कोरोना लॉकडाउन के बीच मजदूरों को उनके गांव सही-सलामत पहुंचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की जद्दोजहद अभी भी जारी है। दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है कि इस पर जमकर राजनीति भी हो रही है और कुछ राज्य सरकारें अपनी जिम्मेदारी से लगातार पल्ला भी झाड़ने की कोशिश कर रही है। हालांकि राहत की बात यह है कि अब मामले की गंभीरता समझते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ने भी इसमें हस्तक्षेप किया है।
इस बीच रेलवे से एक बड़ी ख़बर आ रही है। मजदूरों को उनके राज्यों तक पहुंचाने की बड़ी भूमिका में लगी रेलवे ने अब देश के आम लोगों से अपील की है। रेल मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि इस तरह के व्यक्तियों को ट्रेन की यात्रा करने से बचना चाहिए।
रेल मंत्री पीयूष गोयल की अपील, ऐसे लोग नहीं करें ट्रेन से यात्रा
भारतीय रेल, देश भर में प्रतिदिन कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रहा है, ताकि प्रवासियों की अपने घरों को वापसी सुनिश्चित की जा सके।यह देखा जा रहा है कि कुछ ऐसे लोग भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा कर रहे हैं जो पहले से ही ऐसी बीमारियों से पीड़ित हैं जिनसे कोविड़-19 महामारी के दौरान उनके स्वास्थ्य को खतरा बढ़ जाता है। यात्रा के दौरान पूर्व ग्रसित बीमारियों से लोगों की मृत्यु होने के कुछ दुर्भाग्यपूर्ण मामले भी मिले हैं।
ऐसे कुछ लोगों की सुरक्षा हेतु रेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय के आदेश क्रमांक 40-3/2020-DM-l(A) दिनांक 17.05.2020 के तहत, अपील करता है की पूर्व ग्रसित बीमारी (जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, कर्करोग, कम प्रतिरक्षा) वाले व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे एवं 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए, जब तक अत्यंत आवश्यक ना हो रेल यात्रा करने से बचें।
रेल मंत्रालय ने सार्वजनिक रूप से अपील जारी करते हुए कहा है कि हम समझ सकते हैं कि देश के कई नागरिक इस समय रेल यात्रा करना चाहते हैं एवं उनको निर्बाध रूप से रेल सेवा मिलती रहे, इस हेतु भारतीय रेल का परिवार चौबीसों घंटे,सातों दिन कार्य कर रहा है। पर हमारे यात्रियों की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है और इसके लिए सभी देशवासियों का सहयोग अपेक्षित है। किसी भी कठिनाई या आकस्मिकता पड़ने पर कृपया अपने रेल परिवार से संपर्क करने में हिचकिचाएं नहीं। भारतीय रेल आपकी सेवा में हमेशा की तरह तत्पर हैं I
रेलवे हेल्पलाइन नंबर याद रखिए- 139 & 138
यह बात बिल्कुल सही है कि मजदूरों को अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचाने में रेलवे एक बड़ी भूमिका निभा रहा है लेकिन पिछले कुछ दिनों में लगातार घटी घटनाओं की वजह से रेलवे को आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान माहौल में यह भी तय है कि रेल मंत्रालय के वर्तमान आदेश पर भी जमकर राजनीतिक बयानबाजी तो होगी ही।
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अन्य राज्यों में फंसे मजदूर को लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचने वाली यह पहली लेबर स्पेशल ट्रेन है। महाराष्ट्र के नासिक से चली यह स्पेशल ट्रेन 847 मजदूरों को लेकर रविवार को सुबह 6 बजे लखनऊ स्टेशन पर पहुंची। 72 सीटों वाली एक बोगी में सिर्फ 54 लोगों को ही बैठाया गया था।
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कोविड – 19 के तहत जारी आदेशों और दिशा-निर्देशों के तहत स्टेशन पर सोशल Distancing और जांच की तमाम तैयारियां पहले से ही कर ली गई थी।
नासिक में ट्रेन पर चढ़ाते समय भी तमाम प्रोटोकॉल का पालन किया गया। टिकट चेकिंग स्टॉफ , RPF, GRP और स्थानीय पुलिस के जवान तैनात रहे ताकि कोई अनाधिकृत तरीके से ट्रेन में न चढ़ पाए। लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर जब यह ट्रेन पहुंची तो वहां भी रेलवे के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन का पूरा अमला मौजूद था। स्टेशन पर इन तमाम मजदूरों की जांच की गई।
राज्यों के साथ मिलकर रेलवे इस तरह की कई लेबर स्पेशल ट्रेन अलग अलग राज्यों के लिए चला रहा है लेकिन आम यात्रियों के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि इसमें सफर वही कर सकता है जिसकी लिस्ट राज्य सरकार तैयार करती है इसलिए जल्दबाजी में और घबराहट में आप रेलवे स्टेशन न पहुंच जाए क्योंकि आम यात्रियों के लिए ट्रेन अभी पूरी तरह बंद है। अगर आप फिर भी अपने गांव जाना चाहते हैं तो नियमों का पालन कीजिए। हर राज्य सरकार ने अपने-अपने स्तर पर इसे लेकर एक हेल्पलाइन नंबर और लिंक जारी किया हुआ है। उस पर जाकर रजिस्ट्रेशन जरूर करवाइए।
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