दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भावना समिति ने दो धर्मों के बीच नफरत, घृणा फैलाने वालों की सूचना देने के लिए एक ई-मेल आईडी और व्हाट्सएप नंबर जारी किया है। इस ई-मेल और व्हाट्सएप नंबर पर कोई भी व्यक्ति स्क्रीन शॉट लेकर शिकायत कर सकता है। सूचना देने वाले व्यक्ति को पुरस्कार के रूप में 10 हजार रुपए भी मिलेंगे। समिति के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने लोगों से अपील की है कि वो ऐसे लोगों की सूचना समिति को दें ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई हो सके।
इसके साथ ही विधानसभा की समिति 5 मार्च यानी गुरुवार को दंगा प्रभावित सभी 6 विधानसभाओं में शांति बैठक करेंगे जिसमें सभी 6 विधायक, समिति के सदस्य, दिल्ली पुलिस कमिश्नर और स्थानीय धार्मिक व सम्मानित लोग भी शामिल होंगे। सौरभ भारद्वाज ने बताया कि 10 मार्च को होली है और उससे पहले 6 मार्च को जुमे की नमाज है इसलिए 5 मार्च की बैठक में सभी धर्म गुरुओं को बुलाएंगे ताकि त्योहार पर सद्भाव बना रहे।
दिल्ली विधानसभा की समिति में चेयरमैन सहित 9 सदस्य
दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भावना समिति का चेयरमैन सौरभ भारद्वाज को बनाया गया है। दिलीप पांडेय ,अब्दुल रहमान, अजय कुमार महावर, आतिशी, बीएस जून, जरनैल सिंह, कुलदीप कुमार और राघव चड्ढा को इस समिति का सदस्य बनाया गया है। समिति दिल्ली में हुए दंगे के दौरान अपने धर्म व मजहब की दीवार तोड़कर दूसरों की मदद करने वाले लोगों को सम्मानित करने पर भी विचार कर रही है।
दरअसल , दिल्ली में हिंसा का दौर खत्म होने के बाद भी असमाजिक तत्व अफवाहें और ढूठी खबर फैला कर दिल्ली में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस लगातार ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी कर रही है और अब दिल्ली विधानसभा द्वारा गठित समिति ने भी ऐसे लोगों के खिलाफ कमर कस ली है। ऐसे अफवाहबाजों को 3 साल तक की जेल हो सकती है।
तो फिर देर किस बात की…तैयार हो जाइए..दिल्ली में अशांति फैलाने वाले लोगों की पोल खोलने के लिए क्योंकि ये दिल्ली हमारी है , हम सबकी है और इसे शांत बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
]]>दरअसल , यह पूरा मामला दिल्ली हिंसा से जुड़ा है और ये डीसीपी है दिल्ली के नई दिल्ली जिले के। हिंसा पर काबू पा लिया गया है लेकिन इसके बावजूद असमाजिक तत्व लगातार दिल्ली के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली में तनाव बढ़ाने के लिए और माहौल खराब करने के लिए इस तरह के असामाजिक तत्व अफवाहों का सहारा लेते हैं।
इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने कई अफवाहबाजों को गिरफ्तार भी किया है और साथ ही अफवाह फैलाने वाले लोगों को लगातार चेतावनी भी दी जा रही है। इसी तरह की चेतावनी नई दिल्ली जिले के डीसीपी भी दे रहे हैं लेकिन बिल्कुल अलग और अनोखे अंदाज में।
बागी बनने की सलाह दे रहे हैं नई दिल्ली के डीसीपी
आपको यह तो पता ही होगा कि बॉलीवुड स्टार टाइगर श्रॉफ जल्द ही फिल्म बागी 3 में श्रद्धा कपूर और रितेश देशमुख के साथ नजर आने वाले हैं। फिल्म में टाइगर जबरदस्त एक्शन सीन्स करते नजर आएंगे। नई दिल्ली जिले के डीसीपी ने टाइगर श्रॉफ के इसी फिल्म के पोस्टर का सहारा लेते हुए लोगों को बागी बनने की सलाह दी है। इस पोस्टर में बागी फिल्म के हीरो टाइगर श्राफ हाथ में हथियार लिए खड़े दिखाई दे रहे हैं। इस पोस्टर को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए नई दिल्ली के डीसीपी ने लिखा है,
“यह बागी का मौसम है। हमलोग झूठ और नकली के खिलाफ बागी हैं। क्या आप हैं? झूठी खबरों के खिलाफ बागी होने को तैयार हो जाइए। झूठी जानकारी के सभी नेटवर्क के खिलाफ एक विद्रोही बनें। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सतर्क रहें। नकली से लड़ने के लिए एकजुट हों।“
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि दिल्ली पुलिस आपको बागी बनने की सलाह क्यों दे रही है। तो देर किस बात की , तैयार हो जाइए झूठी खबरों और अफवाहों के खिलाफ बागी बनने के लिए क्योंकि ये मौसम बागी होने का है।
धमकी और वो भी स्वीट सी
नई दिल्ली के डीसीपी लोगों को समझाने के लिए बागी होने की सलाह तक ही नहीं रूके । उन्होने सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहे मीम्स के कोलॉज को शेयर करते हुए अफवाह फैलाने वाले लोगों को स्वीट सी धमकी भी दी है। पहले यह ट्वीट देखिए..
कुल मिलाकर आप यह समझ लीजिए कि आप अपनी असली आईडी से सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाएं या फर्जी आईडी से, किसी भी सूरत में बचने का कोई सवाल नहीं है क्योंकि आप नजर में हैं दिल्ली पुलिस की नजर में।
तो सावधान रहिए, किसी के बहकावे में आकर झूठी खबर और अफवाहें बिलकुल नहीं फैलाइए। ये दिल्ली हमारी है , हम सबकी है और इसे शांत बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
]]>अमिताभ अपने अध्ययन में इन दंगों के पूर्व बन रही स्थितियों, परिस्थितियों तथा घटनाओं का अध्ययन करेंगे. साथ ही वे दंगों के दौरान की स्थितियों एवं तथ्यों तथा दंगों के बाद उत्पन्न हुई परिस्थितियों, मनःस्थिति तथा प्रभाव का भी अध्ययन करेंगे.
उनके अध्ययन का मुख्य फलक इन सभी स्थितियों एवं परिस्थितियों में दिल्ली पुलिस की भूमिका, स्थिति, क्रिया-प्रतिक्रिया, चुनौती तथा परेशानियों पर अध्ययन किया जाना होगा. साथ ही इस पूरी अवधि में दिल्ली पुलिस के प्रदर्शन तथा भूमिका के संबंध में लोगों की प्रतिक्रिया तथा संतुष्टि के संबंध में भी अध्ययन किया जायेगा. यह एक अकादमिक अध्ययन होगा, जिसका उद्देश्य मौके पर प्राप्त तथ्यों के क्रम में कतिपय निष्कर्ष प्राप्त करना तथा भविष्य में ऐसी स्थितियों का बेहतर ढंग से मुकाबला कर सकने योग्य क्षमता विकसित करने के संबंध में अपने सुझाव देना होगा.
अमिताभ के अनुसार चूँकि अभी दिल्ली की परिस्थितियां तनावपूर्ण हैं, अतः वे स्थितियों के अनुकूल हो जाने पर अप्रैल 2020 के प्रथम सप्ताह में दिल्ली पुलिस कमिश्नर को अवगत कराते हुए यह अध्ययन करने दिल्ली जायेंगे.
वे इस हेतु गृह मंत्रालय तथा बीपीआरडी, नयी दिल्ली से भी संपर्क कर उनका सहयोग मांगेंगे.
]]>जिस तरह से दिल्ली में “मोबाइल-गुलेल” मिली है और दूसरे आगजनी के सामान, ये त्वरित प्रतिक्रिया का मामला नही था, ये सोची समझी साजिश थी!
इन दंगों में जितनी जान-माल की हानि हुई है, ये किसी भयावह आतंकी हमले से भी बढ़कर है!!
देखने वाली बात ये है कि मीडिया का एक बड़ा धड़ा कुछ एक लोगों पर पहले ही जजमेंट दे चुका है, सारा ठीकरा वो पहले ही फोड़कर investigation की इतिश्री कर चुका है! समझने वाली बात ये है कि क्या इतना आसान है जितना हम समझ रहे है?
हमारे ही देश में ऐसे लोगों की संख्या कम नही है जोकि हर मौके पर देश की छवि धूमिल करने का भरसक प्रयास करते है!
पहले तो हमे इस पर कोई दोराय नही होनी चाहिए कि दिल्ली में जो हिंसा भड़की वो अनायास नही था बल्कि इसकी बाकायदा साजिश की गई थी, प्रायोजित था और टाइमिंग ऐसी चुनी गई, अमरीकी राष्ट्रपति की भारत-यात्रा! जिसमें भारत की भद्द सबसे ज्यादा पिट सकती थी!
चूंकि, अमरीकी राष्ट्रपति के दौरे के चलते विश्व भर की मीडिया दिल्ली में मौजूद थी!
अब प्रश्न ये उठता है कि ऐसा किया क्यो गया ?
…..तो इसका जवाब ये है संसद से पारित जिस कानून का विरोध किया जा रहा है उसका कोई आधार ही नही है, चूंकि इस कानून के किसी भी प्रावधान से भारत के नागरिकों के हितों का हनन नही होता! बल्कि ये पड़ोसी देशों में वहां धार्मिक प्रताड़ना के शिकार लोगों को मानवीय आधार पर भारत मे नागरिकता देने से सम्बंधित है!!
हम माने या न माने पर भारत मे भारत के खिलाफ ही विदेशी चंदे से तथाकथित बुद्धिजीवियों का एक ऐसा धड़ा तैयार कर दिया गया है!
जो आजादी की आड़ में अराजकता, मानवाधिकार की आड़ में अलगाववादियों को आवाज और अभिव्यक्ति की आड़ में समाज मे विकृति फैलाता है! ऐसी प्रायोजित हिंसा में अनिवार्य रुप से वो शामिल है!
एक ऐसे दौर में जब मीडिया खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के समक्ष तथ्य, सत्य और वस्तुपरकता का पूर्ण अभाव है, हमे और सतर्क रहने की आवश्यकता है!!
हमे अपने आँख,कान,नाक सभी ज्ञानेंद्रियों को खुला रखने की आवश्यकता है, सचेत रहने की आवश्यकता है!!
हिंसा का बहादुरी से डटकर सामना करने वाली अनेक तस्वीरें हमने देखी, जिसमे एक पुलिसकर्मी डटकर भीड़ के सामने खड़ा रहा! तो एक बहादुर पुलिसकर्मी रतनलाल ने जान तक गवाँ दी! उनकी बहादुरी को नमन!
जिनके घर का व्यक्ति इसका शिकार हुआ, ईश्वर उन्हें शक्ति दें, वो इस अपार कष्ट को सह सकें!
]]>बताया जा रहा है कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लेने का मूड सरकार बना चुकी है। सरकार आईटी एक्ट 56 ए और आईपीसी की धारा 153 ए , 506 के तहत कार्रवाई करके ऐसे लोगों को जेल भेजेगी। आपको बता दें कि इन कानूनों के तहत 3 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।
दिल्ली सरकार इसे लेकर जल्द ही एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी करने जा रही है। सरकार लोगों से अपील करेगी कि अगर उनके पास किसी भी तरह का भड़काऊ वीडियो आता है तो इस व्हाट्सएप नंबर पर भेज कर सरकार को सूचित करें। दिल्ली सरकार लोगों से यह भी उम्मीद करेगी कि लोग उन्हें यह भी बताए कि यह वीडियो उन्हें किसने भेजा, किस नंबर से भेजा।
इसके बाद दिल्ली सरकार दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर भड़काऊ वीडियो भेजने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। दरअसल ,दिल्ली में माहौल शांत हो चुका है लेकिन इसके बावजूद अभी भी सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो धड़ल्ले से शेयर किए जा रहे हैं। इसी के चलते अब सरकार इस तरह का सख्त एक्शन लेने का मूड बना चुकी है।
]]>एक बार फिर से चैनल के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके चर्चा में हैं , दिल्ली में फैली हिंसा के बाद अपने नए अभियान के लिए। सुरेश चव्हाणके अपने बुलेटिन में लाइव अपने दर्शकों को शपथ दिला रहे हैं – दंगाइयों का हर तरह से बहिष्कार करने के लिए।
सुरेश चव्हाणके इसे लेकर न केवल टीवी स्क्रीन पर अभियान चला रहे हैं बल्कि उन्होंने रविवार को शाम 5 बजे अपने समर्थकों से दिल्ली के इंडिया गेट पर पहुंचने को भी कहा है। सुदर्शन टीवी के संपादक ने इस अभियान को नाम दिया है – दंगाइयों का आर्थिक बहिष्कार और नारा दे रहे हैं चलो इंडिया गेट।
एक टीवी संपादक को क्या इस तरह का अभियान चलाना चाहिए , कई लोग इसे लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस अभियान का समर्थन और विरोध करने वालों के पास अपने-अपने तर्क हैं।
हालांकि यह सभी जानते हैं कि खबरों और राष्ट्रवाद को लेकर सुरेश चव्हाणके का अपना नजरिया है और वो देश के संविधान और कानून के तहत कोई भी अभियान चलाने या आंदोलन छेड़ने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि इस नाजुक मौके पर दिल्ली सहित पूरे देश में शांति बने रहे, यह भी बहुत जरूरी है।
Positive Khabar सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता है।
]]>शांति स्थापित होने के बाद अब दिल्ली पुलिस के सामने दो चुनौतियां है। पहली,दिल्ली में शांति स्थाई रूप से बनी रहे और दूसरी हिंसा के दोषियों को गिरफ्तार कर सजा दिलवाना। इस संबंध में राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बड़ा खुलासा किया है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या को लेकर बड़ा खुलासा किया है। बीजेपी के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि अंकित की हत्या आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के इशारे पर की गई क्योंकि अंकित बांग्लादेशी आतंकियों के साथ ताहिर हुसैन के संबंधों के तार ढूंढ रहे थे। अगर ये सच है तो यह एक बहुत गंभीर मामला है।
सुब्रमण्यम स्वामी का यह खुलासा काफी चौंकाने वाला है क्योंकि अगर यह सच है तो इसका मलतब भी बिल्कुल साफ-साफ निकल कर सामने आ रहा है कि दिल्ली में दहशत फैलाने की योजना देश के दुश्मन आतंकवादियों ने बाहर बैठकर रची थी और जिसे अमलीजामा राजधानी दिल्ली में बैठे उनके आदमियों मे पहुंचाया। दिल्ली में जान-माल की हानि हुई, हिंसा हुई , दंगे हुए। यहां तक कि भारत की छवि को भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खराब करने की कोशिश की गई। सुब्रमण्यम स्वामी के इस खुलासे का निश्चित तौर पर दिल्ली पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों को संज्ञान लेते हुए गंभीरता से कार्यवाही करनी चाहिए।
आपको बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान अंकित शर्मा की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक अंकित के शरीर पर चाकुओं से 400 से अधिक बार वार किया गया था। अंकित के परिजनों ने भी हत्या का आरोप निगम पार्षद ताहिर हुसैन पर ही लगाया है।
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