युवाओं से रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ो रुपये की ठगी करने वाले ऐसे ही दो अपराधियों को गाज़ियाबाद जिले की ट्रॉनिका सिटी थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से रेलवे के 20 फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर, 5 मेडिकल लेटर और रेलवे के नाम वाले लिफाफे बरामद हुए हैं।
इन दोनों अपराधियों को कब,कहां और कैसे गिरफ्तार किया गया और क्या-क्या बरामद हुआ ?
ये अपराधी अब तक रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 300 लोगों को ठग कर करोड़ो रुपये की हेरा-फेरी कर चुके हैं। एसपी देहात नीरज कुमार के मुताबिक ट्रॉनिका सिटी में कुछ लोगों ने इसकी जानकारी दी थी। थाने में एक अनाम शिकायत भी आई थी। इस पर तेजी से कार्रवाई करते हुए ट्रॉनिका सिटी थाने की पुलिस टीम ने गैंग के 2 सदस्यों विकास और सचिन को गिरफ्तार कर लिया।
जॉब वेबसाइट पर विज्ञापन डाल कर युवाओं को ठगते थे
पुलिस के मुताबिक , ये दोनों अपराधी दिल्ली के रहने वाले हैं , हालांकि इस गैंग का सरगना नागपुर का रहने वाला है। इसकी गिरफ्तारी के लिए गाज़ियाबाद पुलिस नागपुर पुलिस से मदद लेगी। ये गिरोह नौकरी दिलाने के नाम पर एक शख्स से 8 से 10 लाख रुपये लेता था।
एसपी देहात नीरज कुमार जादौन के अनुसार , ” पूछताछ में इन आरोपियों ने बताया कि वो गैंग की तरफ से विभिन्न जॉब साइट्स पर विज्ञापन डाल कर युवाओं को लुभाया करते थे। संपर्क करने वाले युवाओं को पहले रेलवे का फॉर्म भेजा था। इस फॉर्म को भरवाने के नाम पर 5 हज़ार रुपये जमा कराए जाते थे। लोगों के विश्वास को मजबूत करने के लिए इन्हें उत्तर रेलवे के दिल्ली स्थित हेडक्वार्टर बड़ौदा हाउस बुलाया जाता था । यहां ऑफिस के बाहर खड़े गैंग के लोग खुद को रेलवे का स्टॉफ बता कर उनके फॉर्म जमा कर लेते थे।
इसके बाद नौकरी दिलाने के नाम पर 8 से 10 लाख रुपये की डिमांड की जाती थी। यह गिरोह इतनी सतर्कता से काम करता था कि इन पर शक होना बहुत मुश्किल था।
फर्जी मेडिकल, फर्जी ट्रेनिंग और फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर
पकड़े गए ठगों ने बताया कि लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए रेलवे के लेटरहेड पर मेडिकल लेटर भेजा जाता था। इसमें रेलवे के विभिन्न अस्पतालों के एड्रेस होते थे। बाद में इन्हें उनमें से किसी अस्पताल में भेजा जाता था जहां पर इन्ही के गिरोह का कोई आदमी फर्जी डॉक्टर बन कर किनारे ले जाकर नौकरी के लिए आए लोगों का मेडिकल कर देता था।
इसके बाद गिरोह कैंडिडेट्स को ट्रेनिंग लेटर इशू कर नॉर्दर्न रेलवे के अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनिंग के लिए भेजता था। उस रेलवे स्टेशन पर गैंग के सदस्य पहले से मौजूद रहते थे जो खुद को रेलवे का अधिकारी बता कर इन्हें ट्रेनिंग भी देते थे।
ट्रेनिंग के बाद इन कैंडिडेट्स को डाक के जरिए अपॉइंटमेंट लेटर भी भेजा जाता था। आमतौर पर उस लेटर में 1-2 महीने बाद की जोइनिंग डेट डाली जाती थी। जब कैंडिडेट्स रेलवे में ड्यूटी जॉइन करने जाते थे तब उन्हें ठगे जाने का पता चलता था।
तो अगली बार आप रहिएगा सावधान। नौकरी के लिए तैयारी कीजिए , आधिकारिक चैनल के माध्यम से ही अप्लाई कीजिए। आजकल तो सबकुछ ऑनलाइन ही हो रहा है और अगर आपको जरा भी गड़बड़ी का अहसास हो तो तुरंत पुलिस में रिपोर्ट कीजिए।
]]>व्यापारी हो या उद्यमी , अगर उनके साथ कोई आपराधिक वारदात हो जाये, उन्हें धमकी मिल रही हो या कोई ब्लैकमेल कर रहा हो तो पुलिस में शिकायत करने की प्रक्रिया के दौरान भी उन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
व्यापारियों और उद्यमियों से लगातार मिल रहे फीडबैक के बाद गाज़ियाबाद के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने समाधान का नया रास्ता निकालने की कोशिश की है।
कलानिधि नैथानी ने व्यापारियों एवं उद्यमियों के साथ घटित आपराधिक घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज करवाने , जांच और उनकी सुरक्षा व्यवस्था पर नियमित और पुख्ता निगरानी के मकसद से व्यापारी / उद्यमी सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन कर दिया है। व्यापारी रोजमर्रा के आधार पर होने वाली समस्याओं को भी यहां दर्ज करा सकते हैं।
विशेष प्रकोष्ठ का हेल्पलाइन नंबर – 9643322890
यह हेल्पलाइन नंबर और स्पेशल सेल सप्ताह के सातों दिन और 24 घंटे काम करेगा। इसका नोडल SP सिटी को बनाया गया है। इसका पूरा रिकॉर्ड एक रजिस्टर के रूप में बनाया जाएगा जिसकी जांच साप्ताहिक आधार पर खुद SSP कलानिधि नैथानी करेंगे।
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गाजियाबाद के नए एसएसपी कलानिधि नैथानी ने सोमवार ( 13 जनवरी ) को जन सुनवाई के दौरान 100 से ज्यादा पीड़ितों की फरियाद को सुना . एसएसपी ने ज्यादातर शिकायतों का निपटारा मौके पर ही करते हुए संबंधित थानों और चौकियों को तेजी से कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया.
नए एसएसपी कलानिधि नैथानी ने जनसुनवाई को लेकर अपने कार्यालय के बाहर एक डेस्क भी बना दिया है , जहां एक इंस्पेक्टर बैठकर लोगों की शिकायतों को सुनेगा. एसएसपी स्वयं भी लोगों की फरियाद को सुनेंगे. उनकी अनुपस्थिति में उनके कार्यालय के बाहर बने डेस्क पर बैठे इंस्पेक्टर को सुनवाई और नोट करने के साथ-साथ मदद करने की जिम्मेदारी भी दी गई है.
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जनसुनवाई को प्रभावी बनाने के लक्ष्य के साथ काम करने वाले कलानिधि नैथानी यह भी दावा कर रहे हैं कि 2 मिनट में सुनवाई होगी और 3 मिनट में एक्शन. इस संबंध में पदभार संभालते ही उन्होने सबसे पहले तमाम सीओ , फिर एसएचओ और फिर चौकी प्रभारियों के साथ बैठक कर अपने लक्ष्य को साफ-साफ बता दिया. आपको बता दें कि जिले का चार्ज लेते समय ही नए एसएसपी ने यह दावा किया था कि बिना सिफारिश के पीड़ितों की सुनवाई होगी.
जिले में कानून व्यवस्था और पुलिस व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त बनाने के मकसद ने नए एसएसपी लगातार थानों का दौरा कर रहे हैं , फीड़बैक ले रहे हैं और साथ ही जरूरी दिशा-निर्देश भी दे रहे हैं .
Positivekhabar.com गाजियाबाद के नए एसएसपी कलानिधि नैथानी को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए यह उम्मीद करता है कि जनसुनवाई की व्यवस्था सही मायनों में मजबूत और कारगर बनाई जाएगी ताकि फरियादियों को इधर-उधर भटकना न पड़े.
]]>अवैध तरीके से सार्वजनिक स्थानों, सड़क पर कार खड़ी करके उसके अंदर पीना या बाहर बोनट पर बैठक कर पीने वालों के अलावा चौराहों पर अवैध शराब पिलाने वालों और शराब पीने वालों के खिलाफ यह अभियान चलाया गया. पुलिस के मुताबिक इस अभियान के दौरान 327 लोगों को गिरफ्तार किया गया. कई लोगों को चेतावनी देकर छोड़ा गया.
30 नवंबर को रात 8 बजे से लेकर 12 बजे तक , लगभग 4 घंटे चले इस ऑपरेशन में पुलिस ने सभी शहरी और ग्रामीण थाना क्षेत्रों के विभिन्न इलाकों में सार्वजनिक स्थानों पर खुले में शराब का सेवन करने वाले लोगों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया. शराब की दुकानों के बाहर व सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों में शराब का सेवन कर रहे लोगों को भी हिरासत में लिया गया.
इस दौरान अलग-अलग क्षेत्रों में मॉडल शॉप्स के बाहर खड़े होकर, दोपहिया वाहनों पर, गाड़ी में अंदर बैठकर, बोनट पर रखकर आदि जगहों पर शराब पी रहे लोगों को पकड़ा गया. हालांकि कुछ लोगों को पुलिस ने चेतावनी देकर छोड़ा. वहीं, बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में लेकर थाने ले जाया गया.
गाजियाबाद पुलिस के एस एस पी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि,
]]>” पिछले कई दिनों से शिकायतें मिल रही थीं कि सार्वजनिक स्थानों पर नियमों का उल्लंघन कर शराब का सेवन किया जाता है. इसलिए यह अभियान चलाया गया. उन्होंने दावा किया कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और सार्वजनिक जगहों पर शराब पीने वालों पर कार्रवाई की जाएगी, ताकि आम लोगों को परेशानी न उठानी पड़े. साथ ही लोगों से नियमों का पालन कराने के साथ, लोगों को सार्वजनिक जगहों पर शराब पीने से रोका जा सके. “