नड्डा ने एक वीडियो बयान जारी कर कहा, ” संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है ? जहाँ रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।”
जेपी नड्डा के बोल —
“मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान CBI को तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, एक विदेशी पिस्तौल, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किये गए।संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए NSG कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है ?”
नड्डा ने ममता बनर्जी पर बड़ा आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि, “क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, धमका कर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेगी ? क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रबीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी ? ममता दीदी, अगर आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीतोगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी।”
]]>दरअसल , एक हल्के हार्ट अटैक के बाद दादा को एक सप्ताह पहले पिछले शनिवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सीने में दर्द की परेशानी के बाद शनिवार को ही अस्पताल में भर्ती कराए गए गांगुली की उसी दिन एंजियोप्लास्टी की गई थी। डॉक्टर्स ने बताया था की बीसीसीआई अध्यक्ष को ट्रिपल वेसेल डिसीज हुई है।
हालांकि अभी सौरव गांगुली का इलाज पूरा नहीं हुआ है और उन्हें फिलहाल एक और एंजियोप्लास्टी करनी है। यह सर्जरी कब की जाएगी, अभी इसे लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है।
बुधवार को हो गई थी डिस्चार्ज की पूरी तैयारी- गुरुवार को हुए डिस्चार्ज
बताया जा रहा है कि दादा को डिस्चार्ज करने की पूरी तैयारी बुधवार को ही हो गई थी लेकिन दादा ने खुद एक दिन और अस्पताल में रहना बेहतर समझा था। इसलिए उन्हे आज डिस्चार्ज किया गया।
अस्पताल में लगा रहा नेताओं का तांता
सौरव गांगुली बंगाल के साथ-साथ पूरे देश के चहेते हैं इसलिए उनके स्वास्थ्य का हाल चाल लेने के लिए अस्पताल में भी नेताओं का तांता लगा रहा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर गांगुली के स्वास्थ्य की जानकारी ली तो वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने तो दिल्ली में इलाज कराने के लिए एंबुलेंस हेलीकॉप्टर तक देने की पेशकश कर दी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी से लेकर बीसीसीआई सचिव जय शाह ( अमित शाह के बेटे ) तक राजनीति और क्रिकेट की दुनिया की बड़ी हस्तियों ने गांगुली से मुलाकात की थी। दादा के फैंस भी अस्पताल के बाहर डटे हुए थे और पूरा देश उनकी सलामती की दुआ कर रहा था।
]]>उपाध्याय ने इन तीन नेताओं को आर्टिकल 246-256 को पढ़ने की सलाह देते हुए अनुसूची 7 की लिस्ट 1 एंट्री 17 को भी जरुर देखने की सलाह दी है. इन तीनों नेताओं पर कटाक्ष करते हुए उपाध्याय ने मांग की है कि राहुल, केजरीवाल और ममता बनर्जी को अनुसूची 3 की अपनी शपथ को फिर से दोहराना चाहिए. आगे उपाध्याय ने ये भी कहा कि इन सभी नेताओं को सीएए का विरोध करने से पहले पाकिस्तान के प्रथम कानून मंत्री जोगेंद्र नाथ मंडल का त्यागपत्र अवश्य पढ़ना चाहिए.
शनिवार को अश्विनी उपाध्याय ने लगातार 3 ट्वीट किए. अपने पहले ट्वीट में उन्होने ममता बनर्जी को टैग करते हुए लिखा,
“प्रिय बहन, आपको संविधान भेजा है, कृपया आर्टिकल 246-256 पढ़िए, शेड्यूल 7 लिस्ट 3 की एंट्री 17 को समझिए. शेड्यूल 3 में दी गयी शपथ पुनः दुहरायें और अंत में पाकिस्तान के प्रथम कानून मंत्री जोगेंद्र नाथ मंडल का त्यागपत्र जरूर पढ़ें”.
उपाध्याय ने अपने दूसरे ट्वीट में अरविंद केजरीवाल को टैग करते हुए लिखा,
” माननीय केजरीवाल जी, आपके लिए भारत का संविधान भेज दिया है कृपया एकबार आर्टिकल 246 और 256 पढ़ें शेड्यूल 7 लिस्ट 3 की एंट्री 17 को समझें शेड्यूल 3 में दी गयी शपथ पुनः दुहरायें और अंत में पाकिस्तान के प्रथम कानून मंत्री जोगेंद्र नाथ मंडल का त्यागपत्र जरूर पढ़ें”.
अपने तीसरे ट्वीट में उपाध्याय ने राहुल गांधी को टैग करते हुए लिखा,
“प्रिय राहुल जी, आपके लिए संविधान भेज दिया है एक बार आर्टिकल 246-256 पढ़िए शिड्यूल 7 लिस्ट 1 एंट्री 17 को देखिए न समझ आये तो सिंघवी जी से पूछिए शिड्यूल 3 की अपनी शपथ पुनःदुहराइये, CAA का विरोध करने से पहले पाकिस्तान के प्रथम कानून मंत्री मंडल का त्यागपत्र जरूर पढ़िए “.
अब इंतजार इस बात का है कि इन तीनों ही पार्टियों के नेता बीजेपी पर किस तरह से पलटवार करते हैं.
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केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने देश के 11 राज्यों – दिल्ली , महाराष्ट्र , झारखंड , पश्चिम बंगाल , बिहार , आन्ध्र प्रदेश , मध्य प्रदेश , पंजाब , राजस्थान , ओड़िसा और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपील की है कि वो भी केरल की तर्ज पर CAA का विरोध करें और अपने-अपने राज्यों की विधानसभा से केरल कज तरह का ही प्रस्ताव पारित करवाये.
विजयन ने पत्र में लिखा ,
” हमारे समाज के बड़े वर्ग के बीच नागरिकता संशोधन अधिनियम , 2019 को लेकर आशंकाएं पैदा हो गई हैं. लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के हमारे मूल्यों की रक्षा और सरंक्षण के इच्छुक सभी भारतीयों का एकजुट होना समय की मांग हैं . जो राज्य मानते हैं कि CAA को निरस्त किया जाना चाहिए , वह हमारे कदम पर विचार कर सकते हैं. केरल विधानसभा ने CAA के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है .”
क्या 11 राज्य मानेंगे केरल के CM की बात ?
केरल के मुख्यमंत्री की अपील को इन 11 राज्यों के गैर भाजपाई मुख्यमंत्री मानते है या नहीं , यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है लेकिन एक बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या भारतीय संघ का कोई एक राज्य या राज्यों का समूह देश की संसद द्वारा पारित विधेयक को लागू करने से मना कर सकता है ?
सवैंधानिक मामलों के जानकार की राय में नहीं तो फिर इस तरह के अभियान को चलाकर आखिर क्या हासिल होने वाला है .
]]>बांग्ला भाषा में अमित शाह देंगे भाषण
इससे अंदाजा लग सकता है कि पश्चिम बंगाल को जीतना अमित शाह का एक बड़ा सपना है और इस सपने को साकार करने के लिए अमित शाह जोर-शोर से जुट गए हैं. हालांकि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने में अभी लगभग एक साल का समय बचा है और लेकिन भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह चुनाव की तैयारी लंबे समय से कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का जवाब देने में भाषा आड़े न आए, इसके लिए बीजेपी अध्यक्ष अब बांग्ला भाषा सीख रहे हैं. बताया जा रहा है कि इसके लिए उन्होंने एक शिक्षक भी रख लिया है. शाह की कोशिश है कि वो बांग्ला भाषा को समझने लगें और पश्चिम बंगाल की सभाओं में अपने भाषणों की शुरुआत बांग्ला में करें, जिससे भाषण प्रभावी लगे. ममता बनर्जी के राजनीतिक हमलों का जवाब देने के साथ-साथ अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ संवाद बनाने में बांग्ला भाषा के ज्ञान होने से काफी फायदा मिलेगा.
अलग-अलग भाषा सीखना अमित शाह का शौक
पार्टी के कई नेताओं की माने तो इसमें नया कुछ भी नहीं है. अमित शाह को अलग-अलग भाषा सीखने का शौक है. गुजरात में प्रवेश पर पाबंदी के दौरान उन्होंने दिल्ली में रहकर हिंदी भाषा पर अपनी पकड़ मजबूत की थी.
बताया जा रहा है कि शाह अभी बांग्ला और तमिल सहित देश के अलग-अलग प्रदेशों में बोली जाने वाली चार भाषाएं सीख रहे हैं.तो तैयार रहिए अमित शाह के भाषण को कई भाषाओं में सुनने के लिए .
]]>अगले वर्ष होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने स्वयं शनिवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. केजरीवाल ने ट्वीट करके यह जानकारी दी कि प्रशांत किशोर की राजनीतिक सलाह देने वाली कंपनी इंडियनपैक ने उनसे हाथ मिला लिया है.
केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा , ‘‘ मुझे यह खबर साझा करते हुए खुशी हो रही है कि ‘इंडियनपैक’ ने हमारे साथ हाथ मिलाया है. आपका स्वागत है.’’
केजरीवाल के ट्वीट के जवाब में प्रशांत किशोर की कंपनी ने भी ट्वीट करते हुए लिखा , “ पंजाब के चुनावी नतीजों के बाद हमने यह माना था कि हमें अब तक के सबसे मजबूत विपक्षी खेमे से भिड़ना पड़ा. हमें आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़कर खुशी हुई “
आपको बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव के समय प्रशांत किशोर कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार थे. वर्तमान में नीतीश कुमार की पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की कंपनी इंडियनपैक अर्थात इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2021 में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को जिताने का ठेका दे रखा है ताकि वो लगातार तीसरी बार राज्य की मुख्यमंत्री बन सकें.
]]>ममता बनर्जी के भतीजे से पीएम ने पूछी ये बात
सड़क से लेकर संसद तक टीएमसी और बीजेपी के रिश्ते जगजाहिर है. लेकिन जैसे ही दीदी के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल मोदी से मिलने पहुंचा . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक से पूछा , ” उनकी आंख की चोट कैसी है ? ” शायद अभिषेक को पीएम की तरफ से इस तरह की सवाल की उम्मीद नहीं थी इसलिए पहले तो वो अचकचाए लेकिन बाद में संभलते हुए जवाब दिया कि अब ठीक है.
इससे पहले प्रधानमंत्री ने सुदीप बंदोपाध्याय से भी दाढ़ी को लेकर मजाक कर माहौल को खुशनुमा बना दिया था.
मुलाकात हुई , क्या बात हुई
बातों बातों में मुलाकात का असली मकसद तो बताना भूल ही गए. दरअसल , पश्चिम बंगाल की तरफ से राज्य का नाम बदलकर बंगाल करने का एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है . तृणमूल कांग्रेस के तमाम सांसद इसीलिए प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे थे . उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि केंद्र सरकार राज्य के इस अनुरोध पर तेज़ी से कार्रवाई करे और राज्य का नाम बदलते हुए सिर्फ बंगाल रख दे.
]]>पुस्तक के विमोचन पर वरिष्ठ पत्रकार कंचन गुप्ता ने कहा कि देश में फासीवाद का कोई खतरा है तो पश्चिम बंगाल में है। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि बंगाल में अधिकांश मीडिया बिना कहे ही सरकार के आगे समर्पण कर गया है और सत्तारूढ़ दल की गलतियों को छापा नहीं जा रहा है। सुश्री बनर्जी का भतीजा मानो नवाब सिराजुद्दौला बन गया है।
वरिष्ठ पत्रकार और प्रेस क्लब आफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष गौतम लाहिड़ी ने कहा कि राजनतिक हिंसा के चलते बंगाल की जो छवि बन रही है उसे देख कर सुन कर शर्म आती है। लोकतंत्र में हिंसा का न तो कोई स्थान हो सकता है और न ही कोई उसका समर्थन कर सकता है। एनयूजे आई के राष्ट्रीय महासचिव मनोज वर्मा ने कहा कि मीडिया समाज का आइना है और यदि किसी राज्य में लगातार राजनीतिक हिंसा की घटनाएं हो रही है उसे देखकर मीडिया मूक दर्शक बना नहीं रह सकता। वर्मा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा की घटनाओं को देखते हुए कहा जा सकता है कि बंगाल की स्थिति लोकतंत्र के लिए गंभीर चिन्ता का विषय है। एनयूजे आई के राष्ट्रीय महासचिव मनोज वर्मा ने कहा एनयूजे आई ने पश्चिम बंगाल की राजनीतिक हिंसा पर ‘ब्लीडिंग बंगाल’ नाम से जो पुस्तक रूपी दस्तावेज तैयार किया है उसमें घटनाओं का संकलित करने का काम किया है। मनोज वर्मा ने कहा सम सामायिक विषयों पर एनयूजे आई इस प्रकार की शोध परख रिपोर्ट समय समय पर जारी करता रहा है।
कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उन्होंने कला, साहित्य, दर्शन, संस्कृति, स्वतंत्रता संग्राम की चेतना वाले इस राज्य को अफगानिस्तान में तब्दील कर दिया है जहां समाज को राजनीतिक कबीलों में बांट कर खूनी खेल खेला जा रहा है। मेदिनीपुर से सांसद एवं भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने दस्तावेज रिपोर्ट ‘ब्लीडिंग बंगाल’ के विमोचन के मौके पर उक्त विचार व्यक्त किये। इस पत्र में 19 मई 2019 के बाद राज्य में हुई राजनीतिक हिंसा की घटनाओं का तथ्यात्मक विवरण दिया गया है जिसमें हिंसा का शिकार सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं,आम नागरिकों एवं एक पत्रकार का विवरण भी शामिल है। विमोचन समारोह में वरिष्ठ पत्रकार कंचन गुप्ता, गौतम लाहिड़ी सहित बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित थे। एनयूजेआई के महासचिव मनोज वर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने संचालन किया।
घोष ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल में राजनीतिक परिवर्तन ही नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुश्री बनर्जी कहा करतीं थीं कि वह दार्जिलिंग को स्विट्ज़रलैंड, दीघा को गोवा और कोलकाता को लंदन बना देंगी। लेकिन आज हालत यह है कि उन्होंने बंगाल को अफगानिस्तान बना दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में फिल्म कलाकार, डॉक्टर, वकील, पत्रकार सभी राज्य की सत्ता से भयभीत हैं और उससे घृणा करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि देश के अनेक राज्यों में राजनीतिक हिंसा का इतिहास रहा है। यह हिंसा चुनावों के लिये होती रही है। मगर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक विचारधारा के लिए हत्याएं हो रहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सामाजिक जातपात नहीं है लेकिन राजनीतिक दलों से प्रतिबद्धताओं के हिसाब से समाज में भी ध्रुवीकरण हो गया है। विराेधी विचारधारा की हत्या एवं उत्पीड़न जायज ठहराया जाता है। उन्होंने कहा कि वामपंथी शासन में शुरू हुई इस बुराई के खिलाफ जीत कर सत्ता में आयीं सुश्री बनर्जी भी इसी राह में चलने लगीं हैं।
एनयूजे आई के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राकेश आर्य ने भ्राी पश्चिम बंगाल में राजनीति हिंसा और मीडिया की भूमिका पर अपनी बात रखी।‘ब्लीडिंग बंगाल’ के विमोचन कार्यक्रम में राज्यसभा टीवी के सीईओ राहुल महाजन,लोकसभा टीवी के संपादक श्याम सहाय, पंचजन्य के संपादक हितेश शंकर,वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार,वरिष्ठ पत्रकार संध्या जैन,वरिष्ठ पत्रकार अजय सेतिया, वरिष्ठ पत्रकार राम नारायण श्रीवास्तव,वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद मुजुमदार,वरिष्ठ पत्रकार योजना गोसाई,वरिष्ठ पत्रकार आलोक गोस्वामी,वरिष्ठ पत्रकार अनिल पांडे,वरिष्ठ पत्रकार अतुल गंगवार, वरिष्ठ परिजात कौल,दिल्ली जर्नलिस्ट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राकेश शुक्ला,उपाध्यक्ष अनुराग पुनेठा, सचिव सचिन भदौलिया,सचिव संजीव सिन्हा,सचिव मंयक सिंह,डीजेए की कार्यकारिणी के सदस्यआदित्य भारद्धाज,राज कमल, उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश वत्स, महामंत्री प्रदीप शर्मा सहित अनेक पत्रकारों ने भाग लिया।
]]>बंगाल में बीजेपी सिर्फ मुख्य विपक्षी दल तक सीमित नही रहना चाहती, वो राज्य में भगवा फहराने को लालायित है, जवाब में ममता बनर्जी जी ने जो रुख अपनाया है,वो टकराव को और बढ़ाने वाला होगा! जनादेश 2019, ममता बनर्जी जी के लिए काफी झटके वाला रहा तो वही बीजेपी बंगाल में कम सीट लाकर भी अपर हैंड पर आ गई, इसलिए टक्कर बराबर की है!
तो भी, मुख्यमंत्री रहते हुए कहीं न कहीं ममता जी चूकती नजर आ रही है, और वो उनकी खिसियाहट से दीख भी पड़ रहा है! जिस तरह से उन्होंने कल का दिन धरने के लिए चुना, जबकि कल प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी जी दुबारा शपथ लेने वाले है! लोकतन्त्र में कुछ अवसरों पर आपसी मतभेद भुला देने की परंपरा सदा से रही है! कमोबेश बीजेपी और तृणमूल दोनों ही इससे इतर नजर आ रहे है!
जो भी हो, पर ममता जी भी आसानी से जमीन जाने नही देंगी तो दूसरी ओर अमित शाह भी आने वाले विधानसभा चुनाव में एड़ी-चोटी का जोर लगाकर रहेंगे! आना वाला वक़्त दर्शक के लिए मजेदार जरूर होगा, हालांकि लोकतंत्र को होने वाला नफा-नुकसान बाद में ही नजर आएगा! क्योकि लोकतंत्र में लगने वाली पैबंद तुरन्त दीख नही पाती, उसकी कसौटी तो बस वक़्त है, जो आगे आने वाले वक्त में अच्छी या बुरी परम्परा के रूप में उभर कर आता है!
बाकी भविष्य के गर्भ में क्या है, यह तो सिर्फ वक़्त ही तय करेगा!
— संतोष द्विवेदी मनुज
ममता बनर्जी ने ट्विटर पर लिखा कि लोकतंत्र के उत्सव का जश्न मनाने के लिए शपथ ग्रहण एक पवित्र मौका होता है। यह ऐसा मौका नहीं है जिसमें किसी दूसरी पार्टी को महत्वहीन बनाने की कोशिश की जाए। ममता दी ने आगे लिखा कि नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी आपको बधाई! ‘संवैधानिक आमंत्रण’ पर मैंने शपथ ग्रहण में शामिल होने का फैसला किया था। हालांकि, पिछले कुछ घंटे में मीडिया रिपोर्ट में मैंने देखा कि बीजेपी दावा कर रही है कि बंगाल में 54 राजनीतिक हत्याएं हुई हैं। यह पूरी तरह से झूठ है। बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है। संभव है कि यह हत्या पुरानी रंजिश, पारिवारिक झगड़े या फिर किसी और रंजिश में हुई हो। इसमें राजनीति का कोई संबंध नहीं है और न ही हमारे रेकॉर्ड में ऐसा कुछ है।
प्रधानमंत्री को काफी तल्ख भाषा में लिखे पत्र में उन्होंने जीत की बधाई देते हुए शपथ ग्रहण में शामिल होने से इनकार कर दिया। आपको बता दे कि 2014 में भी पीएम के शपथ ग्रहण में ममता शामिल नहीं हुई थीं, लेकिन अपने विश्वासपात्र अमित मित्रा और मुकुल रॉय को उन्होंने प्रतिनिधि के तौर पर भेजा था। हालांकि, रॉय अब बीजेपी में हैं और एक दिन पहले ही उनके बेटे ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है।
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