मध्य प्रदेश के सियासी संकट को लेकर सबसे बड़ी खबर आ रही है। सियासी उठापटक में हस्तक्षेप करते हुए राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को सोमवार को हर हालत में विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है। राज्यपाल के हस्तक्षेप और निर्देश ने राज्य के सियासी तापमान को एक बार फिर से गर्मा दिया है।
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]]>भगवान श्री राम से जुड़ी रामायण काल की यादों को सहेजने को लेकर राज्य की कमलनाथ सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में एक ट्रस्ट का गठन भी किया गया है।
शुक्रवार को भोपाल में हुई कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश सरकार के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया,
“प्रदेश में राम वन गमन पथ निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन का फैसला किया गया है। ट्रस्ट के अध्यक्ष मुख्यमंत्री कमलनाथ होंगे। प्रदेश के मुख्य सचिव ट्रस्ट के पदेन सचिव होंगे।”
भगवान राम, कमलनाथ सरकार और कांग्रेस
आपको बता दें कि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी राम वन गमन पथ के निर्माण का वायदा किया था। 14 वर्षों के वनवास के दौरान भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ जिन-जिन रास्तों से गुजरे थे, जहां-जहां वन गमन किया था। वहां-वहां प्रदेश सरकार भगवान राम की यादों को सहेजने के लिए पथ का निर्माण कराएगी। यह मार्ग चित्रकूट से अमरकंटक तक बनेगा।
मध्य प्रदेश में राजनीतिक उठा-पटक और कमलनाथ सरकार की स्थिरता पर मंडरा रहे खतरे के बीच इस फैसले को कांग्रेस सरकार का बड़ा मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। यह कांग्रेस की सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति का बड़ा सबूत है जिसका लाभ कांग्रेस आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों में भी उठाने की कोशिश निश्चित तौर पर करती नजर आएगी।
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