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Patna – Positive Khabar https://www.positivekhabar.com ताज़ा ख़बर Wed, 18 Oct 2023 15:05:52 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.3 https://www.positivekhabar.com/wp-content/uploads/2019/06/khabar5-150x120.jpg Patna – Positive Khabar https://www.positivekhabar.com 32 32 बिहार के काम की खबर- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पटना में किया बिहार के चौथे कृषि रोड मैप का शुभारंभ https://www.positivekhabar.com/president-droupadi-murmu-launched-the-fourth-krishi-road-map-of-bihar-at-patna-today/ Wed, 18 Oct 2023 15:05:52 +0000 https://www.positivekhabar.com/?p=7608 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज (18 अक्टूबर, 2023) को पटना में बिहार के चौथे कृषि रोड मैप (2023-2028) का शुभारंभ किया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी कार्यक्रम में मौजूद रहें। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि कृषि, बिहार की लोक संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और बिहार की अर्थव्यवस्था का मूल आधार है। कृषि और उससे जुड़ा क्षेत्र न सिर्फ राज्य के लगभग आधे कार्यबल को रोजगार देते हैं, बल्कि राज्य की जीडीपी में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान है, इसलिए कृषि क्षेत्र का सर्वांगीण विकास बहुत जरूरी है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि बिहार सरकार 2008 से कृषि रोड मैप लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन कृषि रोड मैप लागू होने का ही परिणाम है कि राज्य में धान, गेहूं और मक्का की उत्पादकता बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई है। मशरूम, शहद, मखाना और मछली के उत्पादन में भी बिहार अन्य राज्यों से काफी आगे हो गया है। उन्होंने कहा कि चौथे कृषि रोड मैप का शुभारंभ वह महत्वपूर्ण कदम है, जिससे इस प्रयास को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि बिहार के किसान खेती में नई तकनीकों और नए प्रयोगों को अपनाने के मामले में बहुत आगे है। यही कारण है कि एक नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री ने नालंदा के किसानों को “वैज्ञानिकों से भी महान” कहा। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि आधुनिक खेती के तरीकों को अपनाने के बावजूद, बिहार के किसानों ने कृषि के पारंपरिक तरीकों और अनाज की किस्मों को संरक्षित रखा है। उन्होंने इसे आधुनिकता के साथ परंपरा के सामंजस्य का अच्छा उदाहरण बताया।

राष्ट्रपति ने बिहार के किसानों से आग्रह किया कि वे जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि जैविक खेती न सिर्फ कृषि की लागत कम करने और पर्यावरण संरक्षण में सहायक है, बल्कि यह किसानों की आय बढ़ाने और लोगों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में भी सक्षम है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि बिहार सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए गंगा के किनारे के जिलों में एक जैविक गलियारा बनाया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन संपूर्ण मानवता के अस्तित्व के लिए खतरा है, लेकिन इनका सबसे ज्यादा असर गरीबों पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि बिहार में हाल के वर्षों में बहुत कम वर्षा हुई है। उन्होंने कहा कि बिहार जल-समृद्ध राज्य माना गया है और नदियां और तालाब इस राज्य की पहचान रहे हैं। इस पहचान को कायम रखने के लिए जल संरक्षण पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने में जलवायु अनुकूल कृषि महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। वर्तमान कृषि पद्धति में बदलाव लाकर जैव-विविधता को बढ़ावा दिया जा सकता है, जल संसाधनों के दोहन को कम किया जा सकता है, मिट्टी की उर्वरता को संरक्षित किया जा सकता है और सबसे बढ़कर लोगों की थाली तक संतुलित भोजन पहुंचाया जा सकता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि विकसित भारत के सपने को पूरा करने में बिहार का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है, लेकिन इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए हमें संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठना होगा। बिहार को विकसित राज्य बनाने के लिए समग्र विकास के अलावा कोई विकल्प नहीं है। नीति-निर्माताओं और बिहार के लोगों को राज्य की प्रगति के लिए एक रोड मैप तय कर उसे लागू करना होगा। उन्होंने कहा कि यह संतोष की बात है कि बिहार में कृषि रोड मैप लागू हो रहा है, लेकिन उन्हें तब ज्यादा खुशी होगी जब बिहार विकास के हर मानक पर रोड मैप बनाकर प्रगति की राह पर लगातार आगे बढ़ता जाएगा – चाहे वह स्वास्थ्य का क्षेत्र हो, शिक्षा का क्षेत्र हो, प्रति व्यक्ति आय का मामला हो या हैप्पीनेस इंडेक्स।

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