वक्त हूं मैं – कहानी जिंदगी की

By नरेंद्र राठी, वरिष्ठ नेता- कांग्रेस

“”वक्त” हूं मैं, 

“वक्त” हूं मैं,
हर वक्त हूं मैं,

मुठ्ठी में रेत की तरह,
निकलता जा रहा हूं मैं,
जिंदगी से तेरी,
फिसलता जा रहा हूं मैं,

हमेशा तेरे साथ
दिन हो या रात,
दिखता नहीं मैं,
टिकता मैं नहीं,
रुकता नहीं मैं,
थकता मैं नहीं,

मैं तेरे साथ चलूं,
तू मेरे साथ चल,
सम्मान कर मेरा,
तू मेरा हर पल
मेरी पहचान कर,
मुझ पर अभिमान कर,

कभी दुखी करूं,
कभी सुखी करूं,
हसाऊं मै कभी,
कभी रुलाऊं मै,
ताज पहनाऊं कभी,
मिट्टी में मिलाऊं मैंं,
फ़र्श पर कभी,
अर्श पर पहुंचाऊं मैं,
नरम हूं मैं,

सख्त हूं मैं
“वक्त” हूं मैं,

हर वक्त हूं मैं।।।

कवि- नरेंद्र राठी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है और उत्तर प्रदेश के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर के सचिव रह चुके हैं। 

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