2021 03:17:52 +0000 https://www.positivekhabar.com/?p=7330 वरिष्ठ पत्रकार और हरिभूमि अखबार के पूर्व संपादक ओमकार चौधरी गांव वापस लौट गए हैं। मेरठ, चंडीगढ़ और देश की राजधानी दिल्ली में कुल मिलाकर 32 वर्षों तक दैनिक प्रभात, दैनिक जागरण, अमर उजाला, डीएलए और हरिभूमि जैसे नामी ब्रांड्स के साथ काम करने के बाद वरिष्ठ पत्रकार ओमकार चौधरी अब अपने गांव लौट गए हैं।

ओमकार चौधरी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के दबथुवा गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने नौकरी की चाह में 1989 में अपने गांव को छोड़ दिया था लेकिन अब नौकरी वाली पत्रकारिता की पारी को विराम देकर ये 32 साल बाद अपने गांव लौट गए हैं।

आप सबके मन में यह सवाल जरूर खड़ा हो रहा होगा कि आखिर ओमकार चौधरी को गांव क्यों वापस जाना पड़ा ? इसके कारण का खुलासा ओमकार चौधरी ने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर किया है। आप भी पढ़िए कि उन्होंने लिखा क्या है ?

 

32 साल बाद गांव वापसी – फेसबुक पर बताया कारण

1989 में गांव ( दबथुवा, मेरठ ) छोड़ा था। 11 वर्ष दैनिक जागरण में रहा। मेरठ संस्करण में। इसके उपरांत अमर उजाला के लिए चंडीगढ़ पहुंचा। कुछ वर्ष वहां बिताए। 2001 में दिल्ली। अमर उजाला के नेशनल ब्यूरो में। फिर हरिभूमि। वहां लंबा समय बीता। बीच में डीएलए के लिए मेरठ आया परंतु फिर वापस हरिभूमि लौट गया। पत्रकारिता की शुरुआत मेरठ से दैनिक प्रभात से हुई। कोई भी कालखंड विस्मृत नहीं किया जा सकता। 38 वर्ष प्रिंट मीडिया में बिताकर पिछले वर्ष अगस्त में ही अवकाश ग्रहण किया परंतु यूट्यूब पर दो चैनलों के साथ पत्रकारिता का सफर जारी है। 32 वर्ष बाद गांव लौट रहा हूँ। जी हां, मेरठ, चंडीगढ़, दिल्ली, रोहतक जैसे शहरों में तीन दशक से अधिक का समय बिताकर सुकून के लिए अब गांव वापसी का फैसला कर लिया है। यूं तो दिल्ली एनसीआर में भी घर है। मेरठ शहर में भी परंतु जो सुकून गांव में है, वो कहीं नहीं। वो घर, वो गलियां, जहां बचपन बीता है, फिर से उन्हीं से गुजरता हूँ तो बचपन की सारी घटनाएं याद आने लगती हैं। अब गांव में नेट भी है। बिजली भी है। इसलिए थोड़ी तकलीफ के बावजूद यहीं से चैनल चलाने का निर्णय लिया है। बीच बीच मे दिल्ली एनसीआर के घर का प्रवास रहेगा ही।

]]>
सोशल मीडिया – कैसे बचें अफवाहों से ?  https://www.positivekhabar.com/social-media-how-to-avoid-rumors-facebook-twitter/ Mon, 04 Jan 2021 17:26:24 +0000 https://www.positivekhabar.com/?p=7105
By निशा, पत्रकारिता छात्रा

कोरोना काल में सोशल मीडिया ने हम सभी के जीवन में महत्वूपर्ण भूमिका निभाई है। दफ़्तर, बाज़ार, शिक्षा यहाँ तक की शादी ब्याह भी इंटरनेट यानि सोशल मीडिया के माध्यम से होने लगे। जहाँ एक तरफ़ कोरोना संकट में इंटरनेट मनुष्य जीवन में एक वरदान साबित हुआ है वहीं समाज के कुछ असामाजिक तत्व, अज्ञानी लोगों ने इसका इस्तेमाल अफवाहों को फैलाने और लोगों का ध्यान बुरी बातों की और आकर्षित करने में किया।

आए दिन हमें कोरोना वायरस को लेकर झूठी खबरों के रूप में अफवाहें सोशल मीडिया पर देखने , सुनने, पढ़ने को मिलती है तथा वो सूचना समाज के लिए घातक होती है। लंबे समय से स्कूल कॉलेज बंद होने के कारण शिक्षा व्यवस्था भी इंटरनेट पर शिफ्ट हो गई है और यही वजह है की अब पढ़ाई से जुड़ी झूठी बातें भी सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल होने लगी है।

देश के शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 31 दिसंबर को अपने सोशल मीडिया अकाउंट ट्विटर पर यह घोषणा की कि सीबीएसई की 10वीं व 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा 4 मई से 10 जून 2021 के बीच  होगी। इसके बाद ही सोशल मीडिया पर  सीबीएसई की 10वीं व 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा की नकली डेटशीट वायरल होने लगी।

सोशल मीडिया पर हमें फॉलो करें – 

सरकार को ऐसी हरकत करने वालोंं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है क्योकिं ऑनलाइन क्लास की वजह से विधार्थियों में वैसे ही तनाव थकान की समस्या हो रही है। ऐसे में परीक्षा को लेकर झूठी खबरों से उनके दिमाग पर बुरा असर पड़ेगा और वो परेशान भी हो जाएंगे। आज लोगों को खुद पर विचार करने की आवश्यकता है कि हमें सोशल मीडिया पर सही जानकारी पर ही भरोसा करना चाहिए साथ ही सही सूचना को ही दूसरों तक फॉरवर्ड चाहिए क्योकि यह एक ऐसा मीडिया का माध्यम है जहाँ अफवाहें आग से भी कहीं ज्यादा तेजी से फैलती हैं।

नोट – यह लेखक के निजी विचार हैं। लेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता एवं संपूर्णता के लिए सिर्फ लेखक ही उत्तरदायी है। आप भी हमें अपने विचार या लेख- onlypositivekhabar@gmail.com पर मेल कर सकते हैं।

 

(लेखिका – निशा, दिल्ली विश्वविद्यालय में पत्रकारिता की छात्रा हैं।)

]]>
नौकरी चाहिए तो भरिए ये फॉर्म, कांग्रेस को है युवा बेरोजगारों की तलाश https://www.positivekhabar.com/jobs-congress-is-looking-for-unemployed-youth-for-social-media-team/ Tue, 17 Nov 2020 14:46:38 +0000 https://www.positivekhabar.com/?p=6948 देश में रोजगार और बेरोजगारी के आंकड़ो के बीच चल रहे राजनीतिक बहस के बीच देश की एक बड़ी और सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी ने एक ऐसा विज्ञापन शेयर किया है , जिसे लेकर चारों तरफ चर्चाएं हो रही है। इस बार का विज्ञापन किसी चुनावी फायदे के लिए जारी नहीं किया गया है, बल्कि इस बार का विज्ञापन सोशल मीडिया पर जारी किया गया है और वो भी सोशल मीडिया की नौकरी के लिए।

अगर आप बेरोजगार है, सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा समय बिताने के आदि है और किसी राजनीतिक दल के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं , तो यह बेहतर मौका सिर्फ आपके लिए ही है।

देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल , कांग्रेस को ऐसे युवाओं की तलाश है जो उनके साथ जुड़कर सोशल मीडिया पर अच्छा काम करना चाहता हो। पार्टी की तरफ से उन्हें सोशल मीडिया से ही जुड़ा हुआ काम दिया जाएगा।

चयनित युवाओं को सरकार की कमियों को सोशल मीडिया पर रोचक अंदाज में प्रचारित-प्रसारित करना होगा। इसके साथ ही यूपीए और कांग्रेस की सरकारों के दौरान किए गए अच्छे कामों को भी जनता के बीच रखना होगा।

इस संबंध में भारतीय युवा कांग्रेस – IYC की तरफ से एक फॉर्म जारी किया है, जिसमें कुछ जानकारियां मांगी गई हैं। तो अगर आप कांग्रेस के साथ जुड़ कर काम करना चाहते है तो देरी मत कीजिए। नीचे IYC द्वारा जारी किए गए फॉर्म का लिंक दिया हुआ है , तुरंत इस पर क्लिक कीजिए, मांगी गई जानकारी भरिए और सबमिट कर दीजिए —

https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeV8uLzLbbUckTTnHsDlvoGs1zOcLuFkujXKMz_NlGMPje5Fg/viewform

]]>
डीसीपी नई दिल्ली – कभी बागी वाला अंदाज तो कभी स्वीट सी धमकी https://www.positivekhabar.com/delhi-police-dcp-advised-citizen-to-be-baghi-like-tiger-shroff-delhi-violence/ Wed, 04 Mar 2020 05:24:44 +0000 https://www.positivekhabar.com/?p=6101 आजकल दिल्ली के एक डीसीपी काफी चर्चा में है। कभी वो बागी वाले अंदाज को लेकर चर्चा में रहते हैं तो कभी स्वीट सी धमकी को लेकर। आखिर क्यों दिल्ली पुलिस के इस डीसीपी को लेकर हो रही है चर्चा ? आखिर किस जिले के हैं यह डीसीपी ? क्या है पूरा माजरा ? किसे बना रहे हैं बागी और किसे दे रहे हैं धमकी ?

दरअसल , यह पूरा मामला दिल्ली हिंसा से जुड़ा है और ये डीसीपी है दिल्ली के नई दिल्ली जिले के। हिंसा पर काबू पा लिया गया है लेकिन इसके बावजूद असमाजिक तत्व लगातार दिल्ली के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली में तनाव बढ़ाने के लिए और माहौल खराब करने के लिए इस तरह के असामाजिक तत्व अफवाहों का सहारा लेते हैं।

इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने कई अफवाहबाजों को गिरफ्तार भी किया है और साथ ही अफवाह फैलाने वाले लोगों को लगातार चेतावनी भी दी जा रही है। इसी तरह की चेतावनी नई दिल्ली जिले के डीसीपी भी दे रहे हैं लेकिन बिल्कुल अलग और अनोखे अंदाज में।

 

बागी बनने की सलाह दे रहे हैं नई दिल्ली के डीसीपी

आपको यह तो पता ही होगा कि बॉलीवुड स्टार टाइगर श्रॉफ जल्द ही फिल्म बागी 3 में श्रद्धा कपूर और रितेश देशमुख के साथ नजर आने वाले हैं। फिल्म में टाइगर जबरदस्त एक्शन सीन्स करते नजर आएंगे। नई दिल्ली जिले के डीसीपी ने टाइगर श्रॉफ के इसी फिल्म के पोस्टर का सहारा लेते हुए लोगों को बागी बनने की सलाह दी है। इस पोस्टर में बागी फिल्म के हीरो टाइगर श्राफ हाथ में हथियार लिए खड़े दिखाई दे रहे हैं। इस पोस्टर को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए नई दिल्ली के डीसीपी ने लिखा है,

“यह बागी का मौसम है। हमलोग झूठ और नकली के खिलाफ बागी हैं। क्या आप हैं? झूठी खबरों के खिलाफ बागी होने को तैयार हो जाइए। झूठी जानकारी के सभी नेटवर्क के खिलाफ एक विद्रोही बनें। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सतर्क रहें। नकली से लड़ने के लिए एकजुट हों।“

 

अब तो आप समझ ही गए होंगे कि दिल्ली पुलिस आपको बागी बनने की सलाह क्यों दे रही है। तो देर किस बात की , तैयार हो जाइए झूठी खबरों और अफवाहों के खिलाफ बागी बनने के लिए क्योंकि ये मौसम बागी होने का है।

धमकी और वो भी स्वीट सी

नई दिल्ली के डीसीपी लोगों को समझाने के लिए बागी होने की सलाह तक ही नहीं रूके । उन्होने सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहे मीम्स के कोलॉज को शेयर करते हुए अफवाह फैलाने वाले लोगों को स्वीट सी धमकी भी दी है। पहले यह ट्वीट देखिए..

कुल मिलाकर आप यह समझ लीजिए कि आप अपनी असली आईडी से सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाएं या फर्जी आईडी से, किसी भी सूरत में बचने का कोई सवाल नहीं है क्योंकि आप नजर में हैं दिल्ली पुलिस की नजर में।

तो सावधान रहिए, किसी के बहकावे में आकर झूठी खबर और अफवाहें बिलकुल नहीं फैलाइए। ये दिल्ली हमारी है , हम सबकी है और इसे शांत बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।

]]>
PM नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया से विदाई लेने का असली सच आया सामने https://www.positivekhabar.com/pm-narendra-modi-social-media-accounts-international-women-day/ Tue, 03 Mar 2020 16:47:49 +0000 https://www.positivekhabar.com/?p=6094 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सोशल मीडिया से विदा लेने का ऐलान कर दिया था। लेकिन उनके इस ऐलान का सच मंगलवार को सामने आ गया।

क्या है प्रधानमंत्री के सोशल मीडिया को छोड़ने के बयान का सच ? क्यों सोशल मीडिया से विदा लेने चाहते हैं पीएम मोदी ? पीएम मोदी की इस घोषणा का महिलाओं से क्या लेना-देना है ?

जानने के लिए देखिए Positive Khabar YouTube Channel की यह वीडियो स्टोरी।

अगर आपको यह स्टोरी पसंद आई तो लाइक कीजिए, शेयर कीजिए और हमारे चैनल को सब्सक्राइब भी कीजिए।

]]>
सावधान-सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो भेजने पर होगी 3 साल की जेल https://www.positivekhabar.com/three-years-jail-sentenced-for-sending-inflammatory-videos-on-social-media/ Sat, 29 Feb 2020 15:36:06 +0000 https://www.positivekhabar.com/?p=6014 सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो भेजने वाले सावधान हो जाएं। समाज का माहौल खराब करने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ अब सख्त एक्शन लिया जाएगा। भड़काऊ वीडियो भेजने वालों को 3 साल के लिए जेल जाना पड़ सकता है।

बताया जा रहा है कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लेने का मूड सरकार बना चुकी है। सरकार आईटी एक्ट 56 ए और आईपीसी की धारा 153 ए , 506 के तहत कार्रवाई करके ऐसे लोगों को जेल भेजेगी। आपको बता दें कि इन कानूनों के तहत 3 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।

दिल्ली सरकार इसे लेकर जल्द ही एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी करने जा रही है। सरकार लोगों से अपील करेगी कि अगर उनके पास किसी भी तरह का भड़काऊ वीडियो आता है तो इस व्हाट्सएप नंबर पर भेज कर सरकार को सूचित करें। दिल्ली सरकार लोगों से यह भी उम्मीद करेगी कि लोग उन्हें यह भी बताए कि यह वीडियो उन्हें किसने भेजा, किस नंबर से भेजा।

इसके बाद दिल्ली सरकार दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर भड़काऊ वीडियो भेजने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। दरअसल ,दिल्ली में माहौल शांत हो चुका है लेकिन इसके बावजूद अभी भी सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो धड़ल्ले से शेयर किए जा रहे हैं। इसी के चलते अब सरकार इस तरह का सख्त एक्शन लेने का मूड बना चुकी है।

]]>
हरिभूमि का हिस्सा होने पर गर्व है मुझे – आखिर क्यों कहना पड़ा हरिभूमि संपादक ओमकार चौधरी को ? https://www.positivekhabar.com/hari-bhoomi-editor-omkar-chaudhary-about-newspaper-and-capt-abhimanyu/ Fri, 14 Feb 2020 09:19:30 +0000 https://www.positivekhabar.com/?p=5654 हरिभूमि के संपादक सोशल मीडिया पर एक टिप्पणी से इतने आहत हो गए कि उन्होंने एक लंबा-चौड़ा लेख लिख कर कहा कि हरिभूमि का हिस्सा होने पर गर्व है मुझे । अपनी निष्पक्ष पत्रकारिता पर उठ रहे सवालों का जवाब हरिभूमि के संपादक ओमकार चौधरी ने कैसे दिया , आप खुद ही पढ़िए उनका पूरा लेेेख।

हरिभूमि का हिस्सा होने पर गर्व है मुझे

आमतौर पर मैं फ़ेसबुक या ट्वीटर पर उतना सक्रिय नहीं हूँ, जितना अन्य मित्र होते हैं। कभी कभार आता हूँ। अधिकांश मित्रों का व्यवहार सम्मानजनक ही होता है परंतु कई बार कुछ लोग जाने-अनजाने या किसी विशेष पूर्वाग्रहों के चलते ऐसी अवांछित टिप्पणी कर जाते हैं जिसका उस विषय से कुछ विशेष लेना-देना नहीं होता है, जिसे लेकर मैंने कोई व्यंग्य किया हो या बात रखी हो। इसके बावजूद किसी विशेष चश्मे से देखने वाले लोग आते हैं और कभी मेरे समाचारपत्र के संबंध में, कभी इसे शुरू करने वाले कैप्टन अभिमन्यु के संबंध में बिना नाम लिए हल्की और सतही टिप्पणी करके भड़ास निकालने की चेष्टा करते हैं।

14 फ़रवरी की सुबह देखा कि स्वयं को पत्रकार बताने वाले एक सज्जन ने मेरे एक व्यंग्य कमेंट पर ठीक इसी तरह की टिप्पणी कर रखी है। उन्होंने कहा कि आपकी अपनी मजबूरी हो सकती है क्योंकि आप एक ऐसे समाचारपत्र से जुड़े हुए हैं…।

ये किसी के लिए भी अवांछित टिप्पणी ही है। इसे मैं ओवरलुक भी कर सकता था। पहले भी करता आया हूँ परंतु कभी-कभी जवाब देना बहुत आवश्यक हो जाता है। पहली बात, मुझे इस पर गर्व है कि मैं हरिभूमि का हिस्सा हूँ। मुझे इससे जुड़े हुए क़रीब-करीब पंद्रह-सोलह वर्ष हो गए हैं। जो लोग इस प्रकार की टिप्पणी करते हैं, उन्हें बता दूँ कि यह समाचार पत्र देश के दस सबसे अधिक प्रसार वाले हिंदी समाचारपत्रों में शामिल है। हरियाणा ही नहीं, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और दिल्ली से भी इसके सात संस्करण प्रकाशित होते हैं। हर वर्ग के पाठक इसे पसंद करते हैं और इसकी आज ब्रांड वैल्यू है। महिलाएँ हों, बच्चे हों, बुजुर्ग हों, युवा हों, सबके लिए समाचार पत्र में विशेष सामग्री होती है और जिस ओर इन सज्जन का संकेत था, उस पर भी कुछ रोशनी डालना आवश्यक है।

कैप्टन अभिमन्यु के परिवार, उनके संस्कारों, समाज और देश के प्रति उनके समर्पण और विशेषकर गुरूकुलों के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों में बहुत गरीब परिवारों के बच्चों के भविष्य संवारने के लिए उन्होंने जितना कार्य किया है, उसके उदाहरण बहुत कम देखने को मिलते हैं। इस परिवार के मुखिया चौधरी मित्रसेन ने आर्य समाज के लिए, गुरुकुलों के लिए, सामाजिक और दूसरे ग़ैरसरकारी संगठनों के लिए जितना किया है, उसकी भी मिसाल आपको बहुत कम मिलेगी। जब जाट आरक्षण के दौरान एक विशेष मंतव्य के तहत उनके परिवार के दस सदस्यों को मार डालने की चेष्टा की गई और उनका आवास, उनके स्कूल और प्रेस को किसी जगह से संचालित भीड़ ने आग लगाकर तहत-नहस करने की चेष्टा की, उस समय भी उन्हीं संस्कारों के कारण वो वित्त मंत्री रहते हुए शांत बने रहे। घर में लाइसैंसी शस्त्र थे। आत्मरक्षा में परिवार की सुरक्षा में लगे गार्ड उनका उपयोग कर सकते थे परंतु भारी क्षति सहने के बावजूद व्यापक समाज हित में उन्होंने ऐसा नहीं होने दिया। जो लोग बड़े सहज तरीक़े से और बड़ी बेशर्मी के साथ कैप्टन अभिमन्यु और उनके परिवार से जुड़े संस्थानों पर औछी टिप्पणी कर देते हैं, वो उनके बारे में कुछ नहीं जानते। उस हिंसा में जिन भी लोगों की संपत्ति को नुक़सान हुआ, उन्हें मुआवज़ा मिला। इनके परिवार और संस्थानों को भी मिला। कितने लोगों ने उस मुआवज़े को सामाजिक कार्यों पर व्यय किया है ? कैप्टन अभिमन्यु के परिवार ने उस धनराशि में कुछ और पैसा जोड़कर और कैप्टन अभिमन्यु को मंत्री के तौर पर वेतन के रूप में जो भी मिला, उसे भी जोड़कर सैकड़ों गरीब परिवारों की विवाह योग्य कन्याओं के हाथ पीले करवा दिए।

कौन किस पार्टी से जुड़ा है। किसकी किस पार्टी के प्रति क्या भावना है, यह एकदम अलग विषय है। लोकतंत्र है। सबको अपनी राय रखने का अधिकार है परंतु किसी परिवार के बारे में अनुचित टिप्पणी कर देना और वो भी बिना जाने-समझे, बेहद अफ़सोस की बात है। चौधरी मित्रसेन के पास किस बात की कमी थी। जब उनके बेटे पढ़-लिखकर काम काज के योग्य हुए, तब चाहते तो अपने पिता के बड़े कारोबार में हाथ बंटा सकते थे परंतु इनमें से तीन भारतीय सेना का हिस्सा बने और देश की सरहदों की सुरक्षा के लिए तैनात रहे। स्वयं कैप्टन अभिमन्यु का चयन आईएएस के लिए हो गया था परंतु किंचित् कारणों से उन्होंने प्रशासनिक सेवा ज्वाइन नहीं की।

सबसे अफ़सोस की बात तो यह है कि उनका जिस तरह का परिवार है। जिस तरह के उनके संस्कार और सामाजिक सरोकार हैं, ऐसे पूरे हरियाणा में कितने परिवार होंगे। योग्यता के साथ-साथ पूरा परिवार बेहद विनम्र है। फिर भी यदि उन पर अथवा उनके समाचारपत्र पर और उससे जुड़े व्यक्ति पर इतनी सतही टिप्पणी कर दी जाती है तो पीड़ा होती है।

मुझे स्वयं के बारे में बताना पड़े, यह भी असहज स्थितियाँ हैं। मेरा छत्तीस वर्ष का पत्रकारिता का अनुभव है। हरिभूमि से मैं 2004 में जुड़ा था। इससे पहले अमर उजाला में चंडीगढ़ संस्करण का प्रभारी रहा। अमर उजाला में ही नेशनल ब्यूरो का हिस्सा रहा। लोकसभा, कांग्रेस, पीएमओ, गृह मंत्रालय और कई स्टेट कवर किए। उससे पूर्व दैनिक जागरण में ग्यारह वर्ष तक सेवाएँ दीं। दैनिक प्रभात से शुरुआत की और डीएलए समाचारपत्र से भी जुड़ा रहा। दो समाचार पत्रों को लाँच करने का अनुभव है। अब तक अलग-अलग विषयों पर मेरी दस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। आकाशवाणी और टेलीविजन चैनलों पर करेंट अफ़ेयर्स पर होने वाले कार्यक्रमों का हिस्सा रहा हूँ। यूनिवर्सिटीज, कालेजों आदि में छात्रों के बीच लेक्चर के लिए जाता रहता हूँ।

 

और अंत में। इस सामाचार-पत्र में काम करते हुए मुझे कभी इसका अहसास नहीं हुआ कि इसकी स्थापना करने वाले किसी पार्टी विशेष से जुड़े हुए हैं। मुझे कभी किसी ने कैप्टन अभिमन्यु की प्रेस वार्ता में अथवा पार्टी के किसी कार्यक्रम में नहीं देखा होगा इन सोलह वर्षों में। समाचारपत्र के साथ संपादक के तौर पर जुड़ा हूँ। मैं एक प्रोफेशनल पत्रकार हूँ। देश के अन्य पत्रकारों में इसी रूप में मेरी पहचान है। यह परिवार भी पहले दिन से इसी रूप में मेरा सम्मान करता है। इसलिए, बिना जाने, बिना सोचे विचारे किसी के बारे में अभद्र और अवांछित टिप्पणी करने से बचें। मेरी यही विनम्र प्रार्थना है।

]]>
कांग्रेसियों ने क्यों लगाए प्रियंका चोपड़ा जिंदाबाद के नारे ? https://www.positivekhabar.com/why-congress-worker-shouted-slogans-of-priyanka-chopra-zindabad/ Mon, 02 Dec 2019 05:28:18 +0000 https://www.positivekhabar.com/?p=4585 कांग्रेस की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी दिल्ली के रामलीला मैदान में 14 दिसंबर को ‘जनाक्रोश रैली’ करने वाले हैं. इस रैली में कांग्रेस मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर कड़े प्रहार करने वाली है. दिल्ली में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस रैली को पार्टी में दम भरने के लिहाज से काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने इस रैली को सफल बनाने के लिए अभी से जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी हैं.

रामलीला मैदान में लोगों की रिकॉर्ड भीड़ इकट्ठा करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में सभाएं कर अभी से माहौल बनाया जा रहा है. इसी अभियान के तहत रविवार को दिल्ली के बवाना क्षेत्र में एक बड़ी सभा का आयोजन किया गया. इस सभा में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और पार्टी के अन्य नेता पहुंचे थे. नेता मंच से कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह भरने की कोशिश कर रहे थे , नारेबाजी हो रही थी और अचानक कुछ ऐसा हुआ कि सब चौंक पड़े.

अचानक प्रियंका चोपड़ा जिंदाबाद के नारे लगाने लगे कांग्रेसी

जब सुभाष चोपड़ा मंच पर खड़े होकर पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह भर रहे थे, कांग्रेस के पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार पार्टी के जयकारे लगाने लगे. इसी दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सोनिया गांधी, कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगाए. नारे लगाने के जोश में कार्यकर्ता अचानक कुछ खो से गए और उन्होने प्रियंका गांधी जिंदाबाद की बजाय गलती से प्रियंका चोपड़ा जिंदाबाद  के नारे लगाने शुरु कर दिए. इससे मंच पर उपस्थित पार्टी के तमाम आला नेता असहज से हो गए. हालांकि कार्यकर्ता ने तुरंत अपनी गलती सुधारी और फिर प्रियंका गांधी के नाम से नारे लगाने लग गए.

यही वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता इस वीडियो को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष कर रहे हैं.

]]>
मूसलाधार बारिश , मुंबई , आनंद महिंद्रा और अखबार – किस्सा मालूम है क्या ? https://www.positivekhabar.com/anand-mahindra-twitt-on-heavy-rain-in-mumbai-newspaper/ Tue, 02 Jul 2019 05:57:02 +0000 http://positivekhabar.com/?p=3055 देश में बहुत कम उद्योगपति ऐसे हैं जो हर मुद्दें पर अपनी बेबाक राय रखते है उन्ही में से एक है आनंद महिंद्रा , महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन । हालांकि आनंद महिंद्रा बेबाक राय रखने वाले उद्योगपतियों में भी सबसे अलग है क्योंकि वह सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एक्टिव रहते हैं। हर छोटी-बड़ी चीज़ों पर अपनी राय रखते हैं। कुछ अच्छा दिखा तो उसे भी ट्वीट करते हैं , कुछ मजेदार लगा तो उसे भी शेयर मीडिया पर शेयर करते हैं। किसी ने सोशल मीडिया पर कुछ भेजा, वो अच्छा लग गया तो उसे भी ट्वीट कर देते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि वह सोशल मीडिया पर ही लोगों की मदद करने को भी हमेशा तैयार रहते  हैं।

हाल ही में भारत और इंग्लैंड के बीच हुए क्रिकेट मैच को लेकर उन्होने कई ऐसे ट्वीट किए थे जिसकी वजह से वह ट्रोल होने लगे । लोगों ने फनी कमेंट किए तो आनंद महिंद्रा ने भी दिल खोलकर मजेदार जवाब दिए। एक बार फिर से वह चर्चा में है अपने नए ट्वीट के लिए।

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पानी-पानी है । मानसून की जबरदस्त मार से मुंबईकर परेशान है। पूरी मुंबई पानी में डूबी हुई है । कई जगहों पर कई लोगों की मौत भी हो गई है । लेकिन बारिश के कहर के बीच भी मुंबई में काम करने वाले कई ऐसे लोग हैं जो पूरी ईमानदारी और मेहनत से आज भी अपना काम कर रहे हैं और ऐसे ही लोगों में से एक है अखबार वाले । रिपोर्टर से लेकर हॉकर तक , सब मेहनत कर रहे हैं ताकि मुंबईकरों तक एक-एक खबर पहुंचाई जा सके और इसी जज्बे ने आनंद महिंद्रा को ट्वीट करने पर विवश कर दिया।

 

महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भारी बारिश के बीच अपने घर पहुंचे सूखे अखबार की फोटो ट्वीट करते हुए लिखा, “ मुंबई एयरपोर्ट का रनवे बंद है , स्कूल बंद है , रेलवे स्टेशन पानी में डूबे हैं लेकिन मेरे घर समय से अखबार पहुंचा और वो भी सूखा हुआ। मैं उन शांत , गुमनाक नायकों को सलाम करता हूं जो इस मुसलधार बारिश में भी बहादुरी से लड़ रहे हैं ताकि हमें एक सामान्य दिनों जैसा ही अनुभव हो सके। “

सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय आनंद महिंद्रा के अखबार वालों की तारीफ के ट्वीट करने के साथ ही कमेंट करने वालों का तांता लग गया । सबसे पहले सबसे तेज चैनल आज तक के आउटपुट एडिटर आर सी शुक्ला ने महिंद्रा के ट्वीट पर जवाब दिया – Wahh…that called NEWS Man – क्योंकि खबर रूकती नहीं। कई लोगों ने तारीफ करने के महिंद्रा के जज्बें की जमकर तारीफ की। वहीं मदन सिंह चारण नाम के व्यक्ति ने तो अखबार के हॉकरों के लिए महिंद्र एंड महिंद्रा बेस्ट हॉकर पुरस्कार की शुरूआत करने की सलाह ही दे डाली। एक घंटे के अंदर 765 से ज्यादा लोग इसे रिट्वीट और 6300 के लगभग लोग लाइक कर चुके हैं।

हम भी कहेंगे तारीफ करने के लिए शुक्रिया , महाशय।

]]>