केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज अटारी बार्डर पर भारत के सबसे ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज को फहराकर इसका उद्घाटन किया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी उद्घाटन कार्यक्रम में मौजूद रहें।
देश के सबसे ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को स्थापित करने के कार्यक्रम को देखने के लिए वीडियो पर क्लिक करें….
इस सबसे ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज की ऊंचाई 418 फीट है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की पहल से पंजाब में अटारी सीमा पर देश का यह सबसे सबसे ऊंचा तिरंगा स्थापित किया गया है।
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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह दावा किया है कि देश में एक लाख करोड़ रुपए की लागत से 117 टनल का निर्माण किया जा रहा है।
नितिन गडकरी ने ट्वीट कर राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के विस्तार की जानकारी देते हुए बताया कि देश में एक लाख करोड़ रुपए की लागत से 117 टनल का निर्माण किया जा रहा है।
देश में 1 लाख करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है 117 टनल का निर्माण!#PragatiKaHighway #GatiShakti pic.twitter.com/fWqCoNupDm
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) April 24, 2023
गडकरी ने बताया कि वर्ष 2014 से 2023 तक 14 हजार करोड़ की लागत से 43 किलोमीटर लंबाई की 24 टनल का निर्माण कराया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 से वर्ष 2027 तक 35 हजार करोड़ रुपये की लागत से 107 किलोमीटर लंबाई के 47 टनल का निर्माण किया जाएगा।
]]>गडकरी के ऑफिस ने ट्वीट की तस्वीरें और बताई मुलाकात की वजह
Union Minister Shri @nitin_gadkari Ji called on Shri @SrBachchan Ji in Mumbai today.
Shri Gadkari Ji seeked the support of Shri Bachchan to Champion the cause of National Road Safety Mission (सड़क सुरक्षा अभियान) in India. pic.twitter.com/9AHVqRa9Mo
— Office Of Nitin Gadkari (@OfficeOfNG) August 18, 2022
सड़कों का जाल बिछाने और राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में लगातार नए रिकॉर्ड बनाने वाले नितिन गडकरी के मन में भी इस बात को लेकर दुख है कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने का जो लक्ष्य वो हासिल करना चाहते थे उसे वो हासिल नहीं कर पाए हैं।
अपने इसी सपने और लक्ष्य को पूरा करने के लिए उन्होंने बिग बी से राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा मिशन में सहयोग करने के लिए समर्थन मांगा है।
]]>नरेंद्र मोदी सरकार लगातार देश में खादी के प्रचार-प्रसार को लेकर कई स्तरों पर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री की इसी मंशा को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी की पहल पर खादी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए इस समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है।
खादी की दरियों को लेकर एक साल के लिए हुआ समझौता
खादी ग्रामोद्योग आयोग ने हर साल 1.72 लाख खादी कॉटन की दरियों की आपूर्ति के लिए आईटीबीपी के साथ इस समझौते के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता पत्र पर खादी ग्रामोद्योग आयोग के उप-मुख्य कार्यकारी अधिकारी और आईटीबीपी के डीआईजी ने खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना और गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव विवेक भारद्वाज तथा केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
आपको बता दें कि यह समझौता एक साल के लिए किया गया है और आगे फिर से इसका नवीकरण किया जाएगा। 1.72 लाख दरियों की कुल कीमत 8.74 करोड़ रुपये है। खादी ग्रामोद्योग आयोग 1.98 मीटर लंबी और 1.07 मीटर चौड़ी नीले रंग की दरियों की आपूर्ति करेगा। खादी की इन दरियों को उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के कारीगर तैयार करेंगे। खादी की दरियों के बाद, खादी के कंबल, चादरें, तकिये के कवर, अचार, शहद, पापड़ और प्रसाधन सामग्री जैसे उत्पादों पर भी काम किया जाएगा।
सामानों की खरीद के लिए नोडल एजेंसी है ITBP
इससे पहले, पिछले वर्ष 31 जुलाई को, खादी ग्रामोद्योग आयोग ने आईटीबीपी के साथ कच्ची घानी सरसों तेल की आपूर्ति के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था जिसका सफलतापूर्वक अनुपालन किया गया। आईटीबीपी गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त वह नोडल एजेंसी है जो देश के सभी अर्द्धसैनिक बलों की ओर से सामानों की खरीद करती है।
]]>लेकिन राजनीतिक विवाद के इस दौर में भी कई ऐसे नेता हैं जो अपने काम के बल पर अपने विरोधियों को भी अपना मुरीद बना लेते हैं । ऐसे ही एक नेता हैं भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी। संसद के पटल से लेकर आधिकारिक बैठकों तक विरोधी दल के सांसद, विधायक और मुख्यमंत्री तक खुले दिल से सार्वजनिक रूप से नितिन गडकरी की तारीफ करते नजर आते हैं।
ऐसा ही एक दुर्लभ और सुखद प्रसंग पुडुचेरी में देखने को मिला। पुडुचेरी के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के 6 ठे कॉन्वोकेशन में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए जैसे ही केंद्रीय मंत्री गडकरी ने एयरपोर्ट पर लैंड किया , वो चौंक गए। वहां पर स्वागत करने के लिए जो व्यक्ति मौजूद थे, गडकरी को उनके आने की उम्मीद नहीं थी।
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प्रोटोकॉल की तमाम बंदिशों को तोड़ कर पुडुचेरी के मुख्यमंत्री (कांग्रेसी मुख्यमंत्री ) वी. नारायणसामी उनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे और वो भी पुडुचेरी की राजधानी से 150 किलोमीटर दूर। मुख्यमंत्री के साथ राज्य की राज्यपाल किरण बेदी ने भी नितिन गडकरी का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री नारायणसामी ने सिर्फ 150 किलोमीटर दूर आकर गडकरी का स्वागत ही नहीं किया बल्कि अपने दिन भर के सारे कार्यक्रम को रद्द करके पूरा दिन उनके साथ रहें और वापसी में उन्हें एयरपोर्ट तक विदा करने भी आए।
आपको बता दें कि पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार है और वहां के वर्तमान मुख्यमंत्री नारायणसामी मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान केंद्र में संसदीय कार्य मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण विभाग संभाल चुके हैं। सामी यूपीए सरकार के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री का दायित्व भी संभाल चुके हैं।
नारायणसामी की छवि एक कट्टर कांग्रेसी नेता की है। लेकिन एक कट्टर कांग्रेसी भी नितिन गडकरी के काम और स्वभाव से इतना अधिक प्रभावित हो गया कि राजनीतिक मतभेद की तमाम दीवारें टूट गई और अब आलम यह है कि पुडुचेरी के CM नारायणसामी गडकरी के विकास मॉडल को देखने के लिए अपने मंत्रियों के साथ नागपुर जाने का प्लान बना रहे हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए सावरकर मामलो के जानकार श्रीरंग गोडबोले ने कहा कि सरकार को देश की परमाणु पनडुब्बियों को सावरकर का नाम देना चाहिए। देश में आई एन एस सावरकर, आई एन एस मुंजे और आई एन एस सुभाष क्यों नहीं हो सकता ? इस दो दिवसीय अधिवेशन की शुरूआत सावरकर के सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक और वैचारिक कार्यों पर चर्चा के साथ शुरू हुई और और सभी एकमत थे कि सावरकर के साथ लोगो ने अन्याय किया और अपमानित किया। उन्हें न केवल अंग्रेजों द्वारा बल्कि स्वतंत्र भारत की सरकारों ने गलत ढंग से चित्रित किया है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से अपने भाषण में कहा की वीर सावरकर कोई व्यक्ति नहीं बल्कि एक विचार है जिसमे करोङो लोग समाहित है। वे करोड़ों लोगों के लिए एक प्रेरणा है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने इस अवसर पर कहा कि अगर लोगो के कार्य का पुनर्मूल्यांकन किया जा रहा है तो सभी के कार्यों का पुनर्मूल्यांकन होना चाहिए किसी विशेष व्यक्ति का ही केवल क्यों ? सावरकर के योगदान का प्रतिफल नहीं मिला लेकिन यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि इस कार्य को पूरा किया जाए।
उन्होंने आगे कहा की यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि सावरकर के कार्यो को अगली पीढ़ी तक पहुंचाया जाए कि वे न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी थे बल्कि एक इतिहासकार, साहित्यकार, कवि और समाज सुधारक थे। मध्य प्रदेश और गुजरात के पूर्व राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली ने कहा की सावरकर ने ही सर्वप्रथम 1857 को पहले स्वतंत्रता संग्राम का नाम दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा की भारत की भौगोलिक परिधि में रहने वाल हर व्यक्ति हिन्दू है। उन्होंने कहा की गाँधी जी के अतिरेक अहिंसा ने देश को कितना नुकसान पहुंचाया यह इतिहासकारो के लिए शोध का विषय है लेकिन सावरकर के इस मामले में अपने विचार थे और गाँधी से पहले आये जब उन्होंने हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाये जाने की बात कही थी।
राज्य सभा संसद और पत्रकार स्वप्न दासगुप्ता ने कहा सावरकर एक राजनैतिक हिन्दू थे जिन्हे मथुरा और काशी याद रहा जैसे कि शिवाजी को हमेशा स्मरण रहा। उन्होंने हिन्दू सभ्यता की बात जिंदगी भर की। उसका पूजा पद्धति से लेना देना नहीं था। इसको समझने के लिए उन्होंने पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का उदाहरण दिया जो अपने को पॉलिटिकल हिन्दू मानते थे । वरिष्ठ पत्रकार उदय माहुरकर ने सावरकर की दूरदृष्टि की चर्चा करते हुए कहा कि वे दूरदर्शी थे ।
]]>आइए आपको बताते हैं कि यह पूरा माजरा है क्या ? दरअसल , सुप्रीम कोर्ट में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इलैक्ट्रिक तकनीक अपनाने के मामले में सुनवाई चल रही थी। इसी दौरान सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश ने भारत सरकार के वकील से पूछा कि क्या परिवहन मंत्री आकर हमें इलैक्ट्रिक वाहनों की तकनीक के बारे में जानकारी दे सकते हैं। हालांकि इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने यह भी साफ कर दिया कि इसे समन नहीं बल्कि निमंत्रण के तौर पर लिया समझा जाए।
केंद्रीय मंत्री को निमंत्रण देते समय सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि उन्हें लगता है कि अधिकारियों से ज्यादा बेहतर तरीके से इस योजना की साफ तस्वीर मंत्री ही समझा सकते हैं।
लिखित में क्यों नहीं दिया सुप्रीम कोर्ट ने आदेश ?
सुप्रीम कोर्ट के इस वक्तव्य पर सरकार के वकील ने कहा कि अगर इस तरह से केंद्रीय मंत्री को अदालत में बुलाया जाएगा तो इसका राजनीतिक असर भी पड़ेगा। बाद में अदालत ने भी सरकारी वकील के तर्क को माना और इसलिए कोर्ट ने इस संबंध में कोई लिखित आदेश पारित नहीं किया।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया पूरा मामला
इस पूरे मामले पर टिप्पणी करते हुए बाद में शीर्ष अदालत ने यह भी साफ किया कि वो सरकार को कोई आदेश नहीं दे रहे हैं बल्कि सिर्फ यह समझना चाह रहे हैं कि इलैक्ट्रिक गाड़ियों के लिए सरकार के पास क्या योजना है ? कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्री चाहे तो अपने किसी अधिकारी को भी सुप्रीम कोर्ट भेज सकते हैं जो हमें पूरी जानकारी और योजना से अवगत कराएं। इसके साथ ही कोर्ट ने एक बार फिर से यह साफ किया कि प्रदूषण को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
स्वीडन यात्रा पर है नितिन गडकरी
आपको बता दें कि इस समय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सड़क सुरक्षा पर आयोजित तीसरे उच्चस्तरीय वैश्विक सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए स्वीडन की यात्रा पर है। जहां पर वो रोड सेफ्टी के लिए आयोजित अंतर्राष्ट्रीय परिषद के चर्चा सत्र में भाग ले रहे हैं।
]]>पुराने मोटर वाहन अधिनियम 1998 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था।केंद्र सरकार ने पहली बार मोटर वाहन अधिनियम 2020 में सड़क हादसों के लिए कंपनी , ठेकेदार एवं संबंधित एजेंसी के अधिकारी की जवाबदेही तय की है। नेशनल हाईवे के अलावा स्टेट हाईवे और जिला सड़कों पर भी यह नया कानून लागू होगा।
केंद्र सरकार का यह नया नियम 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा। दरअसल , केंद्र की मोदी सरकार में सबसे सक्षम मंत्रियों में अग्रणी माने जाने वाले नितिन गडकरी लगातार नए-नए आईडिया के साथ न केवल देश मे सड़कों का जाल बिछाने में लगे हैं बल्कि साथ ही वो देश की सड़कों को लंबे समय तक टिकाऊ और सुरक्षित भी बनाये रखना चाहते हैं। इसलिए वो लगातार इस पूरे सिस्टम को बदलने और सुधारने की कवायद में लगे हुए हैं।
]]>नागरिकता संशोधन विधेयक के समर्थन में बीजेपी के इस मेगा अभियान की शुरूआत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजधानी दिल्ली से करेंगे. पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा 5 जनवरी को ही गाजियाबाद में लोगों के घर-घर जाकर इस अभियान को गति देंगे .
इन दोनों के साथ-साथ पार्टी के कई दिग्गज नेता और सरकार के मंत्री देश के अलग-अलग शहरों में लोगों के घरों तक जाएंगे.
केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ , केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी नागपुर में घर-घर संपर्क अभियान चलाएंगे. अन्य मंत्रियों की बात करें तो फरीदाबाद में रविशंकर प्रसाद, रायपुर में थावर चंद गहलोत, मुंबई में पीयूष गोयल , बेंगलुरु में डीवी सदानंद गौड़ा, जयपुर में निर्मला सीतारमण और जमशेदपुर में अर्जुन मुंडा लोगों के घर-घर जाकर नागरिकता संशोधन कानून के बारे में बताएंगे.
]]>केन्द्रीय मंत्री को सौंपे विभिन्न मांग पत्रों के माध्यम से सांसद चौधरी ने सोजत शहर राजमार्ग संख्या पर आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने हेतु गंगा पेट्रोल पंप के पास एक अण्डरब्रिज निर्माण की मांग रखी, ताकि होने वाली जान-माल की हानि से बचा जा सकें। इसी प्रकार ब्यावर-पिण्डवाड़ा चार लाईन मार्ग के लिए वहां के किसानों से भूमि अवाप्त की गई थी। भूगतान में देरी की वजह से इस संबंध में एक मध्य स्तम्भ (आर्बीटेटर) जिला कलेक्टर पाली के द्वारा सन् 2012 में सुनाए गए फैसले के आधार पर डीएलसी रेट से दो गुणा मुआवजा व बढ़े हुए मुआवजे राषि पर 9 प्रतिषत पर ब्याज देने का अनुरोध भी किया।
चौधरी ने साण्डेराव से कोसेलाव व मोकलसर क्षतिग्रस्त सड़कों के नवीनीकरण एवं चैड़ाई बढ़ाने की मांग रखी। तथा माननीय मंत्री महोदय के समक्ष ब्यावर-पिण्डवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग-62 पर पाई गई कमियां विषेष रूप से प्रवेष द्वार जाखानगर जाखेड़ा पर ओवरब्रिज सहित रोड लाईटें, तख्तगढ़ ओवरब्रिज, कोसेलाव ओवर ब्रिज के बीच दोनों तरफ सर्विस रोड और सिन्दरू गांव के समीप नए पुल का निर्माण आदि विभिन्न समस्याओं को रखते हुए इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात को सुगम बनाने के लिए जल्द से जल्द इनके निस्तारण करने के लिए अनुरोध किया। इन मांगों पर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने समय पर निस्तारण करने का आश्वासन दिया।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से पीपी चौधरी की मुलाकत
पी.पी. चौधरी ने ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकत कर भंग हुई दिशा कमेटी को पुनः बहाल करने का अनुरोध करते हुए इस कमेटी की महत्वता को बताया। इस अवसर पर पाली सांसद ने जल संरक्षण के महत्व को देने हेतु जल शक्ति मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही ‘‘ग्राउण्ड वाटर मैनेजमेंट एण्ड रेगुलेशन’’ योजना को इस कमेटी के विषयों में सम्मलित करने का अनुरोध किया।
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