विराट कोहली के शानदार प्रदर्शन और अपना रिकॉर्ड तोड़ने से खुश सचिन तेंदुलकर ने जमकर विराट कोहली की तारीफ की है।
क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने विराट द्वारा अपना ही रिकॉर्ड तोड़ने पर उन्हें जमकर बधाई देते हुए ‘X’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, ” जब मैं पहली बार आपसे भारतीय ड्रेसिंग रूम में मिला था, तो टीम के अन्य साथियों ने आपके साथ मेरे पैर छूने का मज़ाक उड़ाया था। मैं उस दिन अपनी हंसी नहीं रोक सका। लेकिन जल्द ही, आपने अपने जुनून और कौशल से मेरे दिल को छू लिया। मैं बहुत खुश हूं कि वह युवा लड़का एक ‘विराट’ खिलाड़ी बन गया है। मुझे इससे ज्यादा खुशी नहीं हो सकती कि एक भारतीय ने मेरा रिकॉर्ड तोड़ा और इस सबसे बड़े मंच पर – विश्व कप सेमीफाइनल में – और अपने घरेलू मैदान पर करना सोने पर सुहागा है। ”
The first time I met you in the Indian dressing room, you were pranked by other teammates into touching my feet. I couldn’t stop laughing that day. But soon, you touched my heart with your passion and skill. I am so happy that that young boy has grown into a ‘Virat’ player.
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) November 15, 2023
टीम इंडिया ने शानदार बैटिंग करते हुए सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 4 विकेट पर 397 रन स्कोर बोर्ड पर टांग दिए हैं ।
विराट कोहली ने 113 गेंद पर 117 रन बनाए। टीम इंडिया की तरफ से श्रेयस अय्यर आज के मैच में कोहली के बाद शतक ठोंकने वाले बल्लेबाज बने हैं। अय्यर ने 70 गेंदों पर 105 रन, कप्तान रोहित शर्मा ने 29 गेंद पर 47 रन, शुभमन गिल ने 66 गेंद पर 80 रन और केएल राहुल ने 20 गेंद पर 39 रन बनाए।
]]>दूसरी खबर भारतीय क्रिकेट टीम के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से जुड़ी है। सचिन एक बार फिर अपना बल्ला थाम कर क्रिकेट के मैदान में उतरने जा रहे हैं। आपको यह सुनकर आश्चर्य जरूर हो रहा होगा क्योंकि यह सब जानते हैं कि कंधे की चोट के कारण डॉक्टर ने सचिन तेंदुलकर को बल्लेबाजी करने से मना कर रखा है तो फिर सचिन यह जोखिम क्यों उठा रहे हैं ?
दरअसल , ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग के पीड़ितों के लिए चैरिटी मैच में शिरकत करने के लिए सचिन तेंदुलकर मेलबर्न गए हुए हैं। वहां पर ऑस्ट्रेलिया की तेज महिला गेंदबाज एलिसा पैरी ने तेंदुलकर को चुनौती दी कि वो उनकी गेंदों पर बैटिंग करके दिखाए।
अब भला सचिन तेंदुलकर को कौन रोक सकता था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की इस तेज महिला गेंदबाज की चुनौती स्वीकार कर मैदान में उतरने का फैसला कर लिया। हालांकि उन्होंने जवाब देते हुए यह भी बता दिया कि कंधे की चोट के कारण डॉक्टर ने उन्हें मना कर रखा है इसलिए वो सिर्फ एक ही ओवर खेलेंगे।
]]>मंगलवार से मेजबान भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन मैचों के वनडे सीरीज की शुरुआत होने जा रही है. दोनों के बीच बादशाहत की जंग मजेदार ही होगी क्योंकि हाल के दिनों में दोनों ही टीमों ने वनडे क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है.
तेंदुलकर के रिकॉर्ड के करीब पहुंचे विराट कोहली
टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगे लेकिन सबकी नजरें कप्तान विराट कोहली पर टिकी रहेंगी जो मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के एक और रिकॉर्ड को छूने के करीब पहुंच चुके है. कोहली घरेलू मैदान में वनडे मैचों में अब तक 19 शतक लगा चुके हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मंगलवार को कोहली के बल्ले से जैसे ही 100 वां रन निकलेगा वैसे ही कोहली सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे. सचिन तेंदुलकर के नाम पर अभी घरेलू मैदान पर सबसे ज्यादा 20 शतक बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है. जाहिर है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीनों वनडे मैच में कोहली का बल्ला गरजता है तो वो तेंदुलकर के इस रिकॉर्ड को भी अपने नाम कर लेंगे.
भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – क्या कहता है रिकॉर्ड बुक
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अब तक 137 वनडे मैच हुए हैं जिसमें से 77 मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली है. 50 वनडे मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया है जबकि 10 मैच बेनतीजा रहे हैं.
हालांकि पिछले 9 वनडे मुकाबलों में भारत ने 5 बार ऑस्ट्रेलिया को हराया है. इस बार टीम कोहली 2019 का बदला भी ऑस्ट्रेलिया से लेना चाहेगी.पिछले साल मार्च में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को उसके घर में ही 3-2 से हरा दिया था.
]]>कोलकाता में हुई नीलामी में इस युवा बल्लेबाज को राजस्थान रॉयल्स ने अपनी टीम में शामिल किया . उन्हें लंबी बोली के बाद दो करोड़ 40 लाख रुपये में ख़रीदा गया . यशस्वी की इस सफलता से भदोही वासी जश्न में डूब गए और एक-दूसरे को मिठाई भी खिलाई.
यशस्वी की इस सफलता की सूचना मिलते ही सुरियावां नगर में स्थित उनके पिता की पेंट की दुकान पर बधाई देने वालों का तांता लग गया.
बल्लेबाज है यशस्वी जायसवाल
यशस्वी ने बीते दिनों अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम के ओपनर बल्लेबाज के रूप में शानदार प्रदर्शन किया था . उन्होंने कम ही समय में अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से पहचान बनाई है.
यशस्वी ने इस साल घरेलू क्रिकेट में भी जबरदस्त प्रदर्शन किया था. उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी 2019 में मुंबई की तरफ से खेलते हुए एक दोहरा शतक सहित तीन शतकों की मदद से पांच मैचों में 500 से अधिक रन बनाए थे.
उन्होंने इसी साल झारखंड के खिलाफ 149 गेंदों में अपना पहला दोहरा शतक लगाया और सबसे कम उम्र में ऐसा करने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए. इतना ही नहीं वे विजय हजारे ट्रॉफी की एक पारी में सबसे ज्यादा 12 छक्के लगाने वाले खिलाड़ी भी बने थे.
क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने दिया अपना बल्ला
सचिन के बेटे अर्जुन तेंदुलकर और यशस्वी जायसवाल दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं . इन दोनों की दोस्ती बेंगलुरु में स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में हुई थी. उस वक्त अर्जुन और यशस्वी दोनों एक ही कमरे में रहते थे. एक बार अर्जुन ने यशस्वी की मुलाक़ात अपने पिता से करवाई थी.
अर्जुन तेंदुलकर साल 2018 में यशस्वी को अपने घर ले गए और उन्हें अपने पिता सचिन तेंदुलकर से मिलवाया जिसके बाद मास्टर ब्लास्टर भी उनके फैन हो गए . पहली ही मुलाकात में सचिन ने यशस्वी से प्रभावित होकर उन्हें अपना बल्ला गिफ्ट में दे दिया. बैटिंग के टिप्स देते हुए सचिन ने यशस्वी से अपने डेब्यू मैच में उसी बल्ले से खेलने को भी कहा.
]]>आपको बता दें कि बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर डीके जैन ने दिग्गज क्रिकेटर और एनसीए प्रमुख राहुल द्रविड़ को उनके खिलाफ लगाए गए हितों के टकराव के आरोपों के मामले में 26 सितंबर को मुंबई में हाजिर होने को कहा है. दरअसल , इस महीने के शुरूआत में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जैन ने मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता की शिकायत मिलने पर द्रविड़ को लिखित में जवाब देने के लिए कहा था.
गुप्ता की शिकायत के अनुसार द्रविड़ कथित तौर पर हितों के टकराव के दायरे में आते हैं, क्योंकि वह एनसीए निदेशक होने के साथ इंडिया सीमेंट ग्रुप के उपाध्यक्ष भी हैं, जो आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स का मालिक है.
बीसीसीआई संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक समय पर दो पदों पर नहीं रह सकता है. हालांकि बताया जा रहा है कि द्रविड़ ने अपने जवाब में खुद का बचाव करते हुए कहा है कि वह अपने नियोक्ता इंडिया सीमेंट से बिना वेतन के अवकाश पर हैं और उनका आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स से कोई लेना देना नहीं है.
]]>शाहरुख खान ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने 27 साल पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर शाहरुख ने अपने फैन्स का शुक्रिया अदा करते हुए सोशल मीडिया पर एक विडियो शेयर किया था।
फैन्स का शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने एक संदेश भी लिखा, ‘हेलो दोस्तों, भारतीय सिनेमा में 27 सालों के लिए मैं आप सबका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जो कि पृथ्वी पर बिताए मेरे जिंदगी का बिल्कुल आधा है। मैं 20 साल से अधिक समय से आपका मनोरंजन करने की कोशिश करता आ रहा हूं, कभी-कभी इसमें सफल हुआ तो कई बार असफल हुआ हूं। इसलिए, इतने सालों तक मेरा साथ निभाने के लिए मैं आप सबका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।’
इसी विडियो पर शाहरुख को लिटिल मास्टर सचिन तेंडुलकर की खास नसीहत मिल गई। दरअसल शाहरुख खान इस विडियो में बिना हेलमेट के बाइक राइड करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसी पर सचिन ने उन्हें हेलमेट पहनने की नसीहत दी है। सचिन ने शाहरुख के इस विडियो पर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘डियर बाजीगर, डोंट ‘चक’ दे हेलमेट। जब तक है जान तब तक बाइक । पर हेलमेट जरूर पहनें। 27 साल पूरे करने के लिए बहुत बधाई। जल्द ही मिलते हैं मेरे दोस्त।’
शाहरूख और सचिन के ट्वीट पर सोशल मीडिया पर दोनों के प्रशंसकों के कमेंट की बाढ़ सी आ गई है।
]]>अभी तक यह रिकॉर्ड भारत के सचिन तेंदुलकर और वेस्ट इंडीज के ब्रायन लारा के नाम था। सचिन व लारा ने 453 पारियों में 20 हजार अंतरराष्ट्रीय रन बनाए थे। कोहली वनडे में 11 हजार, टेस्ट में साढ़े 6 हजार और टी 20 मैचों में दो हजार से ज्यादा रन बना चुके हैं। उन्होंने वनडे में बांग्लादेश, पाकिस्तान और जिम्बाब्वे के अलावा बाकी सभी टीमों के खिलाफ 1000 से ज्यादा रन बनाए हैं। उन्होंने वनडे में श्रीलंका के खिलाफ सबसे ज्यादा 2186 रन बनाए हैं और इस टीम के खिलाफ उनका औसत 59.1 का है। वहीं वेस्ट इंडीज के खिलाफ 1882, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1727, न्यूजीलैंड के खिलाफ 1302, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 1287, इंग्लैंड के खिलाफ 1112 रन बनाए हैं।
इससे पहले 16 जून को पाकिस्तान के खिलाफ खेलते हुए कोहली ने 77 रनों की पारी के दौरान सबसे तेजी से 11 हजार वनडे रन बनाने का कीर्तिमान अपने नाम किया था। पाकिस्तान के खिलाफ ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेले गए मुकाबले के दौरान 57 रन बनाते ही विराट के 11 हजार रन पूरे हो गए थे। उन्होंने सचिन का 17 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा।
सचिन ने पहली बार दो महिला हज्जाम नेहा और ज्योति से अपनी दाढ़ी बनवाई और सबसे बड़ी बात इसे अपने लिए गर्व का क्षण भी बताया। इस पेशे में वैसे तो पुरुषों का ही वर्चस्व माना जाता है लेकिन उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के बनवारी टोला गांव की नेहा और ज्योति ने अपने पिता के बीमार होने के बाद 2014 में यह जिम्मेदारी संभालने का फैसला किया।
हालांकि शुरू में इन दोनों के लिए यह सफर इतना भी आसान नहीं था क्योंकि महिला हज्जाम से दाढ़ी बनवाने या बाल कटवाने में लोग झिझकते थे। जिलेट इंडिया के विज्ञापन में इन दोनों की प्रेरणादायी कहानी को उजागर किया था। इसके बाद ही सचिन तेंदुलकर ने इन दोनों से अपनी दाढ़ी बनवाने का फैसला किया। तेंदुलकर ने नेहा और ज्योति दोनों को जिलेट की तरफ से स्कॉलरशिप भी दी ताकि ये अपनी पढ़ाई भी कर सके और प्रोफेशनल जरूरतों को भी पूरा कर सके।
Positive Khabar की तरफ से सचिन तेंदुलकर और जिलेट को धन्यवाद और साथ ही नेहा और ज्योति को भविष्य के लिए ढ़ेर सारी शुभकामनाएं।
]]>मास्टर ब्लॉस्टर का खिताब भले ही क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को मिला हो लेकिन जब भी विस्फोटक बल्लेबाज का जिक्र आता है तो एक ही नाम सामने आता है वीरेंदर सहवाग । यह सवाल सबके जेहन में आता रहता है कि आखिर किसकी वजह से सहवाग एक विस्फोटक बल्लेबाज बने। आखिर कौन था वह खिलाड़ी जिसने सहवाग को ओपनिंग करने की सलाह दी थी , जो सहवाग को चौथे नंबर से पहले नंबर पर लेकर आया था ?
इसे लेकर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने एक बड़ा खुलासा किया है। गांगुली के मुताबिक अगर सहवाग ओपनर के तौर पर बल्लेबाजी न करते तो वह इतने विस्फोटक बल्लेबाज नहीं बन पाते। आपको बता दें कि सहवाग ने जब अपने करियर की शुरुआत की थी, तब वह ओपनिंग नहीं किया करते थे। वीरू उस वक्त चौथे नंबर पर खेलते थे।
2002 में श्रीलंका के खिलाफ एक मैच में कप्तान गांगुली ने ही उनसे पहली बार ओपनिंग करवाई थी। गांगुली के इस फैसले को सहवाग ने गलत साबित नहीं होने दिया था। उस मैच के बाद ओपनर के तौर पर सहवाग का खेल हर मैच में निखरता रहा।
गांगुली ने हाल ही में ‘एक शतक काफी नहीं’ नाम की किताब लिखी है। एक कार्यक्रम में उसी से जुड़े सवालों के जवाब देते हुए गांगुली ने सहवाग का जिक्र किया। गांगुली बताना चाह रहे थे कि कई बार अनचाहे या अधूरे मन से लिए गए फैसले आगे जाकर सही साबित हो जाते हैं, ऐसे में चांस लेने से पीछे नही हटना चाहिए।
गांगुली ने आगे कहा, ‘हेडन और लैंगर अपनी टीम के लिए ओपन करके अच्छा कर रहे थे, इस बात को सोचते-सोचते मेरे मन ने कहा क्यों न सहवाग ने ओपन करवाया जाए? मैंने सोचा, करके देखते हैं, जो होगा देखा जाएगा। अगर ऐसा न किया गया होता तो सहवाग उसके आधे भी न पाते जैसे वे बन पाए। सहवाग के सफल होने से मुझे यकीन हो गया कि आपको पता नहीं होता कि कौन सा कदम सही साबित हो जाए।’
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