दूसरी बार प्रधानमंत्री पद संभालने वाले नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपनी कैबिनेट की पहली बैठक बुलाई । इसमें खेती-किसानी को लेकर कई अहम और बड़े फैसले किए गए। फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि सरकार ने पीएम किसान सम्मान योजना का दायरा बढ़ाने का फैसला किया गया है। अब देश के सभी किसानों को इसका लाभ मिलेगा। अब 15 करोड़ किसानों को योजना का फायदा होगा। योजना के तहत 3 बार में किसानों को 6 हजार रूपये दिए जाएंगे। पहले इस योजना की परिधि में केवल 12 करोड़ किसान ही थे।
दरअसल , प्रधानमंत्री का लक्ष्य है कि अगले पांच साल में किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाए। मंत्री ने बताया कि सामान्य रूप से ऐसा निर्णय वोट लेने के लिए किया जाता है लेकिन वर्तमान सरकार साफ़ नीयत से कार्य करने आई है। किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए पेंशन योजना का भी ऐलान किया गया है । किसान पेंशन योजना के पहले चरण में 5 करोड़ किसान आएंगे जिसमें 18 से 40 वर्ष के किसानों को रखा गया है। 60 वर्ष पूर्व होने पर किसानों को 3 हज़ार रूपये प्रति माह देने का प्रावधान है। किसानों की मृत्यु हो जाने पर आधे लाभ उसके पत्नी को दिया जाएगा।
18 वर्ष के किसान अगर इसमें भाग लेते हैं तो उनको सालाना 55 रूपये देना होगा और सरकार भी उतना ही अंशदान देगा। इस योजना के तहत 10 हज़ार करोड़ की लागत आएगी। एलआईसी चलाएगी श्रमयोगी मानधन योजना।
इसके साथ ही दुधारू पशुओं को गंभीर बीमारी से बचाने के लिए पशुओं के टीकाकरण का पूरा खर्च भी केन्द्र सरकार उठाएगी। इसके लिए 13 हज़ार करोड़ का अंशदान भी सरकार दे रही है। इससे 30 करोड़ गाय, भैंस तथा बैलों को, 20 करोड़ भेड़ तथा बकरी और एक करोड़ सूअरों को यह टीकाकरण लगाया जाएगा। जैसे पोलियो समाप्त किया गया उसी प्रकार से इस योजना के तहत ये टीकाकरण चलाया जा रहा है। पहले केन्द्र और राज्य 60 तथा 40 के हिसाब से अंशदान देते थे लेकिन अब सारा का सारा खर्च केन्द्र सरकार उठाने जा रही है।