ऑनलाइन एजुकेशन का सिस्टम लगातार जोर पकड़ता जा रहा है और अब यह तय हो गया है कि आने वाले दिनों में इसका उपयोग और भी ज्यादा बढ़ता जाएगा। ऐसे में अब यह जरूरी हो गया है कि सभी अभिवावक बच्चों को ऑनलाइन मंडरा रहे खतरें के बारे में भी बताए, आगाह करें।
बच्चों को बताएं – ऑनलाइन सुरक्षित कैसे रहना है?
ऑनलाइन की दुनिया, वास्तव में यूजर आईडी और पासवर्ड की दुनिया है। पासवर्ड जितना मजबूत होगा, आप भी उतने ही मजबूत होंगे। पासवर्ड जब तक सेफ रहेगा , आप भी तब तक ही सुरक्षित रहेंगे।
रहना है ऑनलाइन सेफ – पढ़िए, क्या करें और क्या न करें
साइबर बुलिंग को भी जानना है जरूरी
ऑनलाइन किस तरह का खतरा मंडरा रहा है। यह बच्चों के साथ-साथ , हम सबके लिए जानना जरूरी है। हम सबके लिए यह जानना जरूरी है कि यह साइबर बुलिंग होता क्या है ? इसलिए आप भी पढ़िए, समझिए और बच्चों को भी जरूर समझाइए।
साइबर बुलिंग -कैसे रोकें और मुकाबला करें
आपको यह बखूबी समझ आ गया होगा कि यह ऑनलाइन खतरा है क्या ? आखिर यह साइबर बुलिंग है क्या ? खतरें को जान और समझ लेने के बाद यह सबसे ज्यादा जरूरी हो जाता है कि उससे मुकाबला कैसे किया जाए। तो पढ़िए यह गाइडलाइन्स
सबकों यह मालूम होना चाहिए कि साइबर अपराध का शिकार होने पर क्या करें। इसके लिए जरूरी है तमाम हेल्पलाइन नंबर्स, मेल आईडी को याद रखना। यह सभी जरूरी जानकारी आपको ऊपर की तस्वीर में नजर आ रही होगी।
आपको बता दें कि NCERT और संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन के नई दिल्ली स्थित कार्यालय ने मिलकर ऑनलाइन सुरक्षित रहने पर छात्रों और शिक्षकों के बीच में जागरूकता बढ़ाने के लिए उपरोक्त गाइडलाइन्स वाली किताब को तैयार किया है । जिसका शुभारंभ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने किया।
]]>मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए कक्षा 1 से 12 तक के पाठ्यक्रमों में सुधार के लिए सुझाव आमंत्रित किए हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रमों में शीघ्र सुधार की आवश्यकता है क्योंकि शिक्षा का उद्देश्य, प्रणाली से एक अच्छे व्यक्ति को तैयार करना है। शैक्षिक योग्यता के साथ जीवन कौशल, प्रायोगिक शिक्षा, शारीरिक शिक्षा और रचनात्मक कौशल की भी आवश्यकता होती है। हमें ऐसी प्रणाली विकसित करनी चाहिए जिसमें छात्रों को इनमें से प्रत्येक विषय के लिए समय मिले और वह उस क्षेत्र में प्रगति करे जो उसे पसंद हो।
जावड़ेकर ने स्पष्ट करते हुए कहा कि पाठ्यक्रमों में सुधार की मांग लम्बे समय से रही है और अधिकांश लोग मानते हैं कि यह पाठ्यक्रम आवश्यकता से अधिक विस्तृत है और आधुनिक समय के अनुसार उपयुक्त नहीं है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने शिक्षकों, प्राचार्यों, स्कूल प्रबंधनों, शिक्षाविदों, अभिभावकों, छात्रों, स्वयं सेवी संस्थाओं, विशेषज्ञों, जनप्रतिनिधियों समेत सभी हितधारकों से आग्रह करते हुए कहा कि वे इस मसले पर अपने सुझाव भेंजे।
सुझाव 5 मार्च, 2018 से 6 अप्रैल, 2018 तक लिंक http://164.100.78.75/DIGI पर भेजे जा सकते हैं। सुझाव संक्षिप्त होने चाहिए तथा दिए गए प्रारूप में ऑनलाइन भेजे जाने चाहिए। सुझाव भेजने वालों की व्यक्तिगत जानकारियां गोपनीय रखी जाएंगी।
सीबीएससी और एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम निम्न लिंकों पर उपलब्ध हैं –
http://cbseacademic.nic.in/curriculum.html
http://www.ncert.nic.in/rightside/links/syllabus.html
सुझाव मंगाने का उद्देश्य कक्षा 1 से 12 तक के विभिन्न विषयों की पाठ्य सामग्री (सीबीएससी और एनसीईआरटी) को अधिक संतुलित बनाना है।
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