विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के आह्वान पर अयोध्या में आगामी जनवरी में होने वाले राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमित्त हम 10 करोड़ से अधिक परिवारों को निमंत्रण देंगे। अयोध्या में इस दिन हिंदुत्व की सभी छटाओं के लगभग 4000 प्रमुख संत, विहिप के प्रमुख पदाधिकारी और देश का वरिष्ठ सामाजिक, सांस्कृतिक एवं रचनात्मक नेतृत्व सामिल होगा।
उन्होंने कहा कि हम भगवान श्रीराम के 14 वर्ष बाद अयोध्या लौटने की खुशी में दिवाली मनाते हैं किन्तु, आगामी 22 जनवरी को तो वह दूसरी दीपावली होगी जब रामजी 500 वर्षों के बाद, भारत की स्वतंत्रता के अमृत वेला में अपने जन्म-स्थान पर लौटेंगे। इसलिए यह आवश्यक है कि विश्व का समस्त हिन्दू समाज इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रत्यक्ष शामिल हो। सब रामभक्तों को तो उसी दिन अयोध्या नहीं बुलाया जा सकता। इसलिए हमारा आह्वान है कि विश्व भर के हिंदू अपने मुहल्ले या गांव के मंदिर को ही अयोध्या मानकर वहां एकत्र हों। वहाँ की परंपरानुसार पूजा-पाठ, आराधना व अनुष्ठान करें, पूज्य संतों द्वारा दिए गए विजय महा-मंत्र – “श्रीराम जय राम जय जय राम” का जाप करें तथा अयोध्या के भव्य-दिव्य कार्यक्रम के सीधे प्रसारण को साक्षात देखें, आरती में अपना स्वर मिलाएं, प्रसाद बांटें और इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के प्रत्यक्षदर्शी बनकर आनंद मनाएं।
विहिप कार्याध्यक्ष ने दिल्ली में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि गत 5 नवंबर को श्री राम मंदिर में पूजित अक्षत (पीले चावल) कलश संगठन की दृष्टि से बने 45 प्रांतों में भेजे जा चुके हैं। तीर्थ क्षेत्र न्यास के आह्वान पर इस अक्षत निमंत्रण को लेकर, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता अन्य हिंदू संगठनों से मिलकर, 1 जनवरी से 15 जनवरी के बीच, देश के नगर ग्रामों में, हिंदू परिवारों तक जाएंगे। ऐसा ही कार्यक्रम विदेशों में रहने वाले हिन्दुओं के लिए भी आयोजित किया गया है। प्रत्येक परिवार को हम इस निमंत्रण के साथ भगवान और उनके मंदिर का पूजा में रखने लायक एक चित्र और अन्य आवश्यक जानकारियां भी देंगे। हमारा अभी तक का आँकलन है कि यह आयोजन विश्व भर में 5 लाख से अधिक मन्दिरों में अवश्य होगा और करोड़ों-करोड़ हिंदू इसमें सहभाग करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस बार हम समाज के पास कुछ मांगने नहीं जा रहे। इसलिए इस कार्य में जुटी टोलियाँ या कार्यकर्ता कोई भी भेंट, दान या अन्य सामग्री स्वीकार नहीं करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि 1984 से चले मुक्ति अभियान में लाखों हिंदुओं की सहभागिता रही है। अनेक मुक्ति योद्धा बलिदान भी हुए हैं या अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनके भी परिवार, उनके स्वप्न की इस पूर्ति को देखना चाहते हैं। विहिप ने देश को 45 भागों में बांटकर प्रत्येक भाग के लिए 27 जनवरी से 22 फरवरी के बीच में उस भाग के लिए निश्चित दिन अयोध्या पधारने का निवेदन किया है। ऐसे लगभग 1 लाख लोगों के दर्शनों की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने आह्वान किया कि 22 जनवरी की पुण्य रात्रि को प्रत्येक हिंदू परिवार कम से कम 5 दीपक अवश्य जलाए और उसके बाद किसी भी दिवस को सपरिवार, ईष्ट-मित्रों सहित अयोध्या दर्शन हेतु पधारें। विश्व हिंदू परिषद को विश्वास है कि रामजी का यह मंदिर विश्व में हिंदुओं में समरसता, एकत्व व आत्मगौरव का संचार करेगा और भारत को परम वैभव की ओर ले जाने के लिए एक राष्ट्र मंदिर बन कर उभरेगा।
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पीएम मोदी 22 जनवरी,2024 को करेंगे अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा।
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अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी, 2024 को होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4000 संतों एवं महात्माओं और 2500 प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपस्थिति में 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में आयोजित भव्य कार्यक्रम में शामिल होकर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। भगवान श्री रामलला सरकार के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।
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]]>भगवान श्री रामलला सरकार के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।
]]>बिहार, झारखंड, राजस्थान, छत्तसीगढ़…किसी भी राज्य से यहां तक कि पड़ोसी देश नेपाल से भी उत्तर प्रदेश में घुसने पर क्या नजर आएगा..इसका भी किया खुलासा…
सुनिए योगी के बोल
]]>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों को संदेश दिया कि काम किया है तो दिखना भी चाहिए और जनता को पता भी लगना चाहिए। प्रधानमंत्री का इशारा अपने मुख्यमंत्रियों के लिए बिल्कुल स्पष्ट था कि अगर आपने काम किया है तो उसका प्रचार-प्रसार करने में संकोच नहीं करना चाहिए।
बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में भाजपा शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशासन , विकास , जनकल्याण, सरकारी कामकाज में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, एक जिला एक उत्पाद, युवाओं और महिलाओं का सशक्तिकरण जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों को साझा किया।
बताया जा रहा है कि बैठक में सभी मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने सरकार के कामकाज और उपलब्धियों को लेकर एक प्रेजेंटेशन भी पेश किया।
बैठक को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी संबोधित किया। नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगातार जीत की बात करते हुए दावा किया कि भाजपा और सुशासन एक दूसरे का पर्यायवाची बन चुके हैं और अब भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो अपने कामकाज के बल पर जनादेश प्राप्त करती है।
]]>दरअसल, सरकार ने कोरोना की रोकथाम के लिए प्रदेश में वीकेंड लॉकडाउन लगा रखा था । यानि आवश्यक सुविधाओं को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं को सप्ताह के दो दिन शनिवार और रविवार को पूरी तरह से बंद करने का आदेश दिया गया था।
लेकिन कोरोना के लगातार सुधर रहे हालात को देखते हुए अब योगी सरकार ने लोगों को राहत देने का फैसला कर लिया है। गृह मंत्रालय इससे जुड़े नियमावलियों को अंतिम स्वरूप देने में जुटा हुआ है और जल्द ही इसकी विस्तृत घोषणा हो सकती है। त्योहारी सीजन में इसका सबसे बड़ा लाभ लोगों खासकर दुकानदारों और व्यापारियों को हो सकता है।
Positive Khabar की तरफ से आप सबकों आने वाले त्योहारों के लिए अग्रिम शुभकामनाएं। घूमिए-फिरिए, शॉपिंग का आनंद उठाइए लेकिन मास्क और दो गज की दूरी के नियमों का पालन अवश्य कीजिए क्योंकि याद रखिए कोरोना का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है।
]]>लेकिन कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते खतरे के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिम्मत दिखाते हुए एक कठोर फैसला कर ही लिया। सरकार ने कोविड महामारी के खतरे को देखते हुए इस साल होने वाली कांवड़ यात्रा को टाल दिया है।
आपको बता दें कि कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कार्यकाल में ही ले लिया गया था लेकिन मुख्यमंत्री बदले जाने के बाद से ही इसे लेकर कयासों का दौर जारी था। हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही यह बयान दे चुके थे कि लोगों की जान बचाना उनकी पहली प्राथमिकता है।
उच्चस्तरीय बैठक में कांवड़ यात्रा को रद्द करने का हुआ फैसला
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवङ यात्रा के संबंध में सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कोविड के डेल्टा प्लस वैरियेन्ट के पाये जाने, कोविड की तीसरी लहर की आशंका और देश-विदेश में इसके दुष्प्रभावों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में विशेषज्ञों की राय पर भी विचार किया गया। मनुष्य जीवन की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आगामी काँवड़ यात्रा को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ने सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को यथोचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये। यह भी निर्देश दिए कि पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रभावी कार्यवाही हेतु अनुरोध किया जाय, ताकि वैश्विक माहमारी को रोकने में सफल हो सकें।
बैठक में मुख्य सचिव डाॅ एस एस संधु, अपर मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
]]>उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पीएम मोदी और सीएम योगी के बीच यह मुलाकात प्रधानमंत्री कार्यालय -साउथ ब्लॉक में हुई। यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया पर मुलाकात की तस्वीरों को शेयर करते हुए इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री योगी ने नववर्ष की शुभकामनाएं दी। आधिकारिक तौर पर भले ही इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया जा रहा हो लेकिन दो वरिष्ठ नेताओं की मुलाकात के कई और मतलब मायने भी निकलते ही हैं खासतौर से जब उनमें से एक देश का प्रधानमंत्री हो और दूसरा देश के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश से जुड़े कई अहम मसलों की जानकारी इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को दी।
मंत्रिमंडल विस्तार और कोरोना वैक्सीन लगाने की तैयारियों पर चर्चा
योगी ने पीएम मोदी को उत्तर प्रदेश के ताजा राजनीतिक हालात की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने प्रदेश में होने वाले विधान परिषद और पंचायत चुनाव पर भी पीएम से चर्चा की। उन्होंने कोरोना वैक्सीन लगाए जाने को लेकर प्रदेश सरकार की तैयारियों की जानकारी भी पीएम को दी। हालांकि कोरोना वैक्सीन के मुद्दें पर प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अलग से भी बैठक करने जा रहे हैं।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा काफी जोर-शोर से हो रही है। बताया जा रहा है कि मकर संक्रांति के बाद प्रदेश के कई नेताओं का भाग्य खुल सकता है और कई मंत्रियों की सरकार से छुट्टी भी हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी ने अपने मंत्रियों के कामकाज के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी देते हुए मंत्रिमंडल फेरबदल पर भी चर्चा की। विधान परिषद चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन पर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई। योगी ने वाराणसी में बन रहे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की प्रगति के बारे में भी पीएम को जानकारी दी।
वरिष्ठ पत्रकार संतोष पाठक के मुताबिक,
” मंत्रियों के कामकाज और प्रदर्शन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी गंभीर है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी से ही लोकसभा सांसद होने के कारण उन तक भी प्रदेश सरकार में शामिल नेताओं की जानकारी लगातार पहुंचती रहती है। ऐसे में जब 2022 का विधानसभा चुनाव काफी नजदीक आ गया है। पीएम मोदी भी चाहते हैं कि प्रदर्शन न करने वाले मंत्रियों की प्रदेश सरकार से छुट्टी कर अच्छे और युवा नेताओं को सरकार में शामिल किया जाए ताकि 2022 में लगातार दूसरी बार प्रदेश की जनता का आशीर्वाद भाजपा को मिले। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के बीच हुई आज की यह मुलाकात काफी अहम है। इसकी नींव कल अमित शाह और योगी के बीच हुई मुलाकत में ही डाल दी गई थी।”
बुधवार को अमित शाह और राष्ट्रपति कोविंद से हुई थी मुलाकात
इससे पहले बुधवार को दिल्ली पहुंच कर योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर , उन्हें भी नववर्ष की शुभकामनाएं दी। इसे औपचारिक मुलाकात बताया गया।
बुधवार को ही योगी ने गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की। शाह से मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच उत्तर प्रदेश के राजनीतिक हालात, पंचायत चुनाव, विधान परिषद चुनाव के साथ-साथ मंत्रिमंडल फेरबदल पर भी चर्चा किए जाने की खबर है।
बिहार में एक सीट सुशील कुमार मोदी के इस्तीफे के कारण खाली हुई है। सुशील कुमार मोदी राज्यसभा सदस्य बन चुके हैं वहीं बिहार में ही दूसरी सीट विनोद नारायण झा के पिछले साल राज्य विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद खाली हुई है।
आंध्र प्रदेश में पोथुला सुनीता के इस्तीफे के कारण सीट खाली हुई है। जबकि उत्तर प्रदेश विधानपरिषद में 12 सदस्यों का कार्यकाल इस महीने की 30 तारीख को समाप्त होने जा रहा है।
चुनाव आयोग ने विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा तीनों राज्यों के विधान परिषदों के लिए उपचुनाव कराने का फैसला लिया है। इसके लिए 28 जनवरी को मतदान होगा। आयोग ने मतदान के दौरान करोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का स्पष्ट निर्देश दिया हैं। आयोग ने इन राज्यों के मुख्य सचिवों को एक वरिष्ठ अधिकारी की प्रतिनियुक्ति करने का भी निर्देश दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव कराने की व्यवस्था और प्रबन्ध करते समय कोविड-19 रोकथाम उपायों के बारे में निर्देशों का सही तरीके से अनुपालन किया जाए।
]]>आज उन्ही कल्याण सिंह का जन्मदिन है। कल्याण सिंह को आज भी उत्तर प्रदेश में सख्त प्रशासक के तौर पर याद किया जाता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल को आज भी प्रदेश की जनता याद करती है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का आज 88 वां जन्मदिन है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कद्दावर भाजपा नेता कल्याण सिंह को फ़ोन कर उनके 88 वें जन्मदिन की बधाई दी और उनके दीर्घायु जीवन की कामना की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी कि उन्होंने फोन करके कल्याण सिंह को जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने लिखा कि उनका जीवन जन कल्याण और गरीबों को सशक्त करने के लिए समर्पित रहा है। उत्तर प्रदेश के कायाकल्प की दिशा में उनके प्रयासों के लिए उनकी प्रशंसा की जाती है। मैं उनके दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में कल्याण सिंह के घर जाकर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में मंत्री कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रखर राष्ट्रवादी , जनप्रिय एवं जुझारू राजनेता, ओजस्वी वक्ता , कुशल प्रशासक, पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी को उनके जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। मैं प्रभु श्रीराम से आपके स्वस्थ व सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूं।
मंगलवार को ही भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी का जन्मदिन भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सरकार के कद्दावर मंत्रियों और पार्टी के कई दिग्गजों ने जोशी को जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी।
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