कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उन पर दोहरी नागरिकता रखने के लिए कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। दरअसल , सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई थी कि कोर्ट गृह मंत्रालय को इस बारे में मिली शिकायत पर जल्द कार्रवाई करने का आदेश दे। इसके साथ ही राहुल गांधी को चुनाव लड़ने के अयोग्य करार देने और उनका नाम मतदाता सूची से हटाने की मांग भी याचिका में की गई थी।
यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के जयभगवान गोयल और हिंदू महासभा के चंद्रप्रकाश कौशिक ने यह याचिका कोर्ट में दाखिल की थी । आपको बता दे कि राहुल गांधी की नागरिकता का मुद्दा दिसंबर 2015 में भी सुप्रीम कोर्ट में आया था उस समय कोर्ट ने नागरिकता के संबंध में पेश किए गए सबूतों को खारिज कर दिया था।
हाल ही में नागरिकता के मसले पर गृह मंत्रालय ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा था। गृह मंत्रालय ने बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत के आधार पर राहुल को यह नोटिस जारी किया था। स्वामी का दावा है कि राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की नागरिकता है और उनके पास इसे साबित करने के लिए सबूत है।
]]>साजिद जावेद , यह ब्रिटेन के नए गृह मंत्री बनाए गए हैं । आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इतने प्राचीन लोकतांत्रिक देश होने के बावजूद ब्रिटेन में गृह मंत्रालय का दायित्व संभालने वाले साजिद पहले मुस्लिम है । सिर्फ पहले मुस्लिम ही नहीं बल्कि इतना महत्वपूर्ण मंत्रालय संभालने वाले ब्रिटेन में वे पहले अश्वेत, एशियाई और अल्पसंख्यक नेता हैं ।
पिता थे बस ड्राइवर
साजिद जावेद के पिता पेशे से बस ड्राइवर थे, जो 60 के दशक में पाकिस्तान से ब्रिटेन जाकर बस गए थे । जावेद 2010 में पहली बार जावेद ब्रॉम्सग्रोव सांसद बने और फिर तीन अलग-अलग विभागों के मंत्री भी रहें । फिलहाल तक वह कम्युनिटीज़, लोकल गर्वंमेंट व हाउसिंग मंत्री का जिम्मा संभाल रहे थे ।
संसद को गुमराह करने के आरोप में अंबर रड को देना पड़ा इस्तीफा
जावेद को गृह मंत्रालय का जिम्मा अंबर रड के इस्तीफे के बाद सौंपा गया । रड ने यह कहते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था कि उन्होंने निर्वासन लक्ष्यों की सचाई को लेकर संसद को ‘अनजाने में गुमराह’ किया है । दरअसल यह मामला कैरेबियाई आव्रजकों से जुड़ा था, जिन्हें 1940 के दशक के तथाकथित ‘विंडरश जेनरेशन’ द्वारा ब्रिटेन लाया गया था । दूसरे विश्वयुद्ध के बाद भारी संख्या में ब्रिटेन पहुंचे पहले कैरेबियाई आव्रजकों के समूह ‘विंडरश जेनरेशन’ को हटाए जाने के मामले में अंबर से गृह मंत्रालय की सेलेक्ट कमेटी ने पिछले हफ्ते सवाल किया था ।
]]>पीएम मोदी के अलावा विश्व की अन्य शीर्ष अर्थव्यवस्था वाले देशों के नेता शुक्रवार को हैम्बर्ग में दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए जमा होंगे । बताया जा रहा है इस दौरान आतंकवाद , जलवायु परिवर्तन और विश्व व्यापार जैसे मुद्दे चर्चा के केंद्र में होंगे ।
सिक्किम में भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध की पृष्ठभूमि में इस सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की किसी भी संभावित बैठक पर सभी की निगाहें टिकी होंने की उम्मीद थी, लेकिन चीन ने इस पर गुरुवार शाम विराम लगा दिया । चीन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि जर्मनी में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात नहीं होगी । चीन के विदेश मंत्रालय के मुताबिक ऐसा मौजूदा सीमा विवाद को लेकर पैदा हुए हालात को देखते हुए तय किया गया है । हालांकि चीनी बयान का जबाव देते हुए भारत ने कहा है कि इस तरह की कोई भी मुलाकात पहले से ही प्रस्तावित नहीं थी ।
परस्पर संबद्ध दुनिया को एक आकार देने की शेपिंग एन इंटर-कनेक्टेड वर्ल्ड थीम पर आधारित इस सम्मेलन का आयोजन ऐसे समय में किया जा रहा है जब इसमें हिस्सा लेने वाले कई संभावित नेताओं के बीच के मतभेद उभरकर सामने आ गए हैं । इनमें से अधिकतर मतभेद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जलवायु परिवर्तन और मुक्त व्यापार को लेकर सार्वजनिक मंचों पर दी गयी राय से संबंधित हैं ।
इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत अन्य शीर्ष नेताओं के हिस्सा लेने की संभावना है । आपको बता दें कि उन्नीस देशों और यूरोपीय संघ के संगठन को ग्रुप ऑफ 20 कहा जाता है । अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनिशया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका इस समूह के सदस्य हैं।
]]>लंदन
राजनेता किसी भी देश के हो उनका आखिरी मकसद हर हाल मे चुनाव जीतना होता है । हाल ही मे हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान हमने देखा था की किस तरह से उम्मीदवार भारतीय वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रहे थे । ऐसा ही कुछ हमे अब ब्रिटेन में भी दिखाई दे रहा है ।
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टरीज़ा ने हाल ही मे भारतीयों को रिझाने के लिए हिंदी म्यूजिक विडियो बना कर जारी किया है । जानकारों के मुताबिक ब्रिटेन मे होने वाले चुनावों के मद्देनजर भारतीयो को लुभाने के लिए यह विडियो जारी किया गया है ।
दरअसल , ब्रिटेन में होने वाले चुनावों के मद्देनजर मतदाताओं को लुभाने के लिए हर पार्टी अपनी-अपनी रणनीति पर काम कर रही है। टरीज़ा ने ब्रिटेन में रह रहे भारतीय समुदाय को रिझाने के लिए म्यूजिक विडियो बनाया है। इस दो मिनट के विडियो में टरीज़ा साड़ी पहने भी नजर आती हैं। बैकड्रॉप में एक हिंदी गाना भी बज रहा है, जिसके बोल हैं, ‘दोस्तो, धन्यवाद शुक्रिया मेहरबानी। अब फिर समय आया है साथ निभाने का, पिछले समय जो साथ निभाया उसका भी सलाम।’ विडियो में टरीज़ा नंगे पांव चलती हुई साड़ी में मंदिर में पूजा के लिए जाती हुई नजर आ रही हैं। इस म्यूजिक विडियो का नाम है, ‘टरीज़ा के साथ।’
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लंदन
ब्रिटेन के शहर मैनचेस्टर में हुए फिदायीन हमले के बाद अभी और आतंकी हमले की आशंका बढ़ गई है। ऐसे में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थेरेसा ने मैक्सिमम लेवल के खतरे को देखते हुए गंभीर चेतावनी जारी की है और सुरक्षा व्यवस्था को कड़े करने के निर्देश दिए हैं। देश में सभी प्रमुख जगहों पर सेना की तैनाती की गई है।
आपको बता दें कि सोमवार रात मैनचेस्टर के स्टेडियम में हुए आतंकी हमले में 22 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 59 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
पीएम थेरेसा ने डाउनिंग स्ट्रीट ऑफिस से मंगलवार रात देश को संबोधित करते हुए कहा, “सिक्युरिटी फोर्सेस ने सलमान अब्दी नाम के एक संदिग्ध को अरेस्ट किया है, जिसका हमले में हाथ बताया जा रहा है। अब्दी ब्रिटेन का ही रहने वाला है। फोर्सेस का कहना है कि उसके साथ और भी लोग जुड़े हो सकते हैं। लिहाजा खतरा अभी बरकरार है। इसलिए अहम जगहों पर आर्मी की तैनाती का कदम उठाया गया है।” उन्होने कहा, “हालात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, ऐसा हो सकता है कि मैनचेस्टर में हुए हमले में किसी बड़े ग्रुप का हाथ हो, जिसमें कई लोग शामिल हों। आतंकी हमले का खतरा बहुत ज्यादा है, इसका मतलब है कि अभी और हमले हो सकते हैं।”
थेरेसा ने कहा, “जिस तरह का खतरा हमारे सामने है, उससे निपटने और सुरक्षित रहने के लिए पुलिस को एडिशनल रिर्सोसेस और सपोर्ट की जरूरत है। ज्वाइंट टेररिज्म एनालिसिस सेंटर से चर्चा के बाद पुलिस ने सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर डिफेंस से आर्म्ड मिलिट्री पर्सनल्स की तैनाती के बारे में पूछा था, जिसके बाद आर्मी की तैनाती का फैसला लिया गया।”
इसका मतलब है कि अहम जगहों की सुरक्षा के लिए अब आर्मी जिम्मेदार होगी। आर्मी प्रमुख जगहों की निगरानी बढ़ाने के लिए पुलिस को इंस्ट्रक्शन देंगे। खास इवेंट्स या खेलों के दौरान जनता की सुरक्षा के लिए आर्मी की तैनाती से पुलिस को मदद मिलेगी। पूरे देश में आर्मी के 5 हजार जवानों को तैनात किया गया है।
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