Deprecated: Optional parameter $output declared before required parameter $atts is implicitly treated as a required parameter in /home3/positkgj/public_html/wp-content/plugins/td-composer/legacy/common/wp_booster/td_wp_booster_functions.php on line 1594

Deprecated: Optional parameter $depth declared before required parameter $output is implicitly treated as a required parameter in /home3/positkgj/public_html/wp-content/plugins/td-cloud-library/includes/tdb_menu.php on line 251

Warning: Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home3/positkgj/public_html/wp-content/plugins/td-composer/legacy/common/wp_booster/td_wp_booster_functions.php:1594) in /home3/positkgj/public_html/wp-includes/feed-rss2.php on line 8
डॉ. महेन्द्र कुमार तनेजा – Positive Khabar https://www.positivekhabar.com ताज़ा ख़बर Sun, 21 Jul 2019 13:00:46 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.3 https://www.positivekhabar.com/wp-content/uploads/2019/06/khabar5-150x120.jpg डॉ. महेन्द्र कुमार तनेजा – Positive Khabar https://www.positivekhabar.com 32 32 हार्मोन्स संबंधी रोग बढ़ा रहा है प्रदूषण – जानिए डॉक्टरों की राय https://www.positivekhabar.com/pollution-is-increasing-hormones-related-diseases-know-doctors-opinion/ Sun, 21 Jul 2019 13:00:46 +0000 https://www.positivekhabar.com/?p=3802 तनाव की एक वजह प्रदूषण भी है, जो हमारे शरीर के हार्मोन्स को अनियंत्रित करता है .  हार्मोन्स अनियंत्रित होने की वजह से बांझपन, नपुंसकता, मीनोपॉज और मधुमेह जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं. अनियंत्रित हार्मोन्स की इस समस्या को होलेस्टिक मेडिसन के जरिए ठीक किया जा सकता है. इस विषय पर रविवार को भारतीय योग एवं चिकित्सा संस्थान द्वारा डीएमए हॉल में सेमिनार का आयोजन किया गया।

होलेस्टिक एप्रोच टू हार्मोनल इंबैलेंस विषय पर मुख्य वक्ता डॉ. महेन्द्र कुमार तनेजा ने बताया कि भ्रामरी प्राणायाम ध्यान केन्द्रित करने में सहायक है . अतिसक्रिय थायरॉयड हाइपरथायरॉडिज्म और हाइपोथायरॉयडिज्म में भ्रामरी को लाभदायक माना गया है . उज्जयी प्राणायाम, सूर्य प्राणायाम, भुजंग आसन, मत्स्य आसान आदि हार्मोन्स को नियंत्रित करने में सहायक हैं .

उन्होंने कहा कि हाइपोथायरॉडिज्म में गेंहू के प्रयोग से बचना चाहिए, इसके साथ ही थायरॉयड के रोगियों को बंद गोभी और फूल गोभी का सेवन कम करना चाहिए, जबकि पालक, अदरक और समुद्री आहार इसमें लाभदायक हैं . जलन, कुंठा और ईर्ष्या की वजह से शरीर में हार्मोन्स में बदलाव होता है जो बीमारियों का कारण बनते हैं.

डॉ. तनेजा ने बताया कि ध्यान या शिव ध्यान करने से मनुष्य अल्फा वेब में पहुंच जाता है और रोगों से लड़ने के लिए शरीर में मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है .

कार्यशाला में राममनोहर लोहिया स्नात्कोत्तर संस्थान के डीन डॉ. राजीव सूद ने बताया कि हार्मोन्स की गड़बड़ी की वजह पुरूषों में एंडोपॉज होता है . जिसकी वजह से थकान, आलस्य, तोंद का बाहर निकलना और बारबार लघु शंका होना आदि शामिल हैं . सेमिनार में डॉ. तारिनी तनेजा ने महिलाओं में हार्मोन की गड़बड़ी से होने वाले रोगों के बारे में बताया .

सेमिनार का संचालन रजनीश गर्ग तथा आईएनओ (अंर्तराष्ट्रीय नैचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन)के राष्ट्रीय उप सचिव डॉ. विनोद कश्यप द्वारा किया गया।

]]>