कोरोना रोकथाम-रामनगरी अयोध्या की सीमा हुई सील, बाहरी व्यक्तियों को प्रवेश की अनुमति नहीं

अयोध्या, उत्तर प्रदेश। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार से लेकर तमाम राज्य सरकारें , स्थानीय निकाय और जिले के अधिकारी अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च , रविवार को देश की 130 करोड़ जनता से जनता कर्फ्यू का आह्वाहन किया है। वहीं देश के तमाम जिलाधिकारी इस प्रयास में लगे हैं कि उनके इलाके में ऐसा कोई आयोजन न हो जहां लोगों की भीड़ एकत्रित हो जाए।

रामनगरी अयोध्या में देश और दुनिया से लगातार श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। जबसे सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया है और राम मंदिर निर्माण के लिए गठित किए गए ट्रस्ट ने कामकाज शुरू कर दिया है , उसके बाद से भगवान राम के भक्तों की संख्या अयोध्या में लगातार बढ़ती ही जा रही है। बढ़ रही भीड़ और कोरोना के खतरे को देखते हुए प्रशासन की तरफ से एडवाइजरी भी जारी की गई थी लेकिन इसके बावजूद लोगों का अयोध्या पहुंचना जारी रहा। रामनवमी की वजह से भक्तों की भीड़ और ज्यादा जुटना भी तय माना जा रहा था।

 

ऐसे में लोगों की भीड़ को इकट्ठा होने से रोकने के लिए रामनगरी अयोध्या के जिलाधिकारी ने एक बड़ा फैसला किया। अयोध्या की सीमा को अब बाहरी लोगों के लिए पूरी तरह से सील कर दिया गया है। अयोध्या के जिलाधिकारी – DM अनुज कुमार झा द्वारा जारी आदेश के मुताबिक 2 अप्रैल , 2020 तक अयोध्या की सीमा पूरी तरह से सील रहेगी। बाहर से आने वाले लोगों को जिले की सीमा पर ही रोक कर वापस भेज दिया जाएगा। इसलिए लोगों से फिलहाल अयोध्या की यात्रा न करने को कहा जा रहा है।

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सरयू नदी में भी सामूहिक स्नान करने पर 2 अप्रैल तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही जिले के सभी स्वीमिंग पूल, सरोवर और कुंड आदि जैसी जगहों पर भी सामूहिक स्नान को बैन कर दिया गया है। जिले के सभी होटलों, धर्मशालाओं, लॉज और यात्री निवासों को भी 2 अप्रैल तक कोई बुकिंग नहीं करने और पहले से किए गए बुकिंग्स को रद्द करने का आदेश दिया गया है।

अयोध्या DM द्वारा जारी आदेश की कॉपी

 

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए अयोध्या जिला प्रशासन द्वारा लिया गया यह फैसला सराहनीय है और हम सबकों इस फैसले का सम्मान और पालन जरूर करना चाहिए। यह भी याद रखें कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों को कानूनी रूप से सजा का सामना भी करना पड़ सकता है।

वैसे आपको एक बार और याद दिला देते हैं। कल 22 मार्च है। याद है न आपको… कल हमें… हम सबको जनता कर्फ्यू में रहना है…